5 Dariya News

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विश्व दुग्ध दिवस समारोह, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के समर मीट को संबोधित किया

केंद्रीय मंत्री एफएएच एंड डी, विभिन्न राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्री पशुपालन और डेयरी विभाग और जम्मू-कश्मीर के कृषि उत्पादन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए

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श्रीनगर 01-Jun-2023

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विश्व दुग्ध दिवस समारोह और पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के लिए समर मीट को संबोधित किया। केन्द्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने जम्मू-कश्मीर केन्द्र शासित प्रदेश के पशुपालन और डेयरी विभाग और कृषि उत्पादन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मंत्री, उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, केंद्रीय सचिव अलका उपाध्याय और मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इस अवसर पर बोलते हुए, विश्व दूध दिवस पर किसानों और सभी हितधारकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन में डेयरी और भेड़ किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नीतियों और दूरदर्शी नेतृत्व में जम्मू कश्मीर के लोगों के स्नेह और विश्वास को दर्शाती है।

केंद्रीय मंत्री ने टीकाकरण सेवाओं, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों और डेयरी क्षेत्र के विकास में सहकारी समितियों की भूमिका पर प्रकाष डाला। उन्होंने डेयरी, कृषि और संबद्ध क्षेत्र में अभूतपूर्व वृद्धि हासिल करने के लिए उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले यूटी प्रशासन की भी सराहना की।

उपराज्यपाल ने जम्मू कश्मीर में कृषि और संबद्ध क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर समर्थन हेतु माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी और माननीय केंद्रीय मंत्री श्री पुरुषोत्तम रूपाला का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विश्व दुग्ध दिवस का उत्सव डेयरी उद्योग की विकास यात्रा में डेयरी किसानों, उद्यमियों और सभी हितधारकों के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि दो दिवसीय समर मीट के दौरान विचारों के आदान-प्रदान से पशुधन क्षेत्र की तकनीकी क्षमताओं के उन्नयन के लिए नई व्यवहार्य रणनीतियों की पहचान करने, डेयरी क्षेत्र की उत्पादकता, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने में मदद मिलेगी।

सभा को संबोधित करते हुए, उपराज्यपाल ने नए अवसर पैदा करने और सभी हितधारकों के लिए पशुपालन और डेयरी क्षेत्र को अधिक आकर्षक बनाने के लिए यूटी सरकार के प्रयासों को साझा किया। उन्होंने कहा “डेयरी समाज की समृद्धि और किसान परिवारों की आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण योगदान देती है। यूटी सरकार डेयरी क्षेत्र की उत्पादकता और विकास में निरंतर वृद्धि को सर्वोच्च महत्व देती है।”

उपराज्यपाल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने और क्षेत्र से जुड़ी एक बड़ी आबादी को आजीविका प्रदान करने में डेयरी क्षेत्र के योगदान पर प्रकाश डाला। उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘डेयरी क्षेत्र कृषि जीडीपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और इस तरह के विचार-विमर्श अनुसंधान और विस्तार प्रयासों और पशुधन प्रबंधन और उत्पादकता वृद्धि के लिए आवश्यक संशोधनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।‘‘ जम्मू कश्मीर पशुधन और डेयरी क्षेत्र को बदलने और किसानों के पारिश्रमिक में सुधार के लिए अन्य देशों और राज्यों के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। 

हम पशुपालन, कृषि और संबद्ध क्षेत्र की विशाल अप्रयुक्त क्षमता का दोहन करने हेतु सुधारात्मक उपाय कर रहे हैं। चारा उत्पादन, ऊन की गुणवत्ता में सुधार और इनब्रीडिंग जैसे मुद्दों को हल करना सरकार के अन्य फोकस क्षेत्र हैं। 80 प्रतिषत चारा स्थानीय स्तर पर उगाए जाने से हम चारा उत्पादन में आत्मनिर्भर बन जाएंगे। 

समग्र कृषि विकास कार्यक्रम पर बोलते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि यूटी सरकार किसानों और युवा उद्यमियों के लिए नए रास्ते बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर सरकार का उद्देश्य जम्मू कश्मीर के पशुपालन, कृषि और संबद्ध क्षेत्र के इतिहास में एक नया अध्याय लिखना है।

समग्र कृषि विकास कार्यक्रम के तहत, यूटी सरकार एकीकृत डेयरी विकास योजना शुरू कर रही है जो न केवल किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगी बल्कि लोगों को रोजगार और उद्यमिता के अवसर भी प्रदान करेगी। उपराज्यपाल ने किसानों के वित्तीय समावेशन और जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश के कृषक समुदाय के लिए आसान ऋण पहुंच पर बहुमूल्य सुझाव साझा किए। 

उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए बैंकिंग प्रणाली को सुव्यवस्थित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उपराज्यपाल ने, हाल ही में आयात पर निर्भर रहने के बजाय जम्मू-कश्मीर में ट्यूलिप की रोपण सामग्री उगाने की संभावनाओं का पता लगाने हेतु निर्देशित किये गये स्कास्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि हमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र की 25 संभावित परियोजनाओं की पहचान करनी चाहिए और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों को उन रणनीतियों पर काम करना चाहिए जिनके माध्यम से ये परियोजनाएं देश की जरूरतों को पूरा कर सकें। 

उपराज्यपाल ने भारत सरकार से कृषि क्षेत्र की परियोजनाओं के मार्गदर्शन के लिए पीएमयू की एक सूची बनाने का आग्रह किया और अन्य हिमालयी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त पैटर्न पर अंतर्राष्ट्रीय वित्त पोषण के लिए जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश पर विचार करने का भी आह्वान किया।

इस अवसर पर फीडिंग द फ्यूचर-फीड एंड फोडर अभियान और ए-हेल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए पांच दिवसीय कार्रवाई का शुभारंभ किया गया। गणमान्य व्यक्तियों ने पशुपालकों को चारा बीज और पशु सखियों को ए-हेल्प फील्ड किट वितरित करने के अलावा टिकाऊ डेयरी उत्पादन पर एक पुस्तक भी जारी की। 

विभिन्न योजनाओं के तहत जम्मू कश्मीर के लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र भी सौंपे गए। केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और बड़ी संख्या में डेयरी और भेड़ किसान भी इस अवसर पर उपस्थित थे।