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सचिव आरडीडी डॉ. शाहिद इकबाल चैधरी ने वित्त वर्ष 2024-25 की मनरेगा वार्षिक कार्य योजना, श्रम बजट पर चर्चा की

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जम्मू 27-Jan-2024

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के सचिव डॉ. शाहिद इकबाल चैधरी ने शनिवार को जम्मू संभाग के 10 जिलों में कई बैठकें संपन्न की, जिनका उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024-25 के श्रम बजट पर चर्चा करना और क्षेत्र में विकास पहल के लिए वार्षिक कार्य योजना तैयार करना था। बैठक में डॉ. शाहिद ने मनरेगा योजना के गहन महत्व को रेखांकित किया, इस बात पर जोर दिया कि यह महज एक दस्तावेज होने से परे है, जो स्पष्टता और उद्देश्य के साथ समाज के विकास के लिए एक दूरदर्शी मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है।

बैठकों के दौरान उठाए गए प्रमुख पहलुओं में सामुदायिक संपत्तियों का विकास, समाज के कमजोर वर्गों के लिए समर्थन और समुदाय को सीधे लाभ पहुंचाने वाली परियोजनाओं को प्राथमिकता देना शामिल है। प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन और कमजोर वर्गों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करते हुए श्रेणी बी कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया। 

डॉ. शाहिद ने समग्र सामुदायिक विकास के लिए कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कृषि और संबद्ध कार्यों के लिए 60 प्रतिषत खर्च के आवंटन की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने हेतु आधार बेस्ड भुगतान प्रणाली के माध्यम से मजदूरी के समय पर भुगतान के महत्व को रेखांकित किया। 

अन्य महत्वपूर्ण चर्चाओं में सामाजिक लेखापरीक्षा पर ध्यान केंद्रित करना, इलेक्ट्रॉनिक मनी ट्रांसफर मुद्दों को हल करना और मनरेगा पहल में लगे कार्यबल के बीच व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा देने हेतु प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों में निवेश करना शामिल था। तैयार की गई योजना में भूमि उत्पादकता में सुधार, विभिन्न कृषि गतिविधियों के माध्यम से आजीविका बढ़ाने और परती या बंजर भूमि को विकसित करने की रणनीतियाँ शामिल हैं।

स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तियों और समुदायों के लिए बायो-गैस संयंत्रों के निर्माण के साथ-साथ पशुधन और मत्स्य पालन के लिए बुनियादी ढांचे के विकास के प्रावधानों की भी रूपरेखा तैयार की गई। बैठकों में जियो-टैगिंग, एनएमएमएस उपयोग और सामाजिक लेखापरीक्षा चिंताओं को दूर करने जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। 

डॉ. शाहिद ने योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए समय पर बिलिंग, मासिक अभिसरण बैठकें और रजिस्टर बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के व्यापक लक्ष्य के साथ कार्यबल को आवश्यक कौशल के साथ सशक्त बनाने के लिए उन्नति प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया।

परियोजना निष्पादन में जियो-टैगिंग के महत्व को पहचानते हुए, डॉ. शाहिद ने चरण-1 और चरण-2 में जियो-टैगिंग लंबित मामलों में कोई सुधार नहीं होने पर पुनप्र्राप्ति उपायों की शुरुआत की रूपरेखा तैयार की। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रीय मनरेगा प्रबंधन प्रणाली के 100 प्रतिषत उपयोग के महत्व पर जोर दिया और अधिक कुशल कार्य प्रवाह के लिए जनमनरेगा ऐप को अपनाने को प्रोत्साहित किया।

वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु, डॉ. शाहिद ने सात आवश्यक रजिस्टरों के उचित रखरखाव पर जोर दिया और समय पर बिलिंग प्रक्रियाओं का आह्वान किया।आरडीडी के अतिरिक्त सचिव वसीम रजा ने मनरेगा की प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा कि इस वर्ष 85 प्रतिषत लेखापरीक्षित पंचायतों को कवर किया गया है।उन्होंने ऑडिट को सुविधाजनक बनाने, सामाजिक ऑडिट के माध्यम से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और इसके महत्व में सामाजिक ऑडिट इकाइयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।