5 Dariya News

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में शिक्षा पर पुनर्विचार: यूरोपीय यूनियन के सहयोग से चितकारा यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन

शिक्षाविद्, लेखक और अभिनेत्री डॉ. स्वरूप संपत रावल ने किया अपनी पुस्तक "प्ले प्रैक्टिस परस्यु" का विमोचन

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बनूड़ 24-Nov-2023

"री-थिंकिंग एजुकेशन इन द एज आफ एआई” -“आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में शिक्षा पर पुनर्विचार” विषय पर चितकारा यूनिवर्सिटी ने यूरोपीय यूनियन के सहयोग से दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस की मेजबानी की। एजुऱिफार्म कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोजेक्ट के फ्रेमवर्क के तहत इस कांफ्रेंस का आयोजन किया गया जिसको यूरोपियन यूनियन के इरास्मस प्लस प्रोग्राम के तहत सह-वित्त किया गया है ।

प्रमुख भारतीय और यूरोपीय यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधियों और दोनों के नीति निर्माताओं ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। आगे बढ़ती हुए टेक्नालाजी की प्रतिक्रिया में सामाजिक कौशल को नया आकार देने में शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर उन्होंने गहन विचार विमर्श किया। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य नई टेक्नालाजी के सामाजिक और आर्थिक प्रभाव को लेकर जागरूकता फैलाना. स्टडी प्रोग्राम्स और वोकेशनल ट्रेनिंग में व्यापक रूप से सुधार करना और सेवानिवृत व सेवारत शिक्षकों को जोड़ना है।

सम्मेलन में कई शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया जिसमे यूनिसन इंटरनेशनल स्कूल, चितकारा इंटरनेशनल स्कूल, चितकारा यूनिवर्सिटी, चितकारा कॉलेज ऑफ फार्मेसी, होली एंजल्स स्कूल, चंडीगढ़ बैपटिस्ट स्कूल, आधारशिला द फाउंडेशन इंटरनेशनल स्कूल, द मुकट ट्रस्ट इंटरनेशनल स्कूल, श्री गुरु तेग बहादुर पब्लिक स्कूल, कैम्ब्रिज इनोवेटिव स्कूल, एंजल्स वैली स्कूल, सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, एसपीपीयू, भुसावल आर्ट्स साइंस कॉलेज, द मिलेनियम स्कूल, फ्रीलांस मैनेजमेंट कंसलटेंट स, विजिटिंग फैकल्टी, और पंजाब यूनिवर्सिटी शामिल हैं। "री-थिंकिंग एजुकेशन इन द एज आफ एआई” विषय पर एक पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें छात्रों ने अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।

सम्मेलन के पहले दिन प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार श्रीवास्तव और मासिमिलियानो बिज़ोची आदि ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। प्रोफेसर डाक्टर अर्चना मंत्री व प्रोफेसर डाक्टर संगीता पंत ने एरास्मस प्लस एजुरिफार्म की उल्लेखनीय उपलब्धियों व प्रोजेक्ट के रिजल्ट को प्रस्तुत किया। दूसरे दिन भारत और यूरोप के विद्वानों और संकाय सदस्यों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। एजुऱिफार्म अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर विशेष अतिथि डॉ. स्वरूप संपत रावल ने शिरकत की। ग्लैमर की दुनिया से लेकर शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने तक की अपनी परिवर्तनकारी यात्रा के लिए डॉ. संपत जानी जाती हैं।

इस मौके पर डॉ. स्वरूप संपत रावल की नई पुस्तक " प्ले प्रैक्टिस परस्यु " का विमोचन भी किया गया जिसके बाद एक विशेषज्ञ चर्चा हुई। डॉ. संपत को 1979 में फेमिना मिस इंडिया यूनिवर्स का ताज से नवाजा गया था। एक सफल अभिनय करियर के बाद उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपना कदम रखा। 2019 में ग्लोबल टीचर प्राइज के लिए उन्हें शीर्ष दस शिक्षकों में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को आकार देने में सक्रिय रूप से योगदान दिया।

“चौथी औद्योगिक क्रांति के भविष्य में पडने वाले प्रभाव विषय पर चिंतनशील संबोधन और मात्र क्षमता-निर्माण ही नहीं बल्कि संयुक्त अनुसंधान और जागरूकता गतिविधियों के दायरे में परिवर्तन” पर चिंतन के साथ दिन का समापन हुआ । इस अवसर पर, चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो-चांसलर डॉ. मधु चितकारा ने कहा, “ मैनुफेक्चरिंग व सर्विस सेक्टरों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस व रोबोटिक्स के आगमन से श्रम बाजार में कौशल की जरूरतों में जबर्दस्त कायापलट होने  की उम्मीद है। 

शिक्षा क्षेत्र को इस टेक्नोलॉजिकल ट्रांसिशन में भारतीय सरकार और निजी संस्थाओं की मदद में एक प्रमुख भूमिका निभाना चाहिए । सम्मेलन में शिक्षा के लिए भारतीय-यूरोपीय गठबंधन का आधिकारिक शुभारंभ भी हुआ जिसके जरिए विशेषज्ञों एक अंतरराष्ट्रीय समूह के लिए एक साझा मंच बनाया गया ताकि वे ऐसी पहल विकसित करें जो उच्च शिक्षा के सामाजिक और विकासात्मक प्रभाव को बढ़ाएँ।