5 Dariya News

देश के संविधान और जनतंत्र को बचाने को लेकर ‘‘आप’’ की महारैली में पूरी दिल्ली से रामलीला मैदान में जुटी भारी भीड

मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ जनता का शक्ति प्रदर्शन, महारैली में केजरीवाल ने कहा, ‘‘जल्द ही देश से अहंकारी तानाशाह को हटाने और संविधान बचाने का यह आंदोलन होगा सफल

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नई दिल्ली 11-Jun-2023

मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ रविवार को दिल्ली की जनता ने रामलीला मैदान में एक लाख से ज्यादा की संख्या में एकत्र होकर शक्ति प्रदर्शन किया। दिल्ली को लेकर भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा पारित असंवैधानिक अध्यादेश के खिलाफ पूरी दिल्ली एकजुट दिखी और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का खुला उल्लंघन करने पर कड़ी नाराजगी जताई। काफी वर्षों बाद किसी राजनीतिक महारैली में रामलीला मैदान में इतनी भारी भीड़ एकत्र हुई। 

दिल्लीवालों से खचाखच भरे रामलीला मैदान में हर एक की आंखों में मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर छीने गए उनके संवैधानिक अधिकारों को वापस पाने की ललक दिखी। जनता मोदी सरकार से बेहद नाराज़ दिखी। दोपहर करीब 12 बजे सीएम अरविंद केजरीवाल मंच पर पहुंचे तो लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ उन्हें भरोसा दिया कि देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने की इस लड़ाई में पूरी दिल्ली उनके साथ है।इस दौरान ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हाथ जोड़कर जनता का अभार जताया और कहा कि आज 12 साल बाद हम लोग रामलीला मैदान में इकट्ठे हुए हैं। 

यह बहुत ही पवित्र मंच है। मैं इस मंच को नमन करता हूं। आज से 12 साल पहले हम लोग इसी रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार के खिलाफ इकट्ठा हुए थे और आज इसी मंच से एक अहंकारी तानाशाह को इस देश से हटाने और तानाशाही को खत्म करने के लिए इकट्ठे हुए हैं। जैसे उस समय भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारा आंदोलन सफल हुआ था। वैसे ही मुझे पूरी उम्मीद है कि इस मैदान से देश से तानाशाही को खत्म करने और संविधान को बचाने के लिए शुरू हुए इस आंदोलन को भी जल्द सफलता मिलेगी।

जब देश का प्रधानमंत्री कहता है कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता तो इसे ही जनतंत्र को खत्म करना कहते हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लोगों ने आठ वर्षों तक कोर्ट में अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ी। सुप्रीम कोर्ट में हमारे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली के लोगों की तरफ से लड़ाई लड़ी। आज से ठीक एक महीने पहले 11 मई को देश की सर्वाेच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने दिल्ली के लोगों के हक में आदेश पारित किया। 

मगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आठवें दिन 19 मई को देश के प्रधानमंत्री ने खारिज कर दिया। भारत के 75 साल के इतिहास में पहली बार एक ऐसा प्रधानमंत्री आया है, जो कहता है कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता। इस बात से पूरे देश के लोग स्तब्ध हैं। देश के लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि प्रधानमंत्री इतने अहंकारी हैं। देश की हर गली-हर घर में चर्चा हो रही हैं कि मोदी जी को ये क्या हो गया है? जब देश का प्रधानमंत्री कहता है कि मैं सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानता, इसी को तानाशाही और हिटलरशाही कह जाता हैं और इसे ही जनतंत्र को खत्म होना भी कहते हैं।

पीएम मोदी सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानते, इसलिए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दिल्लीवालों को समझाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में बोला कि भारत जनतंत्र है, यहां जनता ही सुप्रीम है। जनता अपनी सरकार चुनती है। इसलिए उस सरकार को जनता का काम करने का पूरा अधिकार होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में लोग जिस भी पार्टी की सरकार चुनते हैं, उस सरकार को काम करने का अधिकार होना चाहिए। 

उन्होंने दिल्ली की जनता से प्रश्न किया कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने गलत बोला? क्या प्रधानमंत्री को सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानना चाहिए? मगर पीएम मोदी कहते हैं कि मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानता। इसलिए उन्होंने अध्यादेश पारित कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खारिज कर दिया। पीएम मोदी का अध्यादेश कहता है कि अब दिल्ली में जनतंत्र नहीं होगा और तानाशाही चलेगी। 

अब यहां जनता सुप्रीम नहीं होगी बल्कि एलजी सुप्रीम होगा। अब दिल्ली की जनता चाहे जिस भी पार्टी या व्यक्ति को वोट देकर सरकार बनाए, लेकिन पीएम मोदी कहते हैं कि जनता सुप्रीम नहीं है उनकी चुनी हुई सरकार की नहीं चलेगी, एलजी के जरिए मैं सरकार चलाऊंगा और मेरी तानाशाही चलेगी। 

पीएम मोदी कहते हैं कि दिल्ली की जनता किसी को भी वोट दे, अब उसकी कोई अहमियत नहीं होगी- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संवाधिन लागू हुआ। डॉ. बाबा साहब अंबेडकर ने संविधान बनाया और उसमें लिखा कि इस देश में जनतंत्र होगा और जनता सुप्रीम होगी। मगर आज प्रधानमंत्री ने भारत के संविधान के परखच्चे उड़ा दिए हैं। उन्होंने संविधान बदल दिया और कहा कि अब जनता नहीं, बल्कि एलजी-प्रधानमंत्री सुप्रीम होंगे।

पीएम कहते हैं कि दिल्ली की जनता किसी को भी वोट दे, अब उसकी कोई अहमियत नहीं होगी। यह तो दिल्ली के लोगों का अपमान है। भाजपा वाले रोज मेरा अपमान करते हैं लेकिन मुझे अपने मान-अपमान की कोई चिंता नहीं है। मैं इसकी परवाह नहीं करता हूं। मैं कोई गाली-गलौज नहीं करता हूं। यह मेरे संस्कार नहीं सिखाते हैं। दिल्ली की जनता ने मुझे इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी है। मैं हमेशा अपने काम में व्यस्त रहता हूं। 

