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उपायुक्त राजौरी ने पीएमवीकेएसवाई के तहत 180 मामलों को मंजूरी दी, जिससे कई व्यवसायों में कारीगरों को सशक्त बनाया गया

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राजौरी 29-Jan-2024

राजौरी के उपायुक्त ओम प्रकाश भगत ने जिले में प्रमुख “पीएम विष्वकर्मा कौशल सम्मान योजना“ के कार्यान्वयन की समीक्षा हेतु एक बैठक की अध्यक्षता की, जो पारंपरिक कारीगरों के उत्थान और सशक्तीकरण के लिए बनाई गई एक दूरदर्शी योजना है। पीएम विष्वकर्मा कौशल सम्मान योजना भारत की पारंपरिक शिल्प कौशल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और पोषित करने, कारीगरों को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करने और उन्हें अपने सदियों पुराने कौशल को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने में सक्षम बनाने में अत्यधिक महत्व रखती है। 

इस परिवर्तनकारी पहल के तहत, पात्र कारीगरों को वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण और आधुनिक बाजारों से परिचित करवाया जाता है, जिससे उनकी आजीविका और हमारी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण सुनिश्चित होता है। बैठक में प्रस्तुत आवेदनों की गहन जांच के बाद डीसी ने पीएम विष्वकर्मा कौशल सम्मान योजना के तहत 180 मामलों को मंजूरी दे दी। ये मामले विभिन्न प्रकार के व्यापारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

लाभार्थियों का चयन यह सुनिश्चित करने के लिए सावधानीपूर्वक किया गया है कि विभिन्न पृष्ठभूमि और व्यवसायों के योग्य कारीगरों को वह सहायता मिले जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए चाहिए। इन 180 मामलों की मंजूरी राजौरी जिले में कारीगरों को सशक्त बनाने की दिशा में जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता और समर्पण का प्रमाण है। 

वित्तीय सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करके, पीएमवीकेएसवाई योजना का उद्देश्य कारीगरों का उत्थान करना, उनके कौशल को बढ़ाना और उनके लिए आधुनिक बाजारों का पता लगाने के अवसर पैदा करना है, जिससे न केवल उनकी आजीविका सुरक्षित हो बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी संरक्षित किया जा सके।

उपायुक्त राजौरी ओम प्रकाश भगत ने एक सुव्यवस्थित आवेदन प्रक्रिया, पारदर्शी धन वितरण और मजबूत निगरानी तंत्र के महत्व पर जोर दिया। प्रभावी कार्यान्वयन और निगरानी सुनिश्चित करके, जिला प्रशासन का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि विष्वकर्मा योजना का लाभ राजौरी जिले के प्रत्येक पात्र कारीगर तक पहुंचे, जो समावेशी विकास और सांस्कृतिक संवर्धन में योगदान दे।

इन 180 मामलों की मंजूरी राजौरी जिले में विष्वकर्मा योजना के कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सुनिश्चित करने में शामिल संबंधित अधिकारियों और हितधारकों के समर्पण और अथक प्रयासों का एक प्रमाण है कि योग्य कारीगरों को वह समर्थन मिले जो उन्हें आगे बढ़ने के लिए चाहिए।

बैठक में मुख्य योजना अधिकारी मोहम्मद खुर्शीद, महाप्रबंधक डीआईसी अष्विनी शर्मा, अग्रणी जिला प्रबंधक जेके बैंक संजीव भसीन, पिं्रसिपल आईटीआई राजौरी उज्ज्वल महाजन, परियोजना अधिकारी डीआईसी आबिद हुसैन और अन्य संबंधित अधिकारी भी उपस्थित थे।