5 Dariya News

चितकारा यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ एजुकेशन में नए बैच के छात्रों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन

प्रसिद्ध भारतीय पौराणिक कथाकार देवदत्त पटनायक ने शिक्षण शास्त्र पर दिया भाषण

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बनूड़ 26-Sep-2023

चितकारा यूनिवर्सिटी, पंजाब के चितकारा कॉलेज ऑफ एजुकेशन (सीसीई) में बी.एड. और एम.एड के 2023-25 बैच के नये छात्रों के लिए आज ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्देश्य कॉलेज की शानदार परंपराओं व सिधान्तों से छात्रों का परिचय कराना था। इस मौके पर मुख्य वक्ताओं में भारतीय पौराणिक कथाकार, लेखक, चित्रकार और वक्ता डॉ. देवदत्त पटनायक, शिक्षा सलाहकार और सिटी यूनिवर्सिटी, अजमान के बिजनेस स्कूल के पूर्व डीन प्रोफेसर डॉ. एच. एस अनंत और चितकारा डिजाइन स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर, श्री आशीष वर्मा शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरूआत औपचारिक दीप प्रज्वलन, यूनिवर्सिटी के संक्षिप्त परिचय और कॉलेज डीन द्वारा मुख्य अतिथि के हार्दिक स्वागत भाषण के साथ हुई। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. देवदत्त पटनायक, जिन्होंने 15 से ज्यादा भाषाओं में 50 से ज्यादा किताबों को लिखा है, ने अपने सत्र में “मास्टरिंग द टीचिंग मंत्रा” विषय पर भाषण देते हुए शिक्षण के मुख्य सिद्धांतों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि कक्षाओं में इनका प्रभावी ढंग से पालन कैसे किया जा सकता है।

शिक्षण अभ्यास के प्रति एक विचारोत्तेजक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए, प्रसिद्ध स्तंभकार और चित्रकार ने पौराणिक कथाओं और प्रबंधन के क्षेत्रों और शिक्षण सामग्री के सफल वितरण के लिए कक्षाओं में इन्हें शामिल करने के तरीकों को भी छुआ। अपने समापन भाषण में, डॉ. देवदत्त पटनायक ने चितकारा विश्वविद्यालय के बी.एड. और एम.एड. कार्यक्रमों की दिल से सराहना की और कहा कि इंडस्ट्री 4.0 की आवश्यकताओं के अनुरूप डिजाइन किए गए यह कार्यक्रम वर्तमान पीढ़ी की सीखने की शैलियों की मांगों को पूरा करते हैं।

दुसरे सत्र में शिक्षा सलाहकार और सिटी यूनिवर्सिटी, अजमान के बिजनेस स्कूल के पूर्व डीन प्रोफेसर डॉ. एच. एस अनंत, ने शिक्षकों के लिए प्रभावी संचार कौशल पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर डॉ. अनंत ने छात्रों को कक्षाओं में मौखिक और गैर-मौखिक संचार के महत्व से अवगत कराया। अल्फा-शिक्षकों और अल्फा-मास्टर्स ने एक स्टोरी टेलिंग की गतिविधि में भाग लिया ।

चितकारा डिजाइन स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर, श्री आशीष वर्मा द्वारा आज के आखिरी सत्र में 'फोटोग्राफी: एक आवश्यक शैक्षणिक उपकरण' विषय पर संबोधन किया जिसमें उन्होंने एक स्मृति “डिजिटल डायरी के रूप में फोटोग्राफी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह कहते हुए अपने सत्र का समापन किया कि फोटोग्राफी में दुनिया को बदलने की शक्ति है क्योंकि यह शिक्षण के साथ-साथ सीखने की शक्ति को भी बढ़ाती है।

ओरिएंटेशन कार्यक्रम में शामिल छात्रों को संबोधित करते हुए, यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर डॉ. मधु चितकारा, ने कहा कि“ जब आज के शिक्षार्थियों को पढ़ाने की बात आती है तब नवीनतम शैक्षिक रुझानों व तकनीकों के साथ तालमेल बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में आज के दौर के शिक्षकों के सामने ऐसे छात्रों को पढ़ाना भी एक चुनौती है जब कि वे डिजिटल माध्यमों से बहुत सारी जानकारी पहले से ही हासिल कर चुके हैं।

उन्होंने बी.एड और एम.एड. बैच 2023-25 के युवा शिक्षार्थियों को चितकारा यूनिवर्सिटी के चितकारा कॉलेज ऑफ एजुकेशन (सीसीई) में उनकी शैक्षणिक यात्रा के लिए शुभकामनाएँ भी दीं और साथ ही मुख्य वक्ताओं डॉ. देवदत्त पटनायक, शिक्षा सलाहकार प्रोफेसर डॉ. एच. एस अनंत और चितकारा डिजाइन स्कूल के एसोसिएट प्रोफेसर, श्री आशीष वर्मा का हार्दिक धन्यवाद दिया जिन्होंने निश्चित रूप से सबसे प्रभावी तरीके से शिक्षण के सुनहरे सिद्धांतों का पालन करने के साथ-साथ कार्यात्मक शिक्षण प्रथाओं को शुरू करने के गुणों का वर्णन किया है।

“मास्टरिंग द टीचिंग मंत्रा” ज्ञानवर्धक कार्यक्रम पर अपने उत्साह और विचार सांझा करते हुए, बी.एड. के नये सत्र की एक छात्रा ने कहा कि ओरिएंटेशन कार्यक्रम में भाग लेना एक परिवर्तनकारी अनुभव रहा है। मैंने सीखा कि शिक्षा पाठ्यपुस्तकों और व्याख्यानों के साथ साथ छात्रों में रचनात्मकता, आत्म-अभिव्यक्ति और भावनात्मक कल्याण को बढ़ावा देने के बारे में भी है। “मास्टरिंग द टीचिंग मंत्रा” सत्र ने मुझे एक सकारात्मक और सशक्त कक्षा वातावरण विकसित करने का महत्व सिखाया है।