ये लोग मुझे जितनी मर्जी गाली दे दें, लेकिन इस बार उन्होंने दिल्ली की जनता के वोट को अपमानित किया है। मैं इसे कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता। इन्होंने दिल्ली के लोगों के वोट का अपमान कर दिल्ली की जनता को तमाचा मारा है। इसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम इसे ठीक करके रहेंगे। इस अध्यादेश को खारिज करवा कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करवा कर रहेंगे।

देश के 140 करोड़ लोग मिलकर इस अध्यादेश का विरोध करेंगे और जनतंत्र को बचाएंगे- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कई दिनों से मैं पूरे देश में घूम रहा हूं। हर राज्य में जा रहा हूं। मैं देश की कई राजनीतिक पार्टियों से मिला। देश के सारे लोग दिल्ली की जनता के साथ हैं। इसलिए दिल्ली के लोग ये न समझें कि वे अकेले हैं, बल्कि देश के 140 करोड़ लोग इस लड़ाई में उनके साथ हैं। 

पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सभी जगह से लोग आपके साथ हैं। देश के 140 करोड़ लोग मिलकर इस अध्यादेश का विरोध करेंगे और देश के जनतंत्र को बचाएंगे। मैं पूरे देश के लोगों से अपील करता हूं कि अभी ये चीज दिल्ली के लोगों के साथ हुआ है। लेकिन मुझे पता चला है कि पीएम मोदी का यह पहला वार है। आज दिल्ली में जो अध्यादेश पारित कर दिल्ली के लोगों की ताकत खत्म कर यहां तानाशाही की जा रही है। कल को यही अध्यादेश राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सभी जगह लाया जाएगा। इसलिए हम सभी को मिलकर इस अध्यादेश को अभी ही रोकना पड़ेगा। 

देश भर में बेरोजगारी-भ्रष्टाचार फैला है, लेकिन पीएम को समझ नहीं आ रहा है कि इसे कैसे दूर करें?- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूछा कि पीएम मोदी दिल्लीवालों के पीछे क्यों पड़े हैं ? दिल्ली के लोगों ने 2015 और 2019 लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें मोदी जी को जिता दीं। उन्हें प्रधानमंत्री बनाया और कहा कि आप देश संभालो। फिर दिल्ली के लोगों ने विधानसभा चुनाव में 70 में से 3 सीटें बीजेपी को दी, वहीं 67 सीटें आम आदमी पार्टी को दी और कहां कि केजरीवाल आप दिल्ली संभालो। दिल्ली में फिर विधानसभा चुनाव हुए और जनता ने 70 में से 62 सीटें आम आदमी पार्टी को दी और एक बार फिर कहा कि केजरीवाल आप दिल्ली संभालो। दिल्ली की जनता ने दो बार मोदी जी को यही संदेश दिया कि आप देश संभालो और दिल्ली की तरफ आंख उठाकर मत देखो। 

मगर प्रधानमंत्री मोदी से देश संभल नहीं रहा है। उन्होंने देश का बेड़ा गर्क कर दिया है। वे रोज दिल्ली वालों का काम रोकते हैं। मैं स्कूल-अस्पताल बनवाता हूं, तो मोदी जी कहते हैं नहीं बनने दूंगा। मैंने मोहल्ला क्लीनिक बनवाए तो पीएम मोदी उसे तुड़वा देते हैं। इन्होंने पिछले साल मोहल्ला क्लीनिक में दवाईयां और टेस्ट तक बंद करवा दिए। मैं सीसीटीवी कैमरे लगवाए तो एलजी से कहकर उसे भी नहीं लगने दिया। 

दिल्ली के लोगों के लिए योगा क्लासिस शुरू की तो पीएम मोदी ने वो भी बंद करवा दी। मैं उनसे कहना चाहता हूं कि आप देश को संभालो, देश तो आपसे संभल नहीं रहा। आज देश में चारों तरफ इतनी महंगाई है। पेट्रोल 100 रुपए लीटर और डीजल 90 रुपए लीटर से भी महंगा हो गया है, दूध-सब्जियां सब महंगी हो गई। एलपीजी का सिलेंडर हजार रुपए से ज्यादा हो गया है, मगर इनको समझ ही नहीं आ रहा है। 

ये एक दिन कहते हैं कि 2 हजार रुपए का नोट आएगा और पांच साल बाद कहते हैं कि वापस जाएगा। इन्हें कोई समझ ही नहीं है। अगर जनता ने किसी समझदार व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाया होता तो वो कम से कम यह तो बता देता कि 2 हजार का नोट आएगा या जाएगा? आज देश में चारों तरफ बेरोजगारी और भ्रष्टाचार फैला हुआ है, लेकिन इन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि इसे कैसे दूर करें। 

जीएसटी की वजह से आज देश में व्यापारियों का बेड़ा गर्क हो रखा है। इन्हें जीएसटी ठीक करनी नहीं आ रही है। मेरी देश की जनता से गुजारिश है कि कोई भी व्यक्ति रेलवे में सेकंड क्लास स्लीपर की टिकट खरीदे और एक बार रेलवे में यात्रा कर देखे कि उसका क्या हाल कर दिया है? इन्होंने अच्छी खासी चल रही रेलवे का भी बेड़ा गर्क करके रख दिया है।  

मोदी जी से कोई अच्छा काम होता नहीं है, वो सिर्फ अच्छा काम करने वाले को रोकने की कोशिश करते हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2002 में प्रधानमंत्री मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 12 साल वहां सीएम रहे। पिछले नौ साल से देश के प्रधानमंत्री हैं। उन्हें राज करते हुए 21 साल हो गए हैं। वहीं 2015 में मैं दिल्ली का मुख्यमंत्री बना और मुझे यहां राज करते हुए आठ साल हो चुके हैं। आज मैं देश की जनता से यह अपील करता हूं कि पीएम मोदी के 21 साल और मेरे आठ साल, दोनों के काम देख लें कि किसने ज्यादा काम किया है। 

