5 Dariya News

मुख्य सचिव ने तवी रिवरफ्रंट विकास परियोजना स्थल का दौरा किया

इस भव्य परियोजना के सुचारू संचालन एवं प्रबंधन हेतु कई निर्देश पारित किये गये

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जम्मू 31-Jan-2024

मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने तवी रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के परियोजना स्थल का पहला दौरा किया, जिसके दौरान उन्होंने चल रहे कार्यों और निष्पादन एजेंसी द्वारा पूरे किए गए कार्यों का निरीक्षण किया और इसके बाद नागरिक सचिवालय में उसी के संबंध में एक बैठक की। दौरे के दौरान उनके साथ जल शक्ति विभाग के एसीएस शालीन काबरा, आयुक्त सचिव एच एंड यूडीडी मनदीप कौर, संभागीय आयुक्त जम्मू रमेश कुमार, आयुक्त जेएमसी राहुल यादव, डीसी जम्मू सचिन कुमार वैश्य, मुख्य अभियंता आईएंडएफसी, यूईईडी के अलावा अन्य संबंधित अधिकारी भी थे।

मुख्य सचिव ने चैथे पुल के समीप बराज स्थल का भ्रमण कर अब तक किये गये कार्य की जांच की। उन्होंने इस परियोजना के चित्रों और डिजाइनों का भी निरीक्षण किया और जनता को समर्पित किए जाने वाले अंतिम परिव्यय के बारे में जानकारी ली। उन्होंने काम की गति में तेजी लाने और निर्धारित समय सीमा के भीतर परियोजना को पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने इस जम्मू शहर सौंदर्यीकरण परियोजना के सुचारू संचालन के लिए लिए जाने वाले कई महत्वपूर्ण निर्णयों पर ध्यान दिया।

उन्होंने एक प्राधिकरण के पदनाम के बारे में एक ठोस योजना बनाने पर जोर दिया जो इस परियोजना के रियल एस्टेट घटक सहित पूरे प्रोजेक्ट की देखभाल कर सके। उन्होंने संबंधितों को केंद्रीय द्वीप सहित बाएं और दाएं किनारों पर भूमि के पुनः प्राप्त हिस्सों के लिए एक मजबूत योजना बनाने की सलाह दी ताकि यह इस परियोजना के समग्र माहौल में जुड़ सके।

डुल्लू ने हितधारकों के परामर्श से निकटवर्ती गोदाम के स्थानांतरण की योजना बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रत्येक मुद्दे पर शीघ्र निर्णय लेने के लिए संभागीय, जिला प्रशासन और जम्मू स्मार्ट सिटी लिमिटेड के बीच घनिष्ठ समन्वय रखने को कहा। मुख्य सचिव ने मनोरंजक, आवासीय/व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए रियल एस्टेट विकास के घटक की जानकारी लेते हुए भूमि उपयोग योजना के लिए पहले से मंजूरी लेने के लिए कहा ताकि बाद में व्यापार करने में आसानी सुनिश्चित हो सके। 

उन्होंने इन प्रारंभिक कार्यों को एक माह में पूरा करने और आगामी महीनों में इनके क्रियान्वयन पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिये। बैठक में मुख्य सचिव को जेएससीएल के सीईओ और आईएंडएफसी के मुख्य अभियंता ने इस परियोजना के विभिन्न घटकों की प्रगति के बारे में जानकारी दी। यह बताया गया कि इस परियोजना की कल्पना बाढ़ शमन और मनोरंजक स्थानों के निर्माण के दोहरे उद्देश्यों के साथ की गई है। 

परियोजना के दो व्यापक घटक हैं जिनमें निर्माण भाग और रियल एस्टेट विकास भाग शामिल हैं। इन दोनों घटकों के लिए संबंधित निष्पादन एजेंसियों ने सलाहकारों की सेवाएं भी ली हैं। जहां तक निर्माण भाग का सवाल है, इसमें चैथे पुल के पास केंद्रीय द्वीप के साथ-साथ बाएं और दाएं दोनों किनारों पर सैरगाह, डायाफ्राम दीवारें, रिटेनिंग दीवारें, एंकर स्लैब बिछाना, तटबंध भरना और इंटरसेप्टर नालियां विकसित करना शामिल है। रियल एस्टेट के विकास में पुनः प्राप्त भूमि और निकटवर्ती गोदाम पर मनोरंजक, आवासीय, वाणिज्यिक और हरित स्थानों का निर्माण शामिल है।

इसके अतिरिक्त बैठक में बताया गया कि गुज्जर नगर ब्रिज से चैथे ब्रिज तक चरणबद्ध रूप से लगभग 7 किलोमीटर की लंबाई का तटबंध बनाया जाना है, जिससे भगवती नगर बैराज से बिक्रम ब्रिज तक एक कृत्रिम झील बनाई जाएगी। चरण-1 में परियोजना के तटबंधों का निर्माण बैराज से बिक्रम ब्रिज तक नदी के दोनों किनारों पर 2.7 किलोमीटर की लंबाई में किया जा रहा है।

चरण-1 के लिए कुल परियोजना लागत 194.47 करोड़ रुपये है, जिसमें तटबंध, डायाफ्राम दीवार, भराव, इंटरसेप्टर नालियां, घाट सुरक्षा आदि को बढ़ाने के लिए 156.38 करोड़ रुपये शामिल हैं, जबकि शेष 38.09 करोड़ रुपये लैंडस्केपिंग, सड़कों, फुटपाथ, टॉयलेट ब्लॉक, फूड कोर्ट, प्रकाश व्यवस्था आदि जैसी सुविधाओं के लिए हैं।

बैठक में बताया गया कि इस परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 70 प्रतिषत से अधिक है और इस वर्ष जून तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके अलावा बताया गया कि डायाफ्राम दीवार के 440 पैनलों के लक्ष्य के मुकाबले सभी काम पूरे हो गए हैं। बैठक में इस नदी के दायीं और बायीं ओर के 12 नालों को मोड़ने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इसमें मुद्रीकरण रणनीति, प्रस्तावित भूमि उपयोग, पट्टा अवधि, रियल एस्टेट विकास के लिए प्राधिकरण के अलावा इस परियोजना के संचालन और प्रबंधन हेतु अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया गया।