5 Dariya News

हस्तशिल्प, हथकरघा निदेशालय, निफ्ट ने जम्मू हस्तशिल्प के पैकेजिंग प्रोटोटाइप का अनावरण किया

पहल से कारीगरों, बुनकरों की बिक्री और कमाई बढ़ेगी-रोहित कंसल

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जम्मू 26-Jun-2023

केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और निफ्ट के महानिदेशक रोहित कंसल और उद्योग एवं वाणिज्य विभाग की सचिव स्मिता सेठी ने जेएलएन उद्योग भवन जम्मू में जम्मू क्षेत्र के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों के लिए पैकेजिंग प्रोटोटाइप और शिल्प दस्तावेज के अनावरण समारोह में भाग लिया। यह कार्यक्रम उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त सचिव विक्रमजीत सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, श्रीनगर के निदेशक डॉ. जावीद अहमद वानी ने एक विस्तृत व्यापक प्रस्तुति के माध्यम से जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों के कारीगरों और बुनकरों को पैकेजिंग परियोजना से अवगत करवाया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों में निदेशक हस्तशिल्प और हथकरघा, जम्मू डॉ. विकास गुप्ता, एमडी जेकेटीपीओ खालिद जहांगीर और उद्योग और वाणिज्य विभाग के अन्य अधिकारी शामिल थे।

कार्यक्रम का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू गणमान्य व्यक्तियों द्वारा जम्मू संभाग के शिल्प को प्रदर्शित करने वाले शिल्प दस्तावेज का अनावरण रहा। इस आयोजन का उद्देश्य जम्मू संभाग के हस्तशिल्प और हथकरघा वस्तुओं जैसे बसोहली पेंटिंग, बसोहली पश्मीना, फुलकारी उत्पाद, केलिको प्रिंटिंग और लेथ कम लैकर की ब्रांडिंग के लिए एक रणनीतिक और आकर्षक पैकेजिंग डिजाइन समाधान तैयार करना था।

परियोजना में जम्मू कुटीर उद्योग की कलाकृतियों में मूल्य जोड़ने के लिए अद्वितीय और टिकाऊ पैकेजिंग बनाने, अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाले बेंचमार्क बनाने के लिए एक अनूठी पैकेजिंग प्रस्तुति देने और चुने गए जम्मू हस्तशिल्प और हथकरघा के अद्वितीय बिक्री बिंदु को निर्धारित करने के लिए एक रोडमैप विकसित करने की परिकल्पना की गई है।

जम्मू संभाग के कारीगर और बुनकर अपने हस्तनिर्मित उत्पादों के लिए ऐसी उपयुक्त पैकेजिंग प्रदान करने हेतु हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग, जम्मू के प्रति उत्साहित और आभारी रहे। इस अवसर पर बोलते हुए, रोहित कंसल ने हस्तशिल्प और हथकरघा निदेशालय, जम्मू और निफ्ट श्रीनगर के प्रयासों की सराहना की, क्योंकि उन्होंने बाजार की मांग के अनुरूप पेशेवर रूप से पैकेजिंग प्रोटोटाइप डिजाइन किए हैं। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से उत्पादों की बिक्री यानी जम्मू क्षेत्र के कारीगरों और बुनकरों की आय में वृद्धि होगी।