मैं चुनौती देता हूं और देश की जनता यह देख सकती है कि केजरीवाल ने आठ साल में ज्यादा काम हुआ है या पीएम मोदी ने 21 साल में ज्यादा काम हुआ है। पीएम मोदी के पास 21 साल में पूरी पावर थी, जबकि इन्होंने तो मुझे पूरे काम भी नहीं करने दिए। इनसे कोई काम तो होता नहीं है बल्कि देश में जो अच्छा काम करता है उसे रोकने की कोशिश करते रहते हैं। प्रधानमंत्री ने मेरे हर काम में टांग अड़ाई है।

फिर भी देश की जनता से कहता हूं कि वो मेरे काम को उठा कर देख ले कि मैंने आठ साल में कितने स्कूल- अस्पताल बनवा दिए। लोगों का इलाज मुफ्त कर दिया, उनके बच्चों को अच्छी पढ़ाई दे रहे हैं। बिजली मुफ्त कर दी तो पीएम मोदी कह रहे हैं कि फ्री की रेवड़ी बांट रहा है। अगर मैंने गरीबों के हाथ में चार रेवड़ी रख दी तो कौन सा बुरा हो गया। पीएम ने तो पूरा देश और पूरी केंद्र सरकार ही उठाकर अपने दोस्त को फ्री में दे दी है। 

अब देश की जनता पीएम मोदी से पूछने लगी है कि केजरीवाल ने तो स्कूल-अस्पताल बनवा दिए, आपने क्या किया?- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब लोग प्रधानमंत्री से पूछने लगे हैं कि केजरीवाल ने तो इतने स्कूल बना दिए, मगर आपने क्या किया है? उनके पास इसका कोई जबाव ही नहीं है। पिछले साल मैं गुजरात का चुनाव लड़ने गया तो वहां के हर आदमी के मुंह पर यही बात थी कि आपने तो स्कूल अच्छे कर दिए, बच्चों को शिक्षा अच्छी दे दी। इसके बाद पीएम ने सोचा कि मैं भी स्कूल में फोटो खिचवाऊंगा। 

हैरानी की बात है कि गुजरात में उन्हें एक भी स्कूल नहीं मिला, जहां वो अपनी फोटो खिचवां सकें। जबकि 30 वर्षों से गुजरात में भाजपा की सरकार है। फिर इन्हें एक स्टूडियो के अंदर टेंट लगाकर फर्जी क्लास बनानी पड़ी, जहां 10 बच्चे बुलाए गए और सीटें लगवाई गईं, तब जाकर पीएम ने एक बच्चे के साथ बैठकर अपनी फोटो खिंचवाई। अब देश की जनता पीएम मोदी से यह पूछने लगी है कि आपने क्या काम किया? इसलिए प्रधानमंत्री ने सोचा कि मैं केजरीवाल के भी काम पूरे नहीं होने दूंगा। 

फिर इन्होंने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जेल में डाल दिया। उनको लगा कि मनीष सिसोदिया को जेल में डालने से शिक्षा के सारे काम रुक जाएंगे। उन्होंने दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को जेल में डाल दिया। पीएम को लगा कि ऐसा करने से मोहल्ला क्लीनिक व अस्पताल बंद हो जाएंगे। मैं प्रधानमंत्री मोदी से कहना चाहता हूं कि हमारे पास एक नहीं 100 मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन हैं। 

आप एक को जेल में डालेंगे तो दूसरा काम करने आ जाएगा, लेकिन जनता का काम नहीं रुकेगा। जब इनका जेल में डालने से भी काम नहीं चला, तब यह अध्यादेश लेकर आएं हैं। इसके जरिए ये दिल्ली के सारे काम रोकना चाहते हैं। 

दिल्ली के लोग मुसीबत में हैं, फिर भी दिल्ली के भाजपा सांसद छिपे बैठे हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज दिल्ली के लोग मुसीबत में है। उनके ऊपर यह अध्यादेश थोपा जा रहा है। दिल्ली की जनता ने पिछली बार सात सांसदों को वोट दिया था। आज वो सभी सांसद कहां हैं? वे लोग जनता के सगे नहीं है बल्कि बीजेपी के गुलाम हैं और इसलिए अपने घर में छिपे बैठे हैं। कल को दिल्ली की जनता पर कोई भी मुसीबत आती है तो केवल दिल्ली के लोगों का बेटा और भाई अरविंद केजरीवाल ही उनके साथ खड़ा है। भाजपा का कोई सांसद नहीं खड़ा होगा।

सीएम केजरीवाल ने सुनाई ‘‘अहंकारी चौथी पास राजा’’ की कहानी

सीएम अरविंद केजरीवाल ने महारैली में एक ‘‘चौथी पास राजा’’ की कहानी भी सुनाई। उन्होंने कहा कि यह एक अहंकारी राजा की कहानी है। हम सभी ने बचपन में बहुत से राजा-रानियों की कहानियां सुनी होंगी। इस कहानी में राजा तो है लेकिन रानी नहीं है। यह एक महान देश की कहानी है, जो कई हजार साल पुराना देश है। उस देश में एक गांव में एक बहुत गरीब परिवार में एक बच्चे का जन्म हुआ। 

बच्चे को देख ज्योतिषी ने उसकी मां से कहा कि तुम्हारा लड़का बड़ा होकर बहुत बड़ा सम्राट बनेगा। मां को ज्योतिषी की बातों पर यकीन नहीं हुआ। वो सोचने लगी कि मैं तो बहुत गरीब हूं, मेरा बेटा कैसे सम्राट बनेगा? लेकिन ज्योतिषी ने विश्वास दिलाया कि तुम्हारे बेटे का ग्रह बताता है कि वो बड़ा सम्राट बनेगा। वो लड़का धीरे-धीरे बड़ा होने लगा। वो गांव के एक स्कूल में पढ़ने जाता था, लेकिन उसका मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उसने चौथी कक्षा के बाद स्कूल छोड़ दिया। गांव के पास ही एक रेलवे स्टेशन था। 

घर का खर्च चलाने के लिए वो लड़का उस स्टेशन पर चाय बेचता था। लड़के को भाषण देने का बड़ा शौक था। वो गांव के लड़कों को इकट्ठा कर लेता था और भाषण देता था। धीरे-धीरे आसपास के गांव के लड़के भी इकट्ठे होने लगे। वो किसी भी मुद्दे पर भाषण देने लगता था। एक बार बोलने लगता था तो बंद ही नहीं होता था। ज्योतिषी ने जैसा कहा था, लड़का बड़ा हुआ और एक दिन वो उस महान देश का सम्राट बन गया। पूरे देश में उसका नाम चौथी पास राजा हो गया। 

