5 Dariya News

‘भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर सप्ताह‘ अभियान में लगभग 15 लाख लोगों ने भाग लिया

मुख्य सचिव को डिजिटल सशक्तिकरण और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई हेतु यूटी के हर घर तक पहुंचने के लिए धन्यवाद

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श्रीनगर 10-Sep-2023

सितंबर 04 से 09 के बीच केंद्र शासित प्रदेश में पहली बार आयोजित ‘भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर सप्ताह‘ के समापन पर, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने दोहराया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई एक बार की नहीं बल्कि निरंतर चलने वाली ऐसी प्रक्रिया है जिसे हमारी सोच और कार्रवाई का अभिन्न अंग बनने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि यूटी प्रशासन सिर्फ प्रतीकवाद में विश्वास नहीं करता बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को हर घर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। भ्रष्ट आचरण केवल कुछ व्यक्तियों के लिए फायदेमंद है जो नाजायज धन इकट्ठा करते हैं लेकिन आम जनता के कल्याण के लिए हानिकारक हैं।

उन्होंने कहा कि समग्र रूप से समाज भ्रष्टाचार को उसके सभी आयामों और स्वरूपों में हराकर ही प्रगति कर सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासन के साथ मिलकर सामूहिक रूप से कार्य को पूरा करना होगा। एसीबी और अपराध शाखा जैसे भ्रष्टाचार निरोधक निकायों को अपनी उचित भूमिका निभानी होगी। इन्हीं कारणों से आगामी सतर्कता सप्ताह का विषय ‘राष्ट्र के विकास हेतु भ्रष्टाचार मुक्त समाज‘ रखा गया है।

हाल ही में संपन्न ‘डिजिटल वीक‘ का जिक्र करते हुए मुख्य सचिव ने इस बात पर जोर दिया कि जनता का डिजिटल सशक्तिकरण सिस्टम में भ्रष्टाचार को कम करने में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग, बीईएएमएस, जनभागीदारी, जियो-टैगिंग, डिजिटल भुगतान और भौतिक सत्यापन जैसी आईटी सक्षम सुविधाओं ने सरकारी खजाने को काफी हद तक निहित स्वार्थों द्वारा हड़पे जाने से बचाया है।

उन्होंने लोगों को कार्यालयों में आए बिना अपने घरों से ही सेवाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन करने को अपनी आदत बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने खुलासा किया कि ई-उन्नत पोर्टल पर लगभग 1020 सेवाएँ और ‘मोबाइल दोस्त‘ एप्लिकेशन पर लगभग 900 सेवाएँ शामिल हैं। हर किसी के लिए अपने मोबाइल फोन उपकरणों का उपयोग करके किसी भी नागरिक-केंद्रित सेवा के लिए आवेदन करना आसान है।

उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही प्रशासन ‘डिजी दोस्त‘ योजना शुरू करने जा रहा है, जिसके तहत एक आईटी व्यक्ति अपने उपकरणों के साथ आवेदकों के घरों का दौरा करेगा और मामूली शुल्क पर अपेक्षित आवेदन ऑनलाइन करने में उनकी सहायता करेगा।इसके अतिरिक्त डॉ. मेहता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जम्मू-कश्मीर वास्तव में ‘डिजिटल परिवर्तन‘ से गुजरा है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे केंद्र शासित प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों और शहरी केंद्रों के बीच अंतर कम हो गया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल जम्मू-कश्मीर भविष्य के लिए तैयार जम्मू-कश्मीर की तैयारी का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर आवश्यक प्रगति करने और दूसरों के लिए रोल-मॉडल बनने की दिशा में आगे बढ़ने की राह पर है।

जम्मू-कश्मीर में पूरे केंद्रशासित प्रदेश के लिए एकल डेटाबेस होने जा रहा है जो इसके नागरिकों के लिए सेवाओं की दक्षता और उपलब्धता में काफी वृद्धि करेगा। ऑनलाइन सेवाओं की ऑटो-अपील सुविधा लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत निर्धारित समयसीमा के अनुसार सेवा वितरण में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। 22000 से अधिक मामलों को स्वतः बढ़ा दिया गया है और अधिनियम के तहत निर्धारित समयसीमा का उल्लंघन करने के लिए 800 अधिकारियों पर जुर्माना लगाया गया है।

