5 Dariya News

मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने एनएच-44 पर भारी मोटर वाहनों के यात्रा समय को कम करने हेतु हितधारकों के साथ विचार-विमर्श किया

फलों के ट्रकों को निर्बाध पहुंच प्रदान करने हेतु उन पर विशेष स्टिकर लगाए जाएंगे

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श्रीनगर 25-Aug-2023

25 अगस्त 2023-मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता ने इस वर्ष फलों के मौसम में, भारी मोटर वाहनों के लिए श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा के समय को और कम करने के तरीके और साधन खोजने हेतु राजमार्ग अधिकारियों सहित सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह, प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, संभागीय आयुक्त जम्मू, एडीजीपी कश्मीर/जम्मू, आईजी यातायात, आरओ एनएचएआई, संबंधित उपायुक्त एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

बैठक के दौरान, यातायात अधिकारियों ने राजमार्ग पर हल्के मोटर वाहनों और भारी मोटर वाहनों की वास्तविक आवाजाही और इस सड़क पर उनके ड्राइविंग पैटर्न के बारे में अनुभवजन्य डेटा प्रस्तुत किया। नवयुग और चनैनी-नाशरी सुरंगों के 70 किलोमीटर के बीच यातायात को समझने के उद्देश्य से 15 दिनों की अवधि पर विचार किया गया। 

सड़क पर यातायात के सुचारू प्रवाह हेतु उपचारात्मक उपायों के संबंध में अपनी बात करते हुए, मुख्य सचिव ने कहा कि 3-एक्सल से कम एचएमवी को सड़क पर यात्रा के दौरान कहीं भी नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने लगातार धीमी गति से चलने वाले वाहनों पर नजर रखने और उनमें से प्रत्येक से इसके पीछे के कारणों के बारे में पूछताछ करने को कहा। 

उन्होंने इस सड़क पर यात्रा करने वाले अन्य लोगों के लिए असुविधा पैदा करने वाले गलत तरीके से चलने वाले वाहनों को कानून के तहत दंडित करने की भी सलाह दी। डॉ. मेहता ने उपायुक्तों के साथ-साथ संबंधित राजमार्ग अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में नो हॉल्ट जोन निर्धारित करने और सभी परिस्थितियों में इसका सख्ती से पालन करने के लिए कहा। 

उन्होंने उनसे दलवास, मेहद, कैफेटेरिया मोड़ और शेर-बीबी में स्लाइड-प्रवण हिस्सों के पास सड़क की सतह में सुधार के लिए उपाय करने को कहा। उन्होंने विशेष रूप से रामबन जिले में ट्रकों के लिए रुकने वाले क्षेत्रों को नामित करने का निर्देश दिया, जहां सड़क का चैड़ीकरण अभी भी जारी है।

मुख्य सचिव ने यातायात और जिला पुलिस के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया। उन्होंने उनसे कहा कि इन हिस्सों पर जहां काम चल रहा है, वहां यातायात संभालने वाले यातायात कर्मियों को सर्वोत्तम गति प्रदान करें। उन्होंने राजमार्ग पर यातायात की प्रभावी निगरानी और प्रबंधन के लिए अतिरिक्त कर्मियों को सेवा में लगाने के लिए कहा।

घाटी से फलों के ट्रकों की आवाजाही के संबंध में मुख्य सचिव ने यातायात योजना तैयार करते समय फल संघों को शामिल करने पर जोर दिया। उन्होंने फलों से लदे ट्रकों की पहचान के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए स्टीकर लगाने और उन्हें बाहर की मंडियों तक पहुंचने की निर्बाध सुविधा देने के लिए कहा। 

उन्होंने घाटी के उपायुक्तों को फल उत्पादकों को सड़क और अन्य मुद्दों के बारे में वास्तविक समय पर अपडेट देने के लिए अपने कार्यालयों में जिला नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त एसीएस, गृह, आर.के. गोयल ने उन जमीनी हकीकतों का पता लगाने पर जोर दिया जो कुछ हिस्सों में एचएमवी की आवाजाही में बाधा बन रही हैं। 

उन्होंने एनएच-44 पर यातायात की भीड़ को कम करने के लिए मुगल रोड और जवाहर सुरंग जैसे वैकल्पिक मार्गों का इष्टतम उपयोग करने के लिए भी कहा। उन्होंने विशेष रूप से सड़क के महत्वपूर्ण हिस्सों पर प्रवर्तन के स्तर को बढ़ाने के लिए कहा। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि चनैनी-बनिहाल ब्लाॅक को पार करने में वाहनों द्वारा लगने वाले न्यूनतम और अधिकतम समय के बीच के अंतर को कम करने के लिए संबंधितों द्वारा प्रयास किए जाने चाहिए। 

उन्होंने वाहनों को बिना किसी रोक-टोक के लगातार चलने और तय समय अवधि के दौरान अधिकांश भारी वाहनों को 2-लेन के मार्ग को पार करने के लिए रात 1: 00 बजे से सुबह 5: 00 बजे के बीच लीन विंडो का उपयोग करने की भी सलाह दी। अपने प्रेजेंटेशन में आईजी ट्रैफिक भीम सेन टुटी ने विभिन्न अध्ययनों और एल्गोरिदम के माध्यम से राजमार्ग पर यातायात के पैटर्न पर प्रकाश डाला। 

उन्होंने प्रत्येक श्रेणी और वाहन के आकार द्वारा लिए गए समय के विश्लेषण के साथ-साथ यातायात के दिनवार और मौसमी व्यवहार को प्रस्तुत किया। उन्होंने इस यातायात व्यवहार के प्रत्येक पहलू के कारणात्मक विश्लेषण पर भी ध्यान दिया और कुछ उपचारात्मक उपाय भी सामने रखे।

बैठक में पिछले वर्षों के ळववहसम डेटा का उपयोग करके इस सड़क पर यातायात की प्रति घंटा और दैनिक भीड़ के अलावा पैसेंजर कार यूनिट विश्लेषण के बारे में भी चर्चा की गई। बैठक में नवयुग और चनैनी-नाशरी सुरंगों के बीच यात्रा के दौरान वाहनों की गति की जांच करने के अलावा उनके डेटा पर भी ध्यान दिया गया। 

यह अनुमान लगाया गया कि रात के दौरान भारी वाहनों यानी 4-एक्सल से ऊपर, के संचालन के लिए समय सीमा बढ़ाने और बाकी यातायात को लगातार चलने देने जैसे उपाय करने से उनकी यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। यह भी निर्देश दिया गया कि सितंबर माह तक कुन्फर सुरंग की दूसरी ट्यूब, चंद्रकोट सुरंग और रामबन फ्लाईओवर जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समर्पित करने से आने वाले दिनों में सभी यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।