लोग उसको चौथी पास राजा कहते थे। उसने पढ़ाई की नहीं थी। इसलिए उसको कुछ जानकारी नहीं थी। अफसर आते और अंग्रेजी में कुछ बोलते, जो राजा को समझ में नहीं आता था। अफसर जो मर्जी उससे दस्तखत करा ले जाते थे। राजा को अफसरों से पूछने में भी शर्म आती थी। उसको लगता कि अगर मैं कुछ पूछूंगा तो इनको पता चल जाएगा कि मैं अनपढ़ हूं। इसलिए वो नहीं पूछता था। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा कि धीरे-धीरे राजा को बुरा लगने लगा कि लोग मुझे चौथी पास कहते हैं। इसलिए राजा कहीं से एमए की फर्जी डिग्री बनवा कर लाया और बोला कि मैं एमए किया हूं। धीरे-धीरे राजा अहंकारी भी होता गया। एक दिन कुछ लोग चौथी पास राजा के पास गए और बोले कि एक बहुत ही शानदार आइडिया लेकर आए हैं। 

राजा ने उनको आइडिया बताने को बोला। लोगों ने कहा कि नोटबंदी कर दो, देश से भ्रष्टाचार और आतंकवाद खत्म हो जाएगा। राजा को कुछ समझ नहीं आया कि लोग क्या कह रहे हैं? उसको लगा कि कोई धासू आइडिया होगा। राजा ने एक दिन रात 8 बजे टीवी चैनलों पर आकर नोटबंदी की घोषणा कर दी और बोला कि आज से सारे नोट बंद।इसके बाद पूरे देश में हाहाकार मच गया। लोग तड़प गए, दुकान-धंधे बंद हो गए। 

लोग बेरोजगार हो गए। पूरे देश के अंदर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं। नोटबंदी करने से न आतंकवाद खत्म हुआ और न भ्रष्टाचार खत्म हुआ, बल्कि वो महान देश बर्बाद होकर 10-20 साल पीछे चला गया। ऐसे ही एक दिन किसी ने राजा को आकर बोला कि 2 हजार का नोट ले आएं, वो राजा नोट ले आया। फिर चार साल बाद आकर कुछ लोग बोले 2 हजार का नोट बंद कर दो, राजा ने नोट बंद कर दिया। उस राजा को अकल थी नहीं, वो अनपढ़ था। इसलिए कभी 2 हजार का नोट चालू करता तो कभी बंद करता था। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे बताया कि फिर एक दिन कुछ लोग चौथी पास राजा के पास गए और बोले कि ये किसानों के कानून पास कर दो, खेती खूब बढ़ेगी। अनपढ़ राजा को तो कुछ अक्ल थी नहीं, उसने दस्तखत कर दिए और किसानों के तीन काले कानून पास हो गए। पूरे देश के किसान सड़कों पर आ गए। जगह-जगह धरने होने लगे और एक साल में 750 से अधिक किसानों की मौत हो गई। 

आखिर में राजा को तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। ऐसे ही एक बार उस देश के अंदर बहुत बड़ी माहामारी फैल गई, हर तरफ लोग मरने लगे। तो किसी ने बोला कि थाली बजवाओ तो सब ठीक हो जाएगा, तो राजा ने पूरे देश में थाली-चम्मच बजवा दिए। महामारी तो फैलती रही। किसी ने कहा कि दवाईयां, इंजेक्श की जरूरत पड़ेगी फिर महामारी खत्म होगी। 

वहीं, राजा अपने दोस्तों का बड़ा ख्याल रखता था। उसके कई दोस्त थे। एक दोस्त ने 10 हजार करोड़ रुपए की चोरी की, तो राजा ने उसे देश से भगा दिया। दूसरे दोस्त ने 20 हजार करोड़ चोरी की तो राजा ने उसे भी देश से भगा दिया। मगर एक दोस्त ऐसा था जिससे राजा की ज्यादा ही दोस्ती थी। राजा ने उस दोस्त को सारे एयरपोर्ट, सी-पोर्ट, जहाज, खदान सब कुछ बेच दिया। 

राजा उस दोस्त पर बहुत मेहरबान था। राजा का एक और दोस्त था, मगर वो स् सब षप इतना गंदा था कि उसने कुछ अंतरराष्ट्रीय महिला खिलाड़ियों के साथ बदतमीजी की। इसके बाद भी राजा ने दोस्ती नहीं छोड़ी। मजाल है कि उसने अपने दोस्त के ऊपर कोई आंच भी आने दी हो, वो अपने दोस्त के साथ खड़ा रहा लेकिन उसने खिलाड़ियों का साथ नहीं दिया। राजा का एक और दोस्त था। उस दोस्त ने किसानों के ऊपर गाड़ी चला दी। उसने किसानों को रौंद कर उन्हें कुचल दिया, लेकिन राजा ने अपनी दोस्ती नहीं छोड़ी। राजा एक नंबर का दोस्तबाज था। 

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया कि देश के अंदर चारों तरफ अत्याचार होने लगा। इनके अपने लोग देश के अंदर बालात्कार करने लगे और गलत काम करने लगे। धीरे-धीरे देश में हाहाकार मच गया और अब लोग राजा के खिलाफ आवाज उठाने लगे। तब राजा ने बोला कि जो मेरे खिलाफ बोलेगा, उसको पकड़ कर जेल में डाल दूंगा। राजा ने एक-एक कर आवाज उठाने वाले लोगों को पकड़-पकड़ कर जेल में डालने शुरू कर दिए।

किसी पत्रकार ने राजा का कार्टून बना दिया, तो उसको भी जेल में डाल दिया। किसी ने राजा का नाम गलत ले लिया तो उसको भी जेल भेज दिया। किसी टीवी चौनल वाले ने राजा के खिलाफ लिख-बोल दिया तो उसको भी पकड़कर जेल में डाल दिया। किसी जज ने राजा के खिलाफ कोई ऑर्डर कर दिया तो उसको भी पकड़ कर जेल में डाल दिया। चारों तरफ अत्याचार, महंगाई और बेरोजगारी थी। 