जहां नागरिकों की हर शिकायत को उसके तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाने की जरूरत है, वहीं उन नेक इरादे वाले अधिकारियों की रक्षा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है जिन्होंने ईमानदारी और निष्ठा के साथ काम किया है। किसी भी प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण शिकायत की पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और शिकायतकर्ताओं पर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। 

उन्होंने प्रत्येक जिले के प्रभारी सचिवों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि उनके जिलों में ‘भ्रष्टाचार‘ के बारे में स्वतंत्र चर्चा हो। उन्होंने ‘प्रभारी अधिकारियों‘ को मासिक पंचायत अभिसरण बैठकों में लोगों और पंचायत सदस्यों की उपस्थिति में इसका उल्लेख करने का निर्देश दिया ताकि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जमीनी स्तर तक पहुंच सके। उन्होंने उनसे इसे लोगों के एक जन आंदोलन में बदलने के लिए कहा क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होगा कि यह खतरा हमारी धरती से पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि लोगों को ऑनलाइन सेवाओं, ई-टेंडरिंग, जनभागीदारी पोर्टल और अन्य आईटी सक्षम प्रणालियों के लाभों के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने युवाओं को परिवर्तन का वाहक बताया और सभी से आह्वान किया कि वे अपने जीवन को भ्रष्टाचार की बुराइयों से मुक्त करने के लिए उन पर ध्यान केंद्रित करें। 

इस सप्ताह भर चलने वाले अभियान का समग्र मूल्यांकन करते हुए उपायुक्तों और एसएसपी ने बैठक में बताया कि लोगों ने सभी दिनों में कार्यक्रम में तत्परता से भाग लिया। उनकी रिपोर्ट से यह बात सामने आई कि यूटी के जिलों में हुए करीब 46000 आयोजनों में करीब 15 लाख लोगों ने हिस्सा लिया है।विवरण में यह भी बताया गया है कि जम्मू जिले में लगभग 8500 कार्यक्रमों में लगभग 4.6 लाख लोगों ने भाग लिया। 

इसी तरह कठुआ में 2024 आयोजनों में 1.3 लाख लोगों, राजौरी में लगभग 3800 कार्यक्रमों में 145000 से अधिक लोगों ने, कुलगाम में 2177 कार्यक्रमों में 94000 लोगों ने, बारामूला में 1204 कार्यक्रमों में 93000 लोगों ने, बांदीपुरा में 1425 कार्यक्रमों में 91000 लोगों ने, बडगाम में 4800 कार्यक्रमों में 55000 लोगों ने, शोपियां में 1700 कार्यक्रमों में 45500 लोगों ने, पुलवामा में 1100 कार्यक्रमों में 100000 लोगों, रियासी में 2100 कार्यक्रमों में 47000 लोगों, उधमपुर में 2025 कार्यक्रमों में 42500 लोगों ने हिस्सा लिया। और ये कार्यक्रम इन जिलों के विभिन्न सरकारी कार्यालयों, पंचायतों, ब्लॉकों, यूएलबी, तहसीलों में आयोजित हुए।

उपायुक्तों ने प्रत्येक जिले में प्राप्त शिकायतों की प्रकृति और मात्रा के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के दौरान जनता से लगभग 35000 शिकायतें प्राप्त हुईं। ज्यादातर शिकायतें राजस्व, ग्रामीण विकास, समाज कल्याण, पीडीडी और जल शक्ति विभागों और सरकार द्वारा समय≤ पर शुरू की गई कई अन्य लाभार्थी उन्मुख योजनाओं के बारे में थीं।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि लगभग 90 प्रतिषत शिकायतों का समाधान सप्ताह के दौरान ही कर दिया गया था और शेष समाधान की प्रक्रिया में हैं। पीआरआई, छात्रों, युवा क्लबों, सीएससी संचालकों और अन्य नागरिकों सहित लोगों को ‘भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर‘ को वास्तविकता बनाने के लिए अपनी शिकायतें दर्ज करने के तरीकों और साधनों के अलावा ऑनलाइन सेवाओं के उपयोग के बारे में जागरूक किया गया।