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पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया

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बठिंडा 19-Jul-2023

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा (सीयूपीबी) के प्रतिभाशाली छात्रों ने लगातार दूसरी बार राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता (एनवाईपीसी) के विजेता बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने भारत सरकार के संसदीय कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में विश्वविद्यालय/कॉलेज स्तर पर आयोजित की गई 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल करते हुए विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने इससे पहले 2019 में आयोजित 15वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता (एनवाईपीसी) में विजेता का खिताब जीता था। इस वर्ष आयोजित 16वीं एनवाईपीसी में अपने खिताब को बरकरार रखते हुए विश्वविद्यालय ने उच्च मानक स्थापित करने की अपनी परंपरा को बनाए रखा है। 

इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में देश भर के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से 55 छात्रों वाली 38 टीमों ने भाग लिया। राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता देशभर के युवाओं को अपने विचार व्यक्त करने, विचारशील बहस में शामिल होने और संसदीय कार्यवाही का अनुकरण करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। 

सीयूपीबी के प्रतिभागियों ने 26 मई, 2022 को आयोजित प्रारंभिक चरण और 30 मई, 2023 को आयोजित अंतिम चरण की प्रतियोगिताओं में अपने असाधारण प्रदर्शन से अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने ओजस्वी भाषणों, संसदीय कौशल, राष्ट्रीय महत्व के मामलों पर रचनात्मक बहस और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की गहरी समझ के माध्यम से 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता पुरस्कार वितरण समारोह की परंपरा के अनुसार इस प्रतियोगिता में विजेता बनकर उभरे सीयूपीबी के छात्रों को 16वीं राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता के पुरस्कार समारोह के दौरान भारत की संसद में अपना प्रदर्शन दिखाने का अवसर प्राप्त होगा। इस खुशी के अवसर पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने भाग लेने वाले प्रतिभागियों और कार्यक्रम संयोजक प्रो. तरुण अरोड़ा को विश्वविद्यालय को गौरवान्वित करने के लिए बधाई दी। 

उन्होंने राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता में छात्रों की उल्लेखनीय उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि छात्रों में उत्कृष्टता की भावना पैदा करने और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सामाजिक रूप से जिम्मेदार स्नातक तैयार करने की विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

वहीं, सीयूपीबी के कार्यक्रम संयोजक प्रो. तरुण अरोड़ा ने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय छात्रों की कड़ी मेहनत के साथ-साथ हमारे विश्वविद्यालय में प्रदान की जाने वाली उच्च गुणवत्ता वाली अनुसंधान सुविधाओं और समग्र शिक्षा को जाता है।