ऊपर आसमान में बैठे देवता यह सब देख रहे थे कि धरती पर घोर अत्याचार हो रहा है। फिर सारे देवता इकट्ठे हुए। उन्होंने बैठकें की और शिव महाराज जी के पास पहुंचे। उन्होंने शिव जी से कहा कि आप कुछ करो, यहां धरती पर चारों तरफ अत्याचार हो रहा है और जनता परेशान हो रही है। इसके बाद शिव महाराज ने अपनी तिसरी आंख खोल दी और धरती पर अजीबों-गरीब घटनाएं होने लगी। 

उज्जैन के अंदर महाकाल की छह सप्त ऋषियों की 10 फुटा बड़ी और भारी मूर्तियां थी। एक दिन आंधी-तूफान आया और सभी मूर्तियां टूंट गईं। लोगों ने कहा कि बहुत अपशगुन हुआ है। इसी तरह एक दिन एक रेल हादसा हो गया और 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, तो फिर लोगों ने कहा कि बहुत बड़ा अपशगुन हुआ है। ऐसे ही एक दिन घनघोर बारिश व तूफान आया और ऊपर से आकाशवाणी हुई। 

सारे देश की जनता को भगवान ने कहा कि आप महान देश के लोग हो, क्या कर रहे हो? उठो और इस अहंकारी राजा के खिलाफ सब लोग मिलकर आवाज उठाओ और भगवान आपके साथ है। इसके बाद सोई हुई जनता जाग गई और एक साल के अंदर जनता ने उस अहंकारी राजा का राजपाट उठाकर फेंक दिया। उसके बाद वो महान देश दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करने लगा। इस कहानी का महत्व यह है कि इस कहानी को जितनी बार सुनो-सुनाओगे उतनी ही भगवान की कृपा बरसेगी। 

इस कहानी का जितना प्रचार- प्रसार करेंगे उतना ही देश और समाज की तरक्की होगी।उन्होंने कहा कि में मेरी देश की जनता से सिर्फ एक ही विनती है कि अगली बार जब आप मतदान करने जाओ तो ऐसे आदमी को वोट देना और प्रधानमंत्री बनाना जो कम से कम इतनी समझ तो रखता हो कि 2 हजार का नोट बंद करनी है या चालू रखनी है। 

पीएम मोदी और भाजपा वाले नहीं चाहते हैं कि देश में किसी और पार्टी की सरकार बने- भगवंत मान

महारौली को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आज यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है। हमें सिर्फ जनता तक यह बात पहुंचानी है कि कैसे आपके अधिकारों को छीना जा रहा है। देश की आम जनता गर्मी, धूप, सर्दी, बरसात हर मौसम की चुनौती का सामना करते हुए पोलिंग बूथ पर लाइन में लगकर वोट डालने जाते है और ये सोचती है कि यह मेरा पसंदीदा नेता है और मैं इसे अपने वोट से विधानसभा भेजूंगा तो अच्छे कानून बनेंगे, मेरे इलाके का काम होगा। 

मगर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा वाले नहीं चाहते हैं कि इनके सिवाय किसी और की सरकार बन जाए। अगर कहीं पर चुनाव से भाजपा की सरकार नहीं बनती है तो ये उपचुनाव से बना लेते हैं। उसके 25-30 एमएलए खरीद लो फिर उपचुनाव करा लो। राज्यपाल को सुबह 4 बजे उठाकर मुख्यमंत्री की शपथ दिलवा लो, फिर बाकी का बाद में देख लिया जाएगा। भाजपा यानी कि “भारतीय जुगाड़ू पार्टी” कोई न कोई जुगाड़ करते रहते हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली की 2 करोड़ जनता ने वोट देकर आम आदमी पार्टी को जिताया और अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाया। अगर सीएम अधिकारियों को आदेश ही नहीं दे पाएंगे, किसी भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं कर पाएंगे। फिर सिस्टम कैसे चलेगा? ये कहते हैं कि सिर्फ हमारा ही अधिकार होगा। यहां अकेले दिल्ली की 2 करोड़ जनता का सवाल नहीं है, बल्कि पूरे देश की 140 करोड़ जनता का सवाल है। क्योंकि दिल्ली में हर प्रदेश के लोग रहते है। 

केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी को सबसे मिल रहा समर्थन - भगवंत मान

सीएम भगवंत मान ने कहा कि हमने पूरे देश में जाकर दिल्लीवालों के अधिकारों की बात की। हमें पूरे देश से समर्थन मिल रहा है। पंजाब एक फुल स्टेट है। हमारे राज्यपाल ने पंजाब की चुनी हुई सरकार को बजट सेशन बुलाने की अनुमति नहीं दी। जिसके बाद हमें सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बजट सेशन होगा, इसके लिए इजाजत देनी पड़ेगी। बीजेपी वाले हर प्रदेश में कोई ना कोई अड़चन करते रहते है, जोकि नहीं चलेगा। 

उन्होंने कहा कि कहने को भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। मगर क्या देश में लोकतंत्र बचा है? देश की 140 करोड़ जनता को इकट्ठे होकर देश को बचाना पड़ेगा। हजारों शहीदों ने कुर्बानियां देकर देश दिया था। यह किसी की जागीर नहीं है। ये लोग खुद को मालिक समझने लग गए हैं। इन्हें लगता है कि हम ही देश पर राज करेंगे। अगर 140 करोड़ जनता तय कर लें कि हमने देश को बचाना है, तो देश बच जाएगा। 

बीजेपी वाले इतने अहंकारी हो गए हैं कि अगर ये 2024 में जीत गए, तो ये संविधान बदल देंगे। उसके बाद देश में चुनाव नहीं होंगे। पीएम मोदी की जगह नरेंद्र पुतन बन जाएंगे। अब देश को जागना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह रामलीला मैदान आम आदमी पार्टी की जन्मभूमि है। ये मजाक में कहते थे कि सड़कों पर बैठकर कानून नहीं बनते है। पहले जीतकर आइए। हम जीत कर आ गए और ये सड़कों पर बैठे हैं। वक्त बहुत बड़ी चीज है।

