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दिल्ली पर केंद्र के अध्यादेश का हेमंत सोरेन ने भी किया विरोध, राज्यसभा में बिल के खिलाफ वोट करेगी झारखंड मुक्ति मोर्चा

मोदी सरकार का तानाशाही रवैया देश के संघीय ढांचे के लिए खतरा - हेमंत सोरेन

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रांची 02-Jun-2023

दिल्ली पर केंद्र सरकार के विवादित अध्यादेश का झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी विरोध किया है। शुक्रवार को आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के बाद रांची में हेमंत सोरेन ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल को अपना समर्थन देने की घोषणा की और कहा कि हम और हमारी पार्टी केंद्र के इस अध्यादेश के बिल्कुल खिलाफ हैं क्योंकि यह अध्यादेश देश के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है। 

हेमंत सोरेन ने कहा कि आज देश के सभी गैर भाजपा शासित राज्यों की एक जैसी स्थिति है। मोदी सरकार हर तरीके से उन्हें रोकने का प्रयास कर रही है और किसी ना किसी बहाने  विरोधी पार्टियों की सरकारों को हमेशा परेशान करने की कोशिश करती रहती है। हेमंत सोरेन ने कहा हम पार्टी में इस मसले पर चर्चा करेंगे और केंद्र सरकार के इस अध्यादेश के खिलाफ व्यापक रणनीति तैयार करेंगे कि कैसे संसद में इस बिल को रोककर देश के लोकतंत्र को बचाया जाए।

शुक्रवार को 'आप' संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा एवं दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी 

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने रांची पहुंचे थे। केजरीवाल ने झारखंड सीएम का किया शुक्रिया, कहा - हेमंत सोरेन से हमारा भाई का रिश्ता, हम-दोनों अक्सर देश से जुड़े मसलों पर चर्चा करते रहते हैं। 

इस मौके पर अरविंद केजरीवाल ने मीडिया के सामने झारखंड सीएम का शुक्रिया अदा किया और कहा कि हेमंत सोरेन से हमारा भाई वाला रिश्ता है। हम-दोनों अक्सर देश से जुड़े मसलों पर चर्चा करते रहते हैं। 

उन्होंने कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार बनने के कुछ दिनों बाद ही मोदी सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर दिल्ली सरकार के अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार हमसे छीन लिया था। फिर हमने दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर इस अधिसूचना के खिलाफ आठ साल की लंबी लड़ाई लड़ी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के हक में फैसला सुनाया और कहा कि अफसरों के ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होने चाहिए। 

लेकिन प्रधानमंत्री मोदी से यह बात हजम नहीं हुई। फिर उन्होंने तानाशाही तरीके से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार का अधिकार छीन लिया। केजरीवाल ने कहा कि अगर राज्यसभा में सभी विरोधी पार्टियां एक हो जाती है तो यह बिल पास नहीं हो सकेगा। 

उन्होंने कहा कि हम देश भर में घूम कर सभी पार्टियों से इसलिए समर्थन मांग रहे हैं क्योंकि यह बिल देश के लोकतंत्र और देश के संघीय व्यवस्था के खिलाफ है। सभी पार्टियों को अपने निजी स्वार्थों और विचारों से ऊपर उठकर संसद में इस बिल का विरोध करना चाहिए।

मोदी सरकार राज्यों में निर्वाचित लोगों के बजाय अपने मनोनीत लोगों के माध्यम से शासन करने की कोशिश कर रही - मान

मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मोदी सरकार द्वारा लगातार लिए जा रहे तानाशाही फैसलों पर आश्चर्य जताया और कहा कि पिछले दिनों देश के मेडल जीतने वाले खिलाड़ी अपने मैडल को गंगा में प्रवाहित कर रहे थे। अगर हम अभी नहीं समझे तो आने वाले दिनों में हमें देश के लोकतंत्र की अस्थि को भी गंगा में प्रवाहित करनी पड़ेगी।

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि आज बीजेपी जिन राज्यों में चुनाव हार जाती है उन राज्यों में उपचुनाव करवाकर जीत जाती है। चुनाव हारने के बाद वह भारी संख्या में विधायकों की खरीद-फरोख्त कर अपनी सरकार बनाती है फिर उन विधायकों की सीट पर उपचुनाव कर करवा जीत जाती है। 

मान ने कहा कि यह लड़ाई दिल्ली और आम आदमी पार्टी की नहीं है। यह देश के लोकतंत्र और संघीय व्यवस्था को बचाने की लड़ाई है। आज मोदी सरकार राज्यों में निर्वाचित लोगों के बजाय अपने मनोनीत लोगों के माध्यम से शासन करने की कोशिश कर रही है। मान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को बहुत अहंकार हो गया है। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि लोकतंत्र में जनता मालिक होती है। जनता जब चाहेगी आपको और से फर्श पर ला देगी।