5 Dariya News

अरविंद केजरीवाल के अभियान को मिली और मजबूती, तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने भी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिया समर्थन

यह अध्यादेश सिर्फ दिल्ली वालों के जनादेश के खिलाफ नहीं बल्कि देश के लोकतंत्र के खिलाफ है : अरविंद केजरीवाल

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हैदराबाद 27-May-2023

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शनिवार को टीआरएस(अब बीआरएस) के अध्यक्ष और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से मिलने हैदराबाद पहुंचे। उन्होंने राव से केंद्र के लोकतंत्र विरोधी अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा केसीआर ने 'आप' को अपना समर्थन दिया और भाजपा के इस कदम को दिल्ली के लोगों का अपमान बताया जिन्होंने केजरीवाल सरकार को दो बार भारी बहुमत से चुना। मीटिंग में आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी उपस्थित थे।

आप संयोजक ने केसीआर को समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि दिल्ली के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए आठ साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लोगों के हित में अपना फैसला सुनाया, लेकिन मोदी सरकार ने इस अध्यादेश माध्यम से केवल आठ दिनों के भीतर दिल्ली की शक्तियों को फिर से छीन लिया।

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर न्यायपालिका की अवमानना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका संदेश स्पष्ट है कि वे अध्यादेशों का सहारा लेकर किसी भी अदालती आदेश की अवहेलना करेंगे जो उनके एजेंडे के अनुरूप नहीं होगा। केजरीवाल ने कहा कि यह अध्यादेश न सिर्फ दिल्ली की जनता के जनादेश का अपमान है बल्कि लोकतंत्र विरोधी भी है। 

यह केवल दिल्ली के बारे में नहीं है बल्कि यह हमारे देश, लोकतंत्र और हमारे संघीय ढांचे को भी चुनौती देने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने गैर बीजेपी राज्यों में तीन चीजें लागू की, पहले विधायक खरीदना फिर ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग करना, राज्यपालों का दुरुपयोग करना और लोकतंत्र विरोधी अध्यादेश लाना। अगर बीजेपी राज्य सरकारों को काम नहीं करने देगी तो केवल प्रधानमंत्री और 31 राज्यपाल होने चाहिए। राज्य सरकारों की कोई जरूरत ही नहीं है।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा में इस अध्यादेश को हराने के लिए हम सभी को एक साथ आने की जरूरत है। मेरा मानना है कि अगर यह विधेयक राज्यसभा में पास नहीं होता है तो एक तरह से यह लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल होगा। इसका सीधा मतलब होगा कि मोदी सरकार 2024 में वापस नहीं आ पाएगी।

लोकतंत्र में फैसले लोगों के चुने प्रतिनिधि लेते हैं, केन्द्र सरकार के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं : सीएम भगवंत मान

मीडिया को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चेतावनी देते हुए कहा कि आज देश का लोकतंत्र गंभीर खतरे में है, क्योंकि निर्वाचित नेताओं को चुने हुए व्यक्तियों द्वारा प्रतिस्थापित किया जा रहा है। प्रतिनिधि शासन के सिद्धांतों को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल लोगों द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि नहीं हैं जो सरकार चला रहे हैं, बल्कि ये केंद्र सरकार द्वारा चुने गए व्यक्ति हैं। 

जबकि लोकतंत्र का सार उन लोगों में निहित है जो लोगों द्वारा चुने गए हैं। राज्यपाल और उपराज्यपाल को लोगों ने नहीं चुना है और न ही उन्हें जनता से वोट मिले हैं। इन्हें केंद्र सरकार ने राज्यों में अपने प्रतिनिधि के रूप में भेजा है।पंजाब की एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना का हवाला देते हुए सीएम मान ने कहा कि पंजाब के राज्यपाल ने हमें बजट सत्र की अनुमति देने से इनकार कर दिया, जो हमें बाद में सर्वोच्च न्यायालय से मिला। 

राज्य विधान सभा को भी संबोधित करते हुए राज्यपाल "यह सरकार" शब्द का उपयोग करना चाहते थे, जबकि संवैधानिक रूप से राज्यपाल हमेशा "मेरी सरकार" कहते हैं। देशभर के राजभवन आज भाजपा के राज्य कार्यालय और राज्यपाल उनके स्टार प्रचारक बन गए हैं।नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने की बात पर मान ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के अधिकार देने से इनकार कर रही है।  

इस बैठक में केवल फोटो सेशन होती हैं। यहां कोई काम नहीं होता। केंद्र पंजाब के आरडीएफ को जारी नहीं कर रहा है और उन्होंने नीति आयोग की पिछली बैठक के सुझावों पर भी विचार नहीं किया था, इसलिए ऐसी बैठकों का कोई मतलब नहीं है। मान ने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए पंजाब के किसानों के परिवारों को दी गई वित्तीय सहायता के लिए भी केसीआर की सराहना की और कहा कि इस अध्यादेश के खिलाफ भी उनका समर्थन काफी महत्वपूर्ण साबित होगा।