5 Dariya News

आयुष्मान भव अभियान के तहत- ब्लाक खुईखेड़ा में लोगों को दिलाई अंगदान करने की शपथ

अंगदान करने से बचाई जा सकती दूसरे इंसान की ज़िंदगी: डॉ. गांधी

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फाजिल्का 30-Sep-2023

ज़िला उपायुक्त डाॅ. सेनु दुग्गल के दिशा-निर्देश और सिविल सर्जन डॉ. सतीश गोयल, सहायक सिविल सर्जन डॉ. बबीता के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग के तहत फाजिल्का जिले में आयुष्मान भव कार्यक्रम के तहत ब्लाक खुईखेड़ा में सीनियर मैडिकल अफ़सर डॉ. विकास गांधी की देखरेख में विभिन्न गाँवों में अंगदान करने हेतु लोगों को जंगरूकता कैंप लगा कर उनको शपथ दिलाई जा रही है।

इस मोके एसएमओ डॉ. गांधी ने बताया कि किडनी, लिवर, दिल की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। खराब जीवनशैली से लेकर अस्वस्थ खानपान के कारण वक्त से पहले लोगों के ये अंग खराब हो जाते हैं। 

इनकी जिंदगी बचाने के लिए कई बार दूसरे अंगों की जरूरत पड़ती है, मगर जागरुकता की कमी से समय पर ऑर्गन नहीं मिल पाता।इस लिए विभाग व सरकार की और से समय समय और अंगदान करने के लिए जागरूकता कैम्प लगाए जाते है। जिससे लोगों में इस प्रक्रिया के बारे में जानकारी फैले और कोई भी इंसान अंग की कमी से जिंदगी ना खोए। 

डॉ. गांधी ने कहा कि किडनी डोनेशन किसी जिंदा व्यक्ति से लिया जा सकता है, लेकिन दिल, लिवर जैसे अंग को किसी मृत व्यक्ति से लिया जाता है, जिसने उसे डोनेट किया हो। जिंदा रहते हुए एक किडनी या लिवर का एक हिस्सा डोनेट किया जा सकता है। ऐसी डोनेशन अधिकतर परिवार या दोस्तों के बीच की जाती है।

ब्लाक मास मीडिया इंचार्ज सुशील कुमार ने बताया कि विभिन्न गाँवों में लगने वाले आयुष्मान भव अभियान जो 17 सितंबर 2023 से 02 अक्टूबर 2023 तक चलाया जाना है। जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को अधिक आरामदायक वातावरण में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न गतिविधियां की जा रही है। 

उन्होंने बताया कि ऑर्गन डोनेटर बनने के लिए आपको अपने देश की कुछ चुनिंदा संस्थाओं में खुद को रजिस्टर करना होता है। उसमें बताना होता है कि आप कौन-सा अंग डोनेट करने जा रहे हैं। लेकिन फिर भी मृत होने के बाद कई बार वो ऑर्गन सही स्थिति में नहीं होता, जिसकी वजह से डोनेशन नहीं हो पाती। 

अधिकतर लोगों को लगता है कि उम्र निकलने पर ऑर्गन डोनेट नहीं किए जा सकते हैं। लेकिन यह पूरी प्रक्रिया आपके अंगों के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। इसलिए बुजुर्ग लोग भी ऑर्गन डोनेट कर सकते हैं, बशर्ते उनके अंग सही हेल्थ में हों। 

इस मोके एसएमओ डॉ. विकास गांधी, डॉ. चरणपाल, बीईई सुशील कुमार, हेल्थ वर्कर जगदीश कुमार, सीएचओ मधु, एएनएम ममता रानी, आशा वर्कर परमजीत, सीमा, आँगनवाडी वीर दविंद्र, हरजीत कौर व अन्य ग्रामीण उपस्तिथ थे।