5 Dariya News

अमित शाह ने आज नई दिल्ली में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) द्वारा Common Services Centre (CSC) की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन किया

PACS और CSC के जुड़ने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सहकारिता को मजबूत करने व डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के दो संकल्प एक साथ पूरे हो रहे हैं

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नई दिल्ली 21-Jul-2023

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) द्वारा Common Services Centre (CSC) की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर केन्द्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी तथा रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केन्द्रीय सहकारिता राज्यमंत्री श्री बी एल वर्मा, सहकारिता मंत्रालय के सचिव श्री ज्ञानेश कुमार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा और CSC-SPV के प्रबंध निदेशक श्री संजय राकेश सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज PACS और CSC के जुड़ने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सहकारिता को मजबूत करने व डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के दो संकल्प एक साथ पूरे हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी ने CSC के माध्यम से डिजिटल इंडिया मिशन के ज़रिए गवर्नेंस से भ्रष्टाचार को समाप्त कर सुविधाओं को ग़रीब के दरवाज़े तक पहुँचाने और सहकारिता मंत्रालय की रचना कर PACS से लेकर Apex तक की पूरी सहकारी व्यवस्था को मज़बूत कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के जो संकल्प लिये थे, आज उन संकल्पों का समन्वय हो गया है।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने बड़ी ही दूरदर्शिता के साथ सहकारिता मंत्रालय का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि अगर सहकारिता आंदोलन को मज़बूत बनाना है तो इसकी सबसे छोटी इकाई PACS को मज़बूत बनाना होगा। श्री शाह ने कहा कि जब तक PACS मज़बूत नहीं होते सहकारिता आंदोलन खड़ा नहीं हो सकता। 

इसलिए सरकार ने यह तय किया है कि पैक्स का कम्प्यूटरीकरण कर उन्हें पारदर्शी बनाया जाए, जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और साथ ही उनका आधुनिकीकरण किया जाए ताकि सरकार की डिजिटाइज़्ड योजनाओं को PACS के साथ जोड़ा जा सके। श्री शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के 20 दिन के भीतर ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने PACS के कंप्यूटरीकरण के लिए 2,500 करोड़ रुपये प्रदान किए जिससे 65,000 PACS का कंप्यूटरीकरण हो रहा है।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कहा कि ‘Minimum Government, Maximum Governance with last mile delivery but without Corruption’ (न्यूनतम गवर्नमेंट,अधिकतम गवर्नेंस के साथ अतिम व्यक्ति तक भ्रष्टाचार रहित डिलीवरी) के सूत्र को चरितार्थ करने का CSC से बड़ा कोई और साधन नहीं हो सकता। 

उन्होंने बताया कि भारत सरकार और राज्य सरकारों  की 300 से अधिक छोटी छोटी लाभार्थी योजनाओं को CSC के साथ जोड़ दिया गया है। श्री शाह ने कहा कि CSC की पहुँच गाँव के गरीब से गरीब लोगों, भूमिहीन खेत मज़दूरों और दलित व आदिवासी समुदायों तक पहुँचाने के लिए PACS से बड़ा जरिया और कोई नहीं हो सकता। आज PACS और CSC एक हो रहे हैं इससे गरीबों की सुविधाओं में बढ़ोतरी तो होगी ही साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा और ताक़त मिलेगी। 

साथ ही इससे हम देश के विकास के लिए अधिकतम क्षमता का उपयोग भी कर पाएंगे। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने बताया कि अब तक CSC में 17,176 PACS अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। उन्होंने कहा कि दो महीने के अल्प समय में ही 17,000 से ज्यादा PACS का ऑन बोर्ड होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। 

श्री शाह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सहकारिता मंत्रालय के सचिव और मंत्रालय की पूरी टीम को शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि 17,176 PACS में से करीब 6,670 ने अपना कार्य शुरू कर दिया है और अगले 15 दिनों में बाक़ी के PACS भी काम करना शुरू कर देंगे। इससे क़रीब 14,000 ग्रामीण युवाओं को रोज़गार मिलेगा, साथ ही ये युवा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने और गाँव की सुविधाओं को सुदृढ़ करने का काम भी करेंगे। 

