5 Dariya News

पारदर्शी खनन नीति के अंतर्गत जारी किये टैंडरों को मिला भरपूर समर्थन

माइनिंग के अधिकार देने के लिए लॉट्रियों का सार्वजनिक ड्रा

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चंडीगढ़ 24-Apr-2023

खनन कामों में मुकम्मल पारदर्शिता को यकीनी बनाने सम्बन्धी मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूरदर्शिता के  कारण राज्य में रेत और बजरी की व्यापारिक खदानों को चलाने के लिए जारी किये गए टैंडरों के लिए प्राप्त हुई बोलियों को भरपूर समर्थन मिला है।

इन विवरणों को सांझा करते हुये खनन और भू-विज्ञान मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि व्यापारिक रेत और बजरी की खदानों को चलाने के लिए 68 लाख मीट्रिक टन रेत/बजरी का पहला टैंडर www.eproc.punjab.gov.in पर जारी किया गया था और विज्ञापन में दिये 14 माइनिंग कलस्टरों के विरुद्ध 562 बोलियों को भरपूर समर्थन मिला है। 

यह भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से माइनिंग कलस्टरों के आकार को घटा कर और उनको पारदर्शी और प्रगतिशील खनन नीति के अंतर्गत और मुकाबलेबाज़ बना कर खनन कामों में एकाधिकार को ख़त्म करने के यत्नों का प्रमाण है।मंत्री ने आगे बताया कि इससे पहले समूचे राज्य को सिर्फ़ सात कलस्टरों में बