5 Dariya News

समाज मे सत्संग प्रवचन करने वाले सनातन धर्म के सुरक्षा कवच : वीरेश शांडिल्य

शांडिल्य बोले : माता पिता की सेवा करने वालों के घरों में भगवान का वास होता है, वृंदावन से आये स्वामी योगेश्वर महाराज ने की श्रीमदभागवत कथा, शांडिल्य को पुष्प माला व दोशाला पहना कर स्वामी योगेश्वर महाराज ने किया स्वागत

5 Dariya News

अम्बाला 25-May-2023

पहला गुरु माँ दूसरा पिता तीसरी शिक्षक व चौथा गुरु भगवान होता है जिस घर मे माता पिता की सेवा होती है उस घर मे संस्कारो के साथ भगवान का स्थाई वास होता है। उपरोक्त शब्द प्रेम नगर में दांतो के डॉक्टर प्रदीप कौशिक व मनीष कुमार सहित प्रेम नगर वासियों द्वारा करवाई श्रीमदभागवत कथा में हजारों लोगों को संबोधित करते हुए एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहे। 

इस मौके पर उनके साथ शिव रंजन, बिट्टू जट्ट, नवरत्न गर्ग भी माजूद थे। शांडिल्य का मंच पर वृंदावन से आये स्वामी योगेश्वर महाराज ने पुष्प माला पहनाकर स्वागत किया व उन्हें दोशाला दी। इस मौके पर शांडिल्य ने कहा कि ये भारत ऋषि मुनियों पीरो फकीरों व गुरुओं की धरती है और सत्संग व प्रभु सिमरन व नाम दान के बिना जीवन व हमारी संस्कृति अधरी है।

 उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को यदि किसी ने बचाया हुआ है वो संत समाज व देश के महिलाएं हैं जो निरतंर मंदिरों में जाती हैं ,घर मे पूजा पाठ कर व सत्संगों में जाती हैं और आज की कथा में भी पुरुषों की हाजरी मात्र सवा सौ व महिला भक्तों की हजारों में है। उन्होंने कहा कि घर मे नित नियम ज्योति का प्रकाश हो,एक समय जरूर पूजा हो। 

घर मे एक मंदिर जरूर बनाएं इससे हमारी सोच बदलती है हमारे अंदर संस्कारो का जन्म होता है। उन्होंने स्वामी योगेश्वर महराज को वृंदावन राधा रानी व भगवान कृष्ण की धरती से आये हम इनका अंबाला की धरती पर स्वागत करते हैं। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया व ब्राह्मण महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि गुरु बिन भक्त को भगवान नही मिल सकता इसलिए गुरु की भी पूजा व सेवा जरूरी है और गुरु हमारे अंदर से अहंकार ,मोह माया का विनाश करता है। 

गुरु बड़ो का आदर व छोटो से प्यार करने की शिक्षा देता है। सत्संग से हमारे जीवन को रोशनी व राह मिलती है जो हम सबको मंजिल की ओर ले जाती है। उन्होंने कहा कि जो सोच रख श्रीमदभागवत कथा का डॉ प्रदीप कौशिक व उनकी टीम ने आयोजन किया परमात्मा वह तमाम मनोकामना पूरी करें। 

इस मौके पर वीरेश शांडिल्य ने भी काफी देर तक स्वामी योगेश्वर महाराज के प्रवचनों को श्रवण किया। और उन्होंने आह्वान किया कि हम सबको एक होकर सनातन धर्म की रक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए । कथा के उपरांत हज़ारों लोगो ने लंगर भी ग्रहण किया ।