5 Dariya News

मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने 4-10 सितंबर को ‘‘भ्रष्टाचारमुक्त जम्मू-कश्मीर‘‘ सप्ताह घोषित किया

जल, बिजली और भूमि संबंधी शिकायतों का शीघ्र निवारण सुनिश्चित करने के लिए अभियान

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श्रीनगर 30-Aug-2023

सभी उपायुक्तों के साथ सार्वजनिक सेवा उन्मुख जल शक्ति विभाग, बिजली विकास विभाग और राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने 4 से 10 सितंबर तक ‘भ्रष्टाचारमुक्त जम्मू-कश्मीर‘ सप्ताह मनाने का निर्देश दिया।  बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, एसीएस जल शक्ति विभाग, प्रमुख सचिव विद्युत, निदेशक एसीबी, संभागीय आयुक्त कश्मीर/जम्मू, आयुक्त सचिव आईटी इसके अतिरिक्त, सभी उपायुक्त और जिला पुलिस अधीक्षक षामिल हुए।

उपायुक्त के साथ बातचीत के दौरान, यह देखा गया कि हालांकि योजना के तहत अनुबंध आवंटन के संबंध में कोई शिकायत नहीं थी क्योंकि इन्हें ई-टेंडरिंग के माध्यम से आवंटित किया गया था और कोई भी अनुबंध मनमाने ढंग से नहीं दिया गया है। जल शक्ति विभाग के प्रमुख सचिव ने इसकी पुष्टि की है। 

यह भी नोट किया गया कि बहुत छोटी और स्थानीय प्रकृति की केवल 4 शिकायतें हैं जो एसीबी को अब तक प्राप्त हुई हैं, एक पीएसयू द्वारा कई व्यक्तियों की तैनाती से संबंधित है, एक बिना किसी विवरण के, दूसरी कुछ श्रमिकों की पृष्ठभूमि से संबंधित है और अंतिम शीघ्र समापन से संबंधित है।

प्रमुख सचिव, जल शक्ति ने आगे बताया कि सभी भुगतान विशेष रूप से पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से तीसरे पक्ष द्वारा उचित भौतिक सत्यापन और जांच के बाद किए जाते हैं। साथ ही, पूर्ण और चालू परियोजनाओं के बारे में सभी विवरण भारत सरकार द्वारा निगरानी किए जा रहे आईएमआईएस पोर्टल पर उपलब्ध हैं। 

मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी पूर्ण और चालू परियोजनाओं को जिला स्तर पर भी सरल तरीके से जांच के लिए सार्वजनिक  रखा जाए। डॉ. मेहता ने स्मार्ट मीटर की स्थापना के विरूद्व उठाए गए मुद्दों के समाधान के संबंध में निर्देश भी जारी किए। उन्होंने स्मार्ट मीटर के बारे में जागरूकता और रीडिंग से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए सार्वजनिक पहुंच के साथ-साथ बड़े पैमाने पर अभियान के महत्व को रेखांकित किया।

पारदर्शी और जवाबदेह शासन पर जोर देते हुए, मुख्य सचिव ने पूरे केंद्र शासित प्रदेश में ‘‘भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर अभियान‘‘ शुरू करने के निर्देश जारी किए। इस अभियान का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त जम्मू-कश्मीर सुनिश्चित करने के सरकार के संकल्प को दोहराना है। यह अभियान मुख्य रूप से भूमि से संबंधित मामलों को संबोधित करने के अतिरिक्त पानी और बिजली से संबंधित सेवाओं की परेशानी मुक्त डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए है। 

मुख्य सचिव ने अभियान के दौरान सभी संबंधित अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ-साथ पीआरआई और जनता की सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रभारी अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सप्ताह के दौरान उनकी पंचायतों/वार्डों/क्षेत्रों से संबंधित सार्वजनिक महत्व के मामलों को चिह्नित किया जाए और उचित रूप से संबोधित किया जाए।

मुख्य सचिव ने आईटी विभाग को गूगल फॉर्म एप्लिकेशन का उपयोग करके फीडबैक तंत्र स्थापित करने और शिकायतों, यदि कोई हो, का उचित रिकॉर्ड सुनिश्चित करने के लिए संबंधित विभागों के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, सम्बंधित शिकायतों को दूर करने के लिए, प्रासंगिक कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी। 

मुख्य सचिव ने लोगों से इस प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने का आह्वान किया ताकि भ्रष्टाचार मुक्त शासन का लक्ष्य हासिल किया जा सके। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव ने प्रमाणीकरण, कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन की संतृप्ति, बिजली मीटर से संबंधित मुद्दों के निपटान और भूमि राजस्व के समाधान के संबंध में सभी पीआरआई, पानी-समितियों आदि से फीडबैक के महत्व को रेखांकित किया। 

उन्होंने सभी विभागों को उपराज्यपाल प्रशासन की परिकल्पना के अनुरूप जम्मू-कश्मीर को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के संकल्प में दृढ़ रहने की सलाह दी। उन्होंने पुष्टि की कि यूटी में अब तक की सबसे स्वच्छ प्रणाली प्रदान करने में डिजिटल गवर्नेंस की ओर जोर देना एक महत्वपूर्ण तत्व था।