5 Dariya News

उपराज्यपाल ने ‘कैशलेस पंचायत‘ का उद्घाटन किया, जम्मू-कश्मीर की ग्राम पंचायतों में लेनदेन हेतु भीम-यूपीआई मोड को अपनाया गया

स्वच्छता अभियानों में उत्कृष्ट योगदान हेतु उपायुक्तों और स्वच्छता चैंपियंस को सम्मानित किया गया

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श्रीनगर 02-Oct-2023

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की ग्राम पंचायतों में लेनदेन के भीम-यूपीआई मोड को अपनाने हेतु ‘कैशलेस पंचायत‘ का उद्घाटन किया। राजभवन में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा आयोजित स्वच्छ भारत दिवस समारोह कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने पीएमएवाई-जी के भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि आवंटन आदेश सौंपे। गांधी जयंती के अवसर पर आज पूरे जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से कुल 245 भूमिहीन पीएमएवाई-जी लाभार्थियों की भूमि आवंटन आदेशों के लिए पहचान की गई। उन्होंने इस अवसर को यादगार बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर में 13 ब्लॉक विकास परिषद भवन भी पीआरआई प्रतिनिधियों को समर्पित किये। अपने संबोधन में, उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर की नई नियति को आकार देने के लिए माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने ‘मॉडल‘ श्रेणी के तहत ओडीएफ प्लस का ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है।

उन्होंने सभी 6650 गांवों में 100 प्रतिषत स्वच्छता और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हासिल करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों और नागरिकों को बधाई दी। उपराज्यपाल ने कहा कि सभी पंचायतों में घर-घर जाकर कचरे का संग्रह शुरू किया गया है, पृथक्करण शेड स्थापित किए गए हैं और कचरा संग्रह तंत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए एक वित्तीय मॉडल विकसित किया गया है, जिससे कचरे को धन में परिवर्तित किया जा सके। उपराज्यपाल ने गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए यूटी प्रशासन के प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा “ग्रामीण क्षेत्रों में विकास जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रहा है। 

हमारे गांव सुविधाओं, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के मामले में शहरों के करीब आ गए। उन्होंने कहा कि भागीदारी दृष्टिकोण के साथ, हमने सामाजिक और पर्यावरणीय सुरक्षा को मजबूत किया है और जमीनी स्तर पर उद्यमिता के अवसर पैदा किए हैं। आज जम्मू-कश्मीर की 4274 ग्राम पंचायतों को कैशलेस मोड पर शामिल करना ग्राम पंचायतों को डिजिटल बनाने और उन्हें अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाने के सरकार के प्रयास का हिस्सा है। इसके अतिरिक्त उन्होंने ग्रामीण विकास विभाग को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के लिए लागू की गई नई व्यवस्था गतिशील रहे, इस यात्रा में विकसित की गई नई सुविधाओं का समुचित रखरखाव हो और कचरा प्रबंधन प्रणाली की लगातार निगरानी की जाए। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक की मदद से स्वच्छ ग्राम के दैनिक प्रबंधन और भविष्य की अन्य आवश्यकताओं के लिए डेटा विश्लेषण का आह्वान किया।

उपराज्यपाल ने गांदरबल, रामबन, श्रीनगर, बडगाम और कुलगाम के उपायुक्तों और स्वच्छता चैंपियंस को स्वच्छता अभियानों में उनके उत्कृष्ट योगदान और ओडीएफ प्लस मॉडल का दर्जा हासिल करने के लिए सम्मानित किया। एसबीएम-जी के तहत घर-घर कचरा संग्रहण दिशानिर्देश, विरासती अपशिष्ट प्रबंधन दिशानिर्देश, सुरक्षित स्वच्छता सूचकांक और पंचायत स्वच्छता सूचकांक पर चार पुस्तिकाएं जारी की गईं और इस अवसर पर कैशलेस पंचायतों के सरपंचों को भी सम्मानित किया गया। मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, उपराज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. मनदीप कुमार भंडारी, आयुक्त/सचिव ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग सुश्री मनदीप कौर, संभागीय आयुक्त कश्मीर विजय बिधूड़ी, उपायुक्त, विभागाध्यक्षों, पीआरआई सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों, स्वच्छता चैंपियंस और पीएमएवाई-जी के तहत लाभार्थियों ने व्यक्तिगत रूप से और वर्चुअल मोड के माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।