5 Dariya News

डॉ. एस. पी. सिंह ओबराय के प्रयासों से जंडियाला गुरु के युवक का शव भारत पहुंचा

दो मासूम बच्चों के पिता गुरप्रीत की 24 अगस्त को दुबई में हुई थी मौत

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अमृतसर 29-Sep-2023

जरूरतमंदों के मसीहा कहे जाने वाले दुबई के प्रमुख व्यवसायी और सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संरक्षक डॉ. एसपी सिंह ओबेरॉय के प्रयासों से जंडियाला गुरु के 32 वर्षीय गुरप्रीत सिंह पुत्र मदन सिंह का पार्थिव शरीर दुबई से अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा।

इस संबंध में जानकारी देते हुए डॉ. एस.पी.  सिंह ओबेरॉय ने बताया कि दो मासूम बच्चों के पिता गुरप्रीत सिंह अन्य युवाओं की तरह बेहतर भविष्य का सपना लेकर करीब एक साल पहले दुबई आए थे, लेकिन 24 अगस्त को अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई।  डॉ. ओबेरॉय ने बताया कि इस घटना के संबंध में भारतीय दूतावास ने कुछ दिन पहले उनसे संपर्क किया था और बताया था कि एक युवक का शव कई दिनों से लावारिस पड़ा हुआ है।

उन्होंने बताया कि उक्त युवक के बारे में सारी जानकारी एकत्रित करने के बाद उन्होंने अपनी अमृतसर टीम को कस्बा जंडियाला गुरु स्थित इस युवक के घर भेजा और उसके वारिसों को इस घटना के बारे में सूचित किया। डॉ. ओबेरॉय ने यह भी कहा कि दुबई में गुरप्रीत के रिश्तेदार के शव की पहचान करने के बाद उन्होंने अपने निजी सचिव बलदीप सिंह चहल की देखरेख में और भारतीय दूतावास के सहयोग से तुरंत सभी जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी कर गुरप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर भारत भेजा गया।

उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि गुरप्रीत सिंह के शव को भारत भेजने का खर्च दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा वहन किया गया था। पीड़ित परिवार के साथ दुख साझा करने के लिए हवाई अड्डे पर पहुंचे ट्रस्ट की अमृतसर टीम के अध्यक्ष सुखजिंदर सिंह हेर, माझा जोन सलाहकार सुखदीप सिद्धू, महासचिव मनप्रीत संधू चमियारी, उपाध्यक्ष शीशपाल सिंह लाडी और कोषाध्यक्ष नवजीत घई ने बताया कि डाॅ. ओबेरॉय के प्रयासों से अब तक करीब 351 बदनसीब लोगों के शव उनके वारिसों तक पहुंचाए जा चुके हैं।

इस बीच एयरपोर्ट पर शव पहुंचने पर गुरप्रीत सिंह के पिता मदन सिंह, चाचा सुखदेव सिंह, बहनोई बिक्रमजीत सिंह, मनप्रीत सिंह, सरबजीत सिंह और अन्य रिश्तेदार ने डॉ. एस.पी. सिंह ओबेरॉय को इस महान पहल के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यह उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि उनके छोटे-छोटे बच्चों और परिवार के अन्य सदस्यों को उसके अंतिम दर्शन हो सके है ।