5 Dariya News

राज्य में बाढ़ रोकथाम कामों के लिए 99.33 करोड़ रुपए रखे, 30 जून तक काम मुकम्मल होंगेः मीत हेयर

जल स्रोत मंत्री ने रोपड़ हैड वर्कस का औचक दौरा करके सिंचाई प्रोजेक्टों का निरीक्षण किया

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रूपनगर 24-May-2023

पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में बाढ़ रोकथाम कामों के लिए 99.33 करोड़ रुपए रखे गए हैं और यह काम 30 जून तक हर सूरत में मुकम्मल होंगे। यह बात जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज रोपड़ हैड वर्कस में सिंचाई प्रोजेक्टों का निरीक्षण करने के लिए किये औचक दौरे के मौके पर कही।

मीत हेयर ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से सिंचाई के लिए जहां नहरी नैटवर्क को मज़बूत किया जा रहा है वहीं बारिशों के सीजन के दौरान संभावित बाढ़ों की स्थिति से निपटने के लिए भी अभी से कमर कस ली गई है। उन्होंने बताया कि मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान बाढ़ों के लिए रखे कुल 99.33 करोड़ रुपए में से जहाँ 79.33 करोड़ रुपए बाढ़ सुरक्षा कामों पर ख़र्चे किये जा रहें वहीं बाढ़ों के सीजन के दौरान किसी भी असुखद स्थिति से निपटने के लिए 20 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि अलग तौर पर रखी गई है। 

इसी तरह अंतरराष्ट्रीय सरहदी सुरक्षा विभाग राज्य के फंडों में से सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ लगते बी. ओ. पीज़ की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज़मीनी स्तर पर फंडों का पारदर्शी तरीके से सही प्रयोग किया जाये और इस मामले में लापरवाही बरतने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्रवाई की जायेगी।

मीत हेयर ने बताया कि जल स्रोत विभाग की तरफ से अत्याधुनिक साधनों से बुनियादी ढांचे को मज़बूत किया जा रहा है। रोपड़ हैड वर्कस में पानी के कंट्रोल के लिए 7.94 करोड़ रुपए की लागत के साथ सतलुज दरिया से बहती सरहन्द नहर के फाटकों का मोटराईजेशन का काम किया गया है जिससे विभागीय अमले की तरफ से हाथ से किया काम घटेगा। यह पहली बार हुआ है किसी नहर या दरिया के फाटकों को आटोमैटिक किया गया है और इसके इलावा पुल पर सकाडा सिस्टम लगाया गया हो। 

इससे नहर में छोड़े गए पानी की सही मात्रा नापी जायेगी कि नहर के पुल पर स्थापित अलग-अलग फाटकों से कितना पानी छोड़ा जा रहा है जिसका मंतव्य नहरों के पानी को अधिक से अधिक सुरक्षित करके ज़रूरत अनुसार सही स्थानों पर सिंचाई के लिए पहुंचाना है। इसी तरह चक्क ढेरा गाँव के नजदीक सतलुज दरिया पर 15.41 लाख रुपए की लागत के साथ स्टड (पत्थरों का बाँध) बनाया गया जिससे किनारे नहीं कटेंगे और आसपास के रिहायशी क्षेत्र और कृषि ज़मीन का बाढ़ों से बचाव होगा।

मीत हेयर ने रोपड़ हैड वर्कस में पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुये बताया कि रोपड़ जिले में 2.29 करोड़ रुपए की लागत से बाढ़ सुरक्षा के काम किये जाएंगे। आई. आई. टी. रोपड़ के साथ लगते क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा के काम किये जा रहे हैं जिससे दोबारा बाढ़ के मौके पर मुश्किलें पेश न आएं। 

इसी तरह जिले के गाँव पलसरी, जींदवाली और गाँव आसरापुर में बाढ़ रोकथाम के काम किये जा रहे हैं। नंगल से रोपड़ तक अलग-अलग ड्रेनों और चोओं की सफ़ाई की जा रही है। इसी तरह धार्मिक और ऐतिहासिक महत्ता रखते चरण गंगा चोअ की क्षमता को बहाल करने और धार्मिक श्रद्धालुओं के यातायात के लिए पैदल मार्ग बनाने का प्रस्ताव है। 

चोअ में गन्दगी और कूड़ा-कर्कट फेंकने के कारण यह पिछले साल से पूरी तरह अनुपयोगी पड़ा हुआ है। मीत हेयर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शी सोच स्वरूप राज्य के कई इलाकों में 40 साल के बाद नहरी पानी पहुँचा है। राज्य सरकार की तरफ से व्यापक स्तर पर भूजल को बचाने के लिए यत्न किये जा रहे हैं और इस मकसद से ही नहरों और दरियाओं पर फाटकों को आटोमैटिक किया जा रहा है। 

राज्य में सिंचाई के लिए भूमिगत पाईपें स्थापित की जा रही हैं। जल स्रोत मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार आने वाले समय में नहरों पर अलग-अलग स्थानों पर आटोमैटिक फाटक स्थापित करेगी, जहाँ पानी को रोका जायेगा जिससे ज़रूरत पड़ने पर संबंधित इलाको में कम से कम समय में खेतों की सिंचाई के लिए पानी पहुँचाया जा सके। 

उन्होंने कहा कि इस तकनीक से यदि किसी इलाके में नहर या चोअ को नुकसान पहुंचता है तो उस समय फसलों के नुकसान को काफ़ी हद तक घटाया जा सकता है। नहरों में फाटक लगने से भूजल के बढ़ने की भी पूरी उम्मीद है क्योंकि राज्य में जहाँ भी दरिया और नहरें गुज़रतीं हैं वहाँ पानी का स्तर आम दूसरे इलाकों से कहीं अधिक है।

इस मौके पर हलका विधायक दिनेश चड्ढा भी उपस्थित थे।