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आज़ादी के बाद 75 वर्षों में पहली बार मोदी सरकार ने सिख समुदाय को सबसे अधिक मान-सम्मान दिया : मनजिंदर सिंह सिरसा

विवाद और टकराव की मनोवृति छोड़कर अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने का सुनहरी अवसर: सिरसा

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चंडीगढ़ 07-Jan-2024

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि देश की आजादी के बाद 75 वर्षों में सिख समुदाय को उनका बनता मान सम्मान देने वाली मोदी सरकार पहली सरकार साबित हुई है इसलिए सिख समुदाय को टकराव और विवाद की मनोवृति छोड़कर कौम व बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहली बार है कि सिख समुदाय को इतना मान-सम्मान मिला है। आजादी के बाद यह भी पहली बार हुआ है कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 400वां प्रकाश पर्व उसी लाल किले पर मनाया गया, जहां पर स्वयं प्रधानमंत्री ने कहा था कि अगर गुरु साहिब ने शहादत नहीं दी होती तो केवल एक ही धर्म इस देश में रह जाता। 

यह भी पहली बार है कि प्रधानमंत्री जहां कहीं भी हों उनके द्वारा गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर साहिब के प्रकाश पर्व पर नज़दीकी गुरुघर जाकर नतमस्तक होते हुए अरदास अवश्य की जाती है। उन्होंने कहा कि भाजपा के कार्यकाल में सिखों को बड़ा प्रतिनिधित्व मिला है, जहां हमारी बेटी अवनीत कौर पानीपत में मेयर के पद पर सेवाएं निभा रही है, वहीं राजस्थान में भी सिख को मंत्री बनाया गया है और अन्य स्थानों पर भी प्रतिनिधित्व दिया गया है।

इससे पहले देश में हालात यह थे कि हम पर जुल्म ढहाने वाले बाबर व औरंगज़ेब के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में सड़कों के नाम रखे गए थे, लेकिन अब इन नामों को सुधार कर गुरु साहिबानों के नाम पर रखा गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने स्वयं संसद में कहा कि श्री दरबार साहिब पर हमला महापाप था जिसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा किया गया।

इस दौरान सरदार सिरसा ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि आज एक एजेंडा बनाया जा रहा है कि अगर हम सरकार को गाली देते हैं तो हम सच्चे सिख हैं यदि हम सरकार के किसी अच्छे काम की तारीफ करते हैं तो हमें बुरा बना दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जिस धरती पर गुरु साहब का जन्म हुआ, गुरुओं की शहादत हुई, हम उस भारत की धरती के सिख हैं और हमें इस बात पर गर्व है। इसलिए हमें झगड़ों और टकराव की प्रवृति छोड़कर अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने के सुनहरे अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए गए निर्णय के चलते आज देश और दुनिया भर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे साहिबजादों से प्रेरित हो रहे हैं। यहां तक कि मेघालय और त्रिपुरा जैसे राज्यों में स्थानीय भाषाओं में साहिबज़ादों का इतिहास बताया जा रहा है।

अब तक स्कूलों में बाल दिवस मनाया जाता था, जिससे बच्चों को किसी भी तरह की प्रेरणा नहीं मिलती थी, लेकिन अब वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत हुई है जिसके चलते साहिबजादों की शहादत के बारे में केवल पंजाबी, हिंदी व अंग्रेजी में ही नहीं बल्कि तमिल, मराठी, बंगाली सहित विभिन्न भाषाओं में साहित्य प्रकाशित हो चुका है और स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। इस वीर बाल दिवस को मनाने से 12 वर्ष तक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जब युवा का रूप धारण करेंगे तो समर्पण भाव की एक नई सोच के साथ आगे आएंगे।