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सरकार ने 2019 से वित्तीय प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाई है : डॉ. अरुण कुमार मेहता

‘वित्तीय प्रबंधन में परिवर्तन और सुधार’ पर कार्यशाला का उद्घाटन किया

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श्रीनगर 03-May-2023

वित्त विभाग ने एसकेआईसीसी में ‘‘वित्तीय प्रबंधन में परिवर्तन और सुधार‘‘ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया।कार्यशाला में वित्त और योजना विभागों के महानिदेशक, प्रशासनिक विभागों में वित्त निदेशक, प्रशासनिक विभागों में एफए और सीएओ, एचओडी/डीडीसी के साथ तैनात एफए/सीएओ/लेखा अधिकारी, कोश अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।कार्यशाला का फोकस क्षेत्र स्तर पर बेहतर परिणामों के लिए प्रतिभागियों को सरकार की प्राथमिकताओं और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी योजनाओं के कार्यान्वयन के बारे में अवगत कराना था।

मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे, ने वित्तीय प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2019 से वित्तीय प्रबंधन प्रणाली में कई सुधार किए गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप बेहतर परिणाम सामने आए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार द्वारा अपनी वित्तीय संरचना में पेश किए गए प्रमुख सुधारों में अतिरिक्त पारदर्शिता और जवाबदेही की परिकल्पना की गई है और यूटी की वित्तीय प्रणाली को देश में किसी भी अन्य प्रणाली के बराबर लाया है। बजट अनुमान और आवंटन निगरानी प्रणाली जैसे परिवर्तनकारी सुधारों के कार्यान्वयन, जम्मू-कश्मीर च्ंलैले के माध्यम से बिलों को ऑनलाइन जमा करना, अनिवार्य प्रशासनिक अनुमोदन, तकनीकी मंजूरी और ई-निविदा, डिजिटल भुगतान, जीएफआर, जीईएम और संबंधित उपायों ने जम्मू-कश्मीर में वित्तीय प्रणाली को कुशल, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने में बहुत मदद की है।

डॉ. मेहता ने सिस्टम में सुधार के लिए आवश्यक बदलाव लाने के लिए वित्त विभाग की सराहना की और कहा कि विभाग सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को खत्म करने में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आज हम सुरक्षित रूप से निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि जम्मू-कश्मीर में वित्तीय प्रणाली कहीं भी सबसे पारदर्शी प्रणालियों में से एक है और 2019 के बाद यूटी में महत्वपूर्ण बदलव हुए हैं।‘‘

मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार ने 2022-23 के दौरान 92000 कार्यों को पूरा किया है जो हाल के दिनों में अकल्पनीय था क्योंकि 2019 से पहले पूर्ण किए गए कार्यों की संख्या लगभग 9000 रही है। उन्होंने यह भी कहा कि पंचायतों से लिया गया फीडबैक काफी उत्साहजनक है क्योंकि उनकी ओर से कार्यों को लेकर कोई शिकायत नहीं मिल रही है। 

उन्होंने कहा कि इतने ही पैसे पर बिना किसी बाधा के तीन-चार गुना अधिक काम हो रहा है क्योंकि पंचायतों में इस साल 43000 काम पूरे हो चुके हैं जो इस व्यवस्था से पहले सिर्फ 3000 के करीब थे। इस परिवर्तन में शामिल अधिकारियों को इस यात्रा का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करना चाहिए। 

वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन प्राप्त करने वाले हितग्राहियों की संख्या के संबंध में मुख्य सचिव ने कहा कि राजकोष पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना हितग्राहियों की संख्या साढ़े चार लाख से बढ़कर 10 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि पैसा वहीं पहुंच रहा है जहां पहुंचने का इरादा है और डीबीटी और सेवाओं के डिजिटलीकरण के कारण अब जनता के पैसे का कोई गलत इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

इसके अतिरिक्त डॉ. मेहता ने कहा कि वित्तीय प्रबंधन में सुषासन को बढ़ावा देना सरकार के मुख्य उद्देश्यों में से एक रहा है और लोग अपने क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों को एम्पावरमेंट पोर्टल पर वास्तविक आधार पर देख सकते हैं।मुख्य सचिव ने यह भी दोहराया कि जम्मू-कश्मीर सरकार की किसी भी भर्ती एजेंसी द्वारा की गई भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस है। 

उन्होंने आश्वासन दिया कि इन संस्थानों में हमारे युवाओं का विश्वास प्रशासन के लिए सर्वोपरि है और किसी भी कीमत पर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि योग्यता के आधार पर ही योग्य उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी मिले।कार्यशाला के दौरान, जम्मू-कश्मीर के अपने कर राजस्व के आधार के रूप में जीएसटी की भूमिका, सशक्तिकरण/जनभागीदारी के माध्यम से लोगों की भागीदारी, ई-ऑडिट और प्रदर्शन ऑडिटिंग, पीएफएमएस और सीएनए/एसएनए मॉड्यूल, जीपी फंड में आईटी की षुरुआत, वित्त और जांच के बीच सह-संबंध और डिजिटल भुगतान और डीबीटी के कुछ मुख्य विषयों पर चर्चा हुई।