मोदी जी ने देश की प्रगति के लिए 60 महीने मांगा था और इन्होंने मीडिया समेत सभी संस्थाओं को गोदी बना दिया- कपिल सिब्बल

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एवं राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल कहा कि 2014 में मोदी जी ने कहा था कि आपने कांग्रेस को 60 साल दिए, हमें केवल 60 महीने दो, हम हिंदुस्तान को बदल देंगे। हिंदुस्तान को इतना प्रगतिशील बना देंगे कि विश्व देखता रह जाएगा। 60 महीने की बजाय उन्हें करीब 120 महीने मिले। इन्होंने केवल मीडिया को गोदी मीडिया नहीं बनाया, बल्कि सभी संस्थाओं को गोदी बना दिया। 

चुनाव आयोग, ईडी-सीबीआई सबको अपनी गोदी में बैठा दिया। परिणाम स्वरूप लोकतंत्र, भाईचारा खतरे में है और ये अपनी मनमर्जी कर रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि सभी विपक्षी दलों को एकजुट होकर मोदी जी का सामना करना होगा। जिस तरह से मोदी जी शासन चला रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि कोई भी सरकार बच पाएगी। 

हमेशा मोदी जी कहते हैं कि मुझे एक डबल इंजन सरकार चाहिए। डबल इंजन सरकार का मतलब है कि हर प्रदेश में उनकी सरकार होनी चाहिए। इनका लक्ष्य सारे विपक्षी दलों को खत्म कर सभी प्रदेशों को अपने कब्जे में लेना है। लेकिन डबल इंजन सरकार बनेगी नहीं। क्योंकि ये डबल बैरल सरकार है। एक बैरल ईडी और दूसरा बैरल सीबीआई है।

जनता भाजपा और मोदी जी के साथ नहीं, बल्कि अरविंद केजरीवाल के साथ है- कपिल सिब्बल

वकील कपिल सिब्बल कहा कि दिल्ली की जनता ने बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चुना। लेकिन जब से आम आदमी पार्टी दिल्ली में शासन कर रही है, तब से इनका इरादा किसी तरीके से शासन को चलने न देना है। दिल्ली एक राजधानी है। संविधान के अनुसार, दिल्ली में तीन चीजें केंद्र सरकार के हक में है। 

जिसमें पहला लैंड है, क्योंकि देश की राजधानी में विकास होगा और किस तरह से मकान व इमारतें बनेगी, इसे लेकर सारी पावर केंद्र सरकार के पास है। साथ ही पुलिस और पब्लिक ऑर्डर यानी सार्वजनिक व्यवस्था की भी पावर केंद्र सरकार के पास है। इसके अलावा केंद्र सरकार के पास कोई शक्ति नहीं होगी। केंद्र सरकार का हमेशा प्रयास रहा है कि किसी तरह से भी सारी शक्तियां खुद में समेट लें और जनता द्वारा चुनी हुई सरकार को जीरो बना दें। मगर जनता भाजपा और मोदी जी के साथ नहीं है, बल्कि जनता केजरीवाल के साथ है। यही बात इनके गले में अटकी हुई है। 

अगर प्रधानमंत्री को सारी शक्तियां अपने पास ही रखनी है कि दिल्ली को विधानसभा क्यों दी?- कपिल सिब्बल

उन्होंने कहा कि मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूं कि अगर सारी शक्तियां आपने अपने पास रखनी है तो दिल्ली को विधानसभा क्यों दी? आप इसे यूनियन टेरिटरी की तरह चलाना चाहते हैं। आपको मालूम है कि हिंदुस्तान में कई जगह यूनियन टेरिटरी रही हैं और वहां कोई असेंबली नहीं है। असेंबली बनाने का यही मतलब था कि जो लोग चाहें वही काम हो। लेकिन यहां लगता है कि जो मोदी जी चाहते हैं, वही काम होना चाहिए। 

यह न हमारे देश की जनता को स्वीकार होगा और न ही हमारे लोगों को स्वीकार होगा। किसी भी मंत्री के नीचे एक सेक्रेटरी होता है। मंत्री व सरकार के फैसलों का पालन सेक्रेटरी को करना होता है। मगर इन्होंने बहुत प्रयास किया। इन्होंने तय कर लिया है कि सेक्रेटरी भी हम बनाएंगे। जो हम कहेंगे, वही काम सेक्रेटरी करेगा, लेकिन मंत्री का कहना नहीं मानेगा। इन्होंने यह मामला कोर्ट के सामने रखा। कोर्ट ने कहा कि यह असंवैधानिक है। यह गलत है, क्योंकि फिर चुनी हुई सरकार, विधान सभा और मंत्रिमंडल का क्या फायदा है। 

दिल्ली सरकार से केंद्र ने छीनीं शक्तियां- कपिल सिब्बल

वकील कपिल सिब्बल कहा कि 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि सभी अधिकारियों, सेक्रेटरी होम, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, सेक्रेटरी टू डिपार्टमेंट आदि की जिम्मेदारी मंत्रिमंडल की होगी। यानी कि उन्हें मंत्रिमंडल के आदेशों का पालन करना पड़ेगा। इसके बाद इन्होंने 19 मई 2023 को एक अध्यादेश जारी कर दिया। इन्होंने अध्यादेश के अंतर्गत कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चाहे जो कहा हो, लेकिन हम नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली एक्ट-1991 में संशोधन करते हैं। 

इसके अंतर्गत एक कमेटी गठित करते हैं, जिसमें मुख्यमंत्री चेयरमैन होंगे और प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम व चीफ सेक्रेटरी शामिल होंगे। यदि आम सहमति से फैसले नहीं होते है तो बहुमत से फैसले होंगे। कमेटी में प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम व चीफ सेक्रेटरी- दो ब्यूरोक्रेट्स है। जोकि केंद्र सरकार के ब्यूरोक्रेट्स हैं। ऐसे में कमेटी में शामिल दो ब्यूरोक्रेट्स का फैसला चुनी हुई सरकार के खिलाफ भी हो सकता है। 