उन्होने कहा कि हमारे देश की 60-65% आबादी गाँवों में रहती है इसलिये हमें सहकार से समृद्धि के मंत्र से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गति लाने और उसका विविधीकरण करने का प्रयास करना होगा। श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार ने पिछले 9 साल में 60 करोड़ लोगों को राशन, आवास, बिजली, जल, रसोई गैस, शौचालय और पाँच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा बिना किसी ख़र्च के उपलब्ध कराई हैं। 

अब 17,000 से अधिक PACS भी इन सभी सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन देने और ग्रामीण लोगों की तकलीफ़ों को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम बन जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जन-धन एकाउंट, आधार कार्ड और मोबाइल के साथ साथ डिजिटल इंडिया मिशन के तहत गाँवों और ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फ़ाइबर का जाल बिछाने का बहुत बड़ा काम किया है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि देश में पिछले 9 वर्षों में इंटरनेट का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई और प्रति GB डेटा की लागत में 96 प्रतिशत की कमी आई है जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति इस सुविधा का उपयोग कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने PACS का कम्प्यूटरीकरण करने, उन्हें बहुउद्देशीय बनाने और FPO(Farmer Producer Organization) बनाने का काम किया है। 

साथ ही बीज उत्पादन, जैविक खेती की मार्केटिंग तथा किसानों की उपज के निर्यात के लिए तीन बहुराज्यीय सहकारी समितियों का गठन किया है। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी खाद्यान्न भंडारण योजना की शुरुआत भी की  गई है। श्री शाह ने कहा कि अगले 5 साल में छोटे-छोटे PACS देश के 30% खाद्यान्न का भंडारण करने का काम करेंगे।

श्री अमित शाह ने कहा कि आज PACS एलपीजी, डीजल और पेट्रोल डिस्ट्रीब्यूटरशन कर सकते हैं, साथ ही उचित मूल्य की दुकान, जन औषधि केंद्र, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र और फर्टिलाइजर की दुकान भी खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से PACS गांव की आर्थिक गतिविधियों की आत्मा बन जाएंगी। श्री शाह ने कहा कि PACS समृद्ध होगा तो किसान समृद्ध होगा क्योंकि उसका मुनाफा सीधे किसान के अकाउंट में ही जमा होता है। 

उन्होंने कहा कि सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में कई कानूनी और प्रशासनिक सुधार किए हैं और बहुआयामी तरीके से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया है। श्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार की सहकारिता से जुड़ी योजनाओं और निरंतर हो रहे सुधार जमीनी स्तर पर गाँव-गाँव तक पहुँचेंगे तो सहकारिता आंदोलन को मजबूत होने से कोई नहीं रोक सकता। 

श्री अमित शाह ने लोगों से PACS को मजबूत करने का संकल्प लेने और ‘PACS की मजबूती से गांव की समृद्धि’ के मंत्र को अपनाकर उसे आगे बढ़ाने की अपील की। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय ने हाल ही में एक नया इनीशिएटिव लिया और सहारा समूह की सहकारी समितियों में जमाकर्ताओं के फंसे हुए पैसों के रिफंड की प्रक्रिया की शुरुआत की। 

उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रामाणिक जमाकर्ताओं के वैध बकाए के भुगतान के लिए "सहारा-सेबी रिफंड खाते" से 5000 करोड़ रुपये सहकारी समितियों के केन्द्रीय रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को हस्तांतरित किए जाने का निर्देश दिया। श्री शाह ने कहा कि इस निर्देश का पालन करते हुए 18 जुलाई 2023 को केन्द्रीय पंजीयक - सहारा रिफंड पोर्टल का शुभारंभ किया गया। 

सहकारिता मंत्री ने बताया कि अब तक पोर्टल में 5 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कर दिया है और वैध जमाकर्ताओं को उनका पैसा वापस मिलने की प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह इस बात का बहुत बड़ा उदाहरण है कि यदि कोई सरकार प्रोएक्टिव तरीके से काम करे तो जटिल से जटिल समस्याओं का भी निवारण हो सकता है।