5 Dariya News

सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक प्राप्त करने के लिए संस्थानों के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण पर ध्यान दें : हरदीप सिंह पुरी

ये मानक प्रशिक्षण संस्थानों को 21वीं सदी की उभरती चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तैयार करेंगे

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नई दिल्ली 11-Jul-2023

आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज विभिन्न मापदंडों के अनुरूप पर शहरी क्षेत्र में प्रशिक्षण संस्थानों के समीक्षा की। इन मापदंडों में संस्थागत सेट-अप, क्षमता निर्माण और कौशल विकास की वर्तमान स्थिति, संस्थान की प्रमुख विशेषज्ञता के क्षेत्र, वित्तीय स्थिरता योजनाएं और उन पाठ्यक्रमों का विवरण भी शामिल था जिन्हें सिविल सेवकों के लिए जीओटी  प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन बनाया जा सकता है। 

बैठक में "सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के लिए राष्ट्रीय मानक" (एनएससीएसटीआई) मान्यता को पूरा करने के लिए संस्थानों को उन्नत और सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। मानक प्रशिक्षण संस्थानों को 21वीं सदी की उभरती चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने में सक्षम बनाएंगे। आवासन एवं  शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) ने आज मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले आठ (8) प्रशिक्षण संस्थानों की समीक्षा के लिए बैठक का आयोजन किया। 

इसका उद्देश्य इन संस्थानों की वर्तमान क्षमता का आकलन करना और उन्हें मिशन कर्मयोगी के समग्र उद्देश्यों के साथ जोड़ना था। बैठक की अध्यक्षता आवास और शहरी मामलों के मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने की। बैठक में मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी,  क्षमता निर्माण आयोग के सदस्य श्री प्रवीण परदेशी,  मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले 8 प्रशिक्षण संस्थानों के प्रमुख और मंत्रालय क्षमता निर्माण आयोग अधिकारी अन्य भी शामिल हुए।

मिशन कर्मयोगी, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की एक दूरदर्शी पहल है। इसका उद्देश्य भारत के नौकरशाहों में क्षमता निर्माण को स़ुदृढ़ करना है। सिविल सेवकों को देश के विकास में और शासन में प्रभावी ढंग से योगदान देने के लिए लैस करना है। मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप तीव्र गति से विकसित हो रहे राष्ट्र की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आवश्यक दोषमुक्त सिविल सेवा के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रशिक्षण संस्थानों में निरंतर सुधार और नई कौशल प्रक्रिया से लैस करने के साथ-साथ सिविल सेवकों की बढ़ती जरूरतों और आधुनिक युग की चुनौतियों के अनुरूप जोड़ने के महत्व पर बल दिया। मंत्रालय में सचिव श्री मनोज जोशी ने संस्थानों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता और क्षमता को बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रभावी कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण मानकों में सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। 

इन संस्थानों को सुदृढ़ करना सिविल सेवकों की क्षमताओं को बढ़ाने और उन्हें प्रभावी ढंग से राष्ट्र की सेवा करने के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।बैठक में भाग लेने वाले 8 प्रशिक्षण संस्थान  - दिल्ली मेट्रो रेल अकादमी (डीएमआरए दिल्ली), राष्ट्रीय सीपीडब्ल्यूडी अकादमी; गाजियाबाद, क्षेत्रीय शहरी और पर्यावरण अध्ययन केंद्र (आरसीयूईएस - लखनऊ, हैदराबाद, मुंबई), ह्यूमन सेटलमेंट मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट (एचएसएमआई - हुडको, दिल्ली), भवन निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद (बीएमटीपीसी, दिल्ली), और शहरी अध्ययन केंद्र (सीयूएस, आईआईपीए, दिल्ली)।