अगर मुख्यमंत्री का फैसला नहीं चलने वाला तो फिर ब्यूरोक्रेसी ही दिल्ली चलाएगी। यदि मुख्यमंत्री की बात नहीं मानी जाएगी, ऐसे में अवैध होने पर लेफ्टिनेंट गवर्नर अपने स्तर पर खुद फैसला करेगा। यानी कि सारी पावर लेफ्टिनेंट गवर्नर को दे दी। अगर आम सहमति न हो तो मंत्रिमंडल और मुख्यमंत्री को जीरो कर दिया। सारी पावर ब्यूरोक्रेट्स को दे दी और फैसला केंद्र सरकार करेंगी। 

वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हिंदुस्तान में ये संविधान का मजाक हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में कहा है कि आप सुप्रीम कोर्ट का फैसला अध्यादेश या कानून के जरिए रद्द नहीं कर सकते हैं जो उनके हक में नहीं है। ये सुप्रीम कोर्ट का फैसला रद्द नहीं कर सकते हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अध्यादेश को रद्द करने के लिए याचिका भी दायर की है। 

मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट अध्यादेश को रद्द करेगी। जो अध्यादेश ये कहे कि चुनी हुई सरकार के निर्णय नहीं माने जाएंगे, इसका मतलब कि ब्यूरोक्रेट्स के फैसले माने जाएंगे। ऐसे में विधानसभा का कोई मतलब ही नहीं हुआ और हर एक मंत्रिमंडल में ब्यूरोक्रेट की भी नियुक्ति ये लोग करेंगे। 

केंद्र सरकार को पसंद नहीं करती देश की जनता- कपिल सिब्बल

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल कहा कि जब-जब भी संविधान पर आक्रमण होता है तो हम लोगों को इकट्ठा होकर खड़ा होना चाहिए। मैं एक निर्दलीय सांसद हूं। मैं किसी पार्टी से जुड़ा हुआ नहीं हूं। मेरा मकसद रहेगा कि आने वाले दिनों में हर प्रदेश में जाकर यह बात कहूं कि वक्त आ गया है कि हम सभी को एकजुट होकर मोदी जी के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। मोदी जी हमेशा बच्चों को मन की बात बताते रहते है। 

आज मैं आपको एक मन की बात बताना चाहता हूं कि जनता इनको पसंद नहीं करती। जनता इनको नहीं चाहती। जनता कहती है कि अब काफी हो गया। आपको बड़ा वक्त दे दिया। आप अमीरों के प्रधानमंत्री है। आम जनता के मामलों में आप दखलअंदाजी नहीं करते। जनता पिस रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कौन सा ऐसा विभाग है, जिसमें आम आदमी का फायदा हुआ हो। 

इस देश में 76 फीसद संपत्ति 10 लोगों के पास है। यहां 80 करोड़ लोग 10 हजार रूपये से कम प्रतिमाह कमाते हैं। हम इंसाफ चाहते हैं। इसलिए मैंने कुछ ही महीनों पहले निर्णय लिया कि हम इंसाफ के सिपाही नाम की एक वेबसाइट चलाएंगे। वेबसाइट पर अपना नाम और डिटेल शामिल करें, ताकि हिंदुस्तान के इंसाफ के सिपाही बनें। यह बहुत जरूरी है क्योंकि ये लड़ाई इंसाफ की लड़ाई है। जिस तरह से हमारे देश में बेइंसाफी हो रही है। इसके खिलाफ हमें एकजुट होकर लड़ना है। सभी विपक्ष के लोग एक मंच पर इकट्ठा होकर 2024 में मोदी जी को हराकर रहेंगे।

भाजपा लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है- संजय सिंह

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि आज एक काला अध्यादेश लाकर मोदी सरकार सर्वाेच्च न्यायालय के 5 जजों के फैसले को बदलना चाहती है। दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अधिकार छिनना चाहती है। इस काले अध्यादेश के माध्यम से लोकतंत्र और दिल्ली की सत्ता को खत्म करना चाहती है। 

मैं नरेंद्र मोदी से कहना चाहता हूं कि आप अगर दिल्ली की सरकार और दिल्ली के संविधान को बदलना चाहते हैं, तो दिल्ली व देश की जनता केजरीवाल के साथ मिलकर तुम्हारी सत्ता को बदलने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि तानाशाही और अत्याचार की पराकाष्ठा है। आज दिल्ली में केजरीवाल को किस जुर्म की सजा मिल रही है? क्या उन्हें इसकी सजा मिल रही है कि वे मासूम बच्चों को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं और उनके लिए अच्छे स्कूल बना रहे हैं। लोगों को बिजली फ्री दे रहे हैं। मोहल्ला क्लीनिक बना रहे हैं, बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा रहे हैं, माता-बहनों को बस में फ्री यात्रा की सुविधा दे रहे हैं? 

सभी गैर भाजपा दलों के साथ मिलकर अध्यादेश को राज्यसभा में पास नहीं होने देंगे- संजय सिंह

राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि आज मनीष सिसोदिया जेल में है। इन्होंने हमारे 49 विधायकों को पकड़कर जेल में डाल दिया। सत्येंद्र जैन बड़ी मुश्किल से जमानत पर बाहर आए। उनका 36 किलो वजन कम हो गया। उन्हें देखकर आंखों से आंसू आ जाएंगे। पीएम नरेंद्र मोदी काले अध्यादेश के माध्यम से हमारे विधायकों, मंत्रियों, पार्टियों के नेताओं और अरविंद केजरीवाल को अपनी तानाशाही से दबाने का जुर्म कर रहे हैं। 

हम सब मिलकर मोदी सरकार के चेहरे को काला करने का काम करेंगे। हमें पूरे देश के नेताओं का समर्थन मिल रहा है। पूरे देश में इस आंदोलन को बढ़ाना होगा। यह कतई मंजूर नहीं है कि दिल्ली के दो करोड़ लोगों का अधिकार छीना जाए। यदि इस अधिकार को छीना गया, तो सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई होगी। जब ये बिल राज्यसभा में आएगा, हम सभी विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर इस बिल को गिराने का काम करेंगे। राज्यसभा में यह बिल पास नहीं होने देंगे।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना की है और दिल्ली के लोगो पर अध्यादेश थोप दिया है- गोपाल राय

