5 Dariya News

जेकेएएसीएल द्वारा दो दिवसीय पंजाबी राइटर्स सेमिनार शुरू

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जम्मू 08-Feb-2024

जम्मू-कश्मीर कला, संस्कृति और भाषा अकादमी द्वारा ’समकली पंजाबी साहित्य-जम्मू-कश्मीर’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय पंजाबी लेखक संगोष्ठी आज के.एल. में शुरू हुई। मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिव संस्कृति सुरेश कुमार गुप्ता, जेकेएएसीएल के सचिव भरत सिंह और जेकेएएसीएल के पूर्व अतिरिक्त सचिव डॉ. अरविंदर सिंह अमन की उपस्थिति में अकादमी के सहगल सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अजीत सिंह मस्ताना, वरिष्ठ पंजाबी लेखक और ग़ज़ल कवि ने समारोह की अध्यक्षता की, जबकि पोपिंदर सिंह पारस, वरिष्ठ संपादक शीरज़ा पंजाबी, जेकेएएसीएल ने मंच साझा किया। जेकेएएसीएल के सचिव भरत सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में बुद्धिजीवियों, लेखकों, कवियों, जम्मू विश्वविद्यालय और अन्य कॉलेजों के संकाय छात्रों और विद्वानों और पंजाबी भाषा के प्रेमियों ने भाग लिया।

सचिव, जेकेएएसीएल ने गणमान्य व्यक्तियों और अतिथियों का स्वागत किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अकादमी युवा और वरिष्ठ कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में साहित्यिक, सांस्कृतिक और कला कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। अकादमी ने जम्मू-कश्मीर में जिला और तहसील स्तर पर ऐसे कई पंजाबी साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए हैं। 

इन कार्यक्रमों का संचार के विभिन्न माध्यमों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दृष्टिकोण था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वरिष्ठों को युवा पीढ़ी को कला, संस्कृति और साहित्यिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि अगली पीढ़ी कला और संस्कृति के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए तैयार हो सके।मुख्य भाषण डॉ. अरविंदर सिंह अम्न पूर्व अतिरिक्त सचिव जेकेएएसीएल द्वारा प्रस्तुत किया गया।

अपने संबोधन में प्रधान सचिव ने कहा कि अकादमी भाषाओं की बेहतरी के लिए काम कर रही है और युवाओं को इस दिशा में प्रोत्साहित कर रही है.।सेमिनार के पहले शैक्षणिक सत्र के दौरान डॉ. हरभजन सिंह ने ’समकली पंजाबी कहानीः सर्वेखां ते मूलांकां’ विषय पर, डॉ. एमपी सिंह ने ’जम्मू-कश्मीर विच पंजाबी भाषा दी वर्तमान स्थिति’ विषय पर तीन शोध पत्र प्रस्तुत किए। 

डॉ. गुरप्रीत कौर ने ’समकली अते जम्मू-कश्मीर दी पंजाबी कविता इक जायज़ा’ विषय पर वरिष्ठ पंजाबी लेखकों जे.बी. को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर खालिद हुसैन, एस. जोगिंदर सिंह पांधी और डॉ. मोनोजीत उपस्थित थे, जिन्होंने उपस्थित पत्रों की सामग्री और सत्र के अन्य पहलुओं पर अपने विचार दिए। दिन के दूसरे शैक्षणिक सत्र के दौरान पंजाबी लघु कथा पाठ का आयोजन किया गया। 

पंजाबी लघु कथाकार खालिद हुसैन, सुरिंदर नीर, आर. एस. राजन, डॉ. सतवंत सिंह, जसमीत सिंह और अंतरजीत कौर ने अपनी लघु कथाएँ प्रस्तुत कीं। अध्यक्ष मंडल में वरिष्ठ पंजाबी लेखक डॉ. बलजीत सिंह रैना और प्रो. राजकुमार उपस्थित थे। उन्होंने सत्र के दौरान प्रस्तुत लघुकथाओं और सेमिनार से जुड़े अन्य पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किये।