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पंजाब सरकार द्वारा जि़ला योजना समितियों के लिए 13 करोड़ रुपए का फंड अलॉट : हरपाल सिंह चीमा

जि़ला योजना समितियों के चेयरपर्सनों के साथ की समीक्षा बैठक

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चंडीगढ़ 29-May-2023

पंजाब के वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ जि़ला योजना समितियों (डी.पी.सी.) के चेयरपर्सनों को बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जि़ला विशेष योजनाओं के अंतर्गत जि़ला योजना समितियों के अनटाईड फंडों के तौर पर 13 करोड़ रुपए का बजट रखा है, जबकि वित्तीय वर्ष 2021-22 में यह बजट केवल 6 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा कि ज़रूरत पडऩे पर इस बजट में अपेक्षित बदलाव किया जाएगा।  

यहाँ पंजाब भवन में जि़ला योजना समितियों के चेयरपर्सनों की कार्यकारी समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने चेयरपर्सनों को अपने-अपने जिलों के तेज़ी से विकास को सुनिश्चित बनाने के लिए सक्रियता से काम करने के लिए कहा। उन्होंने चेयरपर्सनों को कहा कि वह सरकार द्वारा चलाई जा रही अलग-अलग योजनाओं का गहराई से अध्ययन करें, जिससे जनता के पैसों के सही प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के लिए वह विकास योजनाओं का नक्शा तैयार कर सकें।  

चेयरपर्सनों को कैबिनेट मंत्रियों, पार्लियामेंट सदस्यों और विधायकों के साथ तालमेल को और बढिय़ा बनाने के लिए प्रेरित करते हुए स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जि़ला योजना समितियाँ इन शख्सियतों के ऐच्छिक फंडों और इनसे सम्बन्धित विभागों के फंडों को बेहतरीन ढंग से बरतने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। 

स. चीमा ने उनको अपने जिलों के लिए विकास प्रस्तावों का नक्शा तैयार करने और यह प्रस्ताव अपने डिप्टी कमिश्नरों के द्वारा योजना विभाग को भेजने के लिए कहा, जिससे उसके अनुसार रणनीति तैयार की जा सके। इस मौके पर उन्होंने संयुक्त सचिव योजना श्री राकेश कुमार को भी जि़ला योजना समितियों की बढिय़ा कारगुज़ारी के लिए इन चेयरमैनों को हर संभव सहायता मुहैया करवाने की हिदायत दी।  

इस दौरान जि़ला योजना समितियों के चेयरपर्सनों ने उनको दरपेश कुछ समस्याएँ भी साझा कीं। वित्त मंत्री ने आश्वासन दिया कि उनके सभी मुद्दों को विचारा जायेगा और इनको जल्द हल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार रंगला पंजाब बनाने के मिशन पर चल रही है और इस सपने को साकार करने के लिए जि़ला योजना समितियाँ अपना बनता योगदान दें।