वहीं, आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जब भी देश में संकट के बादल छाते है तब पूरा देश दिल्ली की तरफ देखता है। आज दिल्ली में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की अवमानना करते हुए रात के अंधेरे में चोर दरवाज़े से अध्यादेश लाकर दिल्ली के लोगो पर थोप दिया है। पूरी दिल्ली की जनता कह रही है कि मोदी जी और भाजपा की नाक के नीचे से अगर दिल्लीवाले अरविंद केजरीवाल को तीन-तीन बार सरकार बनाने जानते हैं तो काले अध्यादेश को लड़कर वापस भी करवाना जानते हैं।

भाजपा वाले कहते हैं कि आम आदमी पार्टी को संविधान, कानून और सर्वाच्च न्यायालय पर भरोसा नहीं है। आज जनता भाजपा से पूछ रही है कि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा क्यों नहीं है? प्रधानमंत्री ने संसद भवन के उद्घाटन पर कहा था कि भारत मदर ऑफ़ डेमोक्रेसी है लेकिन उनकी तानाशाही के कारण भारत मर्डर ऑफ़ डेमोक्रेसी बनता जा रहा है। सरेआम दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या पर उतारू हो चुके हैं। यह इस देश को बर्दाश्त नहीं है। इस देश का संविधान, लोकतंत्र, संस्थाएं किसी एक पार्टी की बदौलत नहीं बनी है। यह सब देश के लाखो लोगो द्वारा आज़ादी की लड़ाई में अपने प्राण न्यौछावर करने के बाद मिला है। 

आप मुझे प्यार करते हैं तो महारैली को सोशल मीडिया पर लाइव करें

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मंच से जहां तक भी मेरी नजर जा रही है, लोग ही लोग दिखाई दे रहे हैं। आज इस रैली में एक लाख लोग मौजूद हैं। वहीं रामलीला मैदान की तरफ आते हुए मुझे कम से कम 20-25 हजार लोग व समर्थक रामलीला मैदान की तरफ बढ़ते हुए सड़कों पर दिखाई दिए। आपके इस प्यार और मोहब्बत के लिए मैं दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सभी लोग सोशल मीडिया इस महारैली की वीडियो लाइव करें, ताकि पूरे देश की जनता तक यह बात पहुंचे। 

सीएम केजरीवाल के आह्वान पर खचाखच भरा रामलीला मैदान, सड़क पर भी खड़े रहे लोग

11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने ट्रांसफर पोस्टिंग और विजिलेंस पर नियंत्रण दिल्ली की चुनी हुई सरकार को दिए थे, लेकिन इसके आठवें दिन 19 मई को मोदी सरकार ने तानाशाही रवैया दिखाते हुए अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। इसके अगले दिन 20 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ पूरे देश को एकजुट करने का ऐलान किया था। 

साथ ही रामलीला मैदान में एक महारैली करने की घोषणा की, ताकि दिल्लीवासी केंद्र की इस तानाशाही के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर सकें। पूर्व नियोजित प्लान के तहत रविवार को यह महारैली हुई। अपने चहेते सीएम अरविंद केजरीवाल के आह्वान पर तेज धूप और सूरज की बरसती आग के बावजूद दिल्ली भर से इतनी तादात में लोग पहुंचे कि पूरा रामलीला मैदान भर गया। पूरी दिल्ली से एक लाख से अधिक लोग रैली में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे। आलम यह रहा कि रामलीला मैदान छोटा पड़ने पर हजारों लोग बाहर सड़क पर खड़े रहे। 

सीएम केजरीवाल ने की ‘‘इंसाफ के सिपाही’’ मुहिम से जुड़ने की अपील

इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा शुरू किए इंसाफ के सिपाही मुहिम से देश की जनता को जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ वकील और सांसद कपिल सिब्बल बहुत अच्छी लड़ाई लड़ रहे हैं। इनकी “इंसाफ के सिपाही” नाम से वेबसाइट है। मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि सभी इसका हिस्सा बनें। अब देश की 140 करोड़ जनता को अपने इस महान भारत देश के लिए मिलकर काम करना है।

‘अध्यादेश वापस लो, सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू करो’ के नारे से गूंजा मैदान

सुबह 10 बजे से महारैली की शुरुआत हुई लेकिन रामलीला मैदान में सुबह 9 बजे से ही लोग पहुंचना शुरू कर दिए। दिल्ली के हर इलाके से बड़ी संख्या में लोग महारैली में पहुंचे और पूरा मैदान भर गया। अध्यादेश के जरिए संवैधानिक अधिकार छीन जाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए अलग-अलग टुकड़ियों में पूरी दिल्ली से भारी संख्या में लोग रामलीला मैदान पहुंचे और मोदी तेरी तानाशाही, नही चलेगी-नही चलेगी, अध्यादेश वापस लो-वापस लो, सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू करो, अरविंद केजरीवाल जिंदाबाद समेत अनेकों नारों से पूरा रामलीला मैदान गूंज उठा।

42 डिग्री तापमान के बावजूद लोगों में दिखा पूरा जोश

महारैली के दौरान गर्मी जबरदस्त थी। इसके बावजूद लोगों में जोश दिखा। 42 डिग्री तापमान में भी रामलीला मैदान 11 बजे भर गया। महारैली में भाग लेने के लिए लोग 8 बजे से ही पहुंचने लग गए। भीषण गर्मी के बावजूद जोश के साथ दोपहर के 1.30 बजे तक डटे रहे। 

हाथों में तख्तियां और स्लोगन लिखी टी-शर्ट पहनकर पहुंचे लोग

महारैली के जरिए लोगों ने केंद्र सरकार के असंवैधानिक ऑर्डिनेंस को लेकर विरोध प्रकट किया। रैली में लोग हाथों में तख्तियां और स्लोगन लिखी टी-शर्ट पहनकर पहुंचे। लोगों ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार संविधान की हत्या कर रही है। दिल्ली सरकार को काम नहीं करने दिया जा रहा है। असंवैधानिक ऑर्डिनेंस लाकर दिल्ली के लोगों के अधिकार छीने जा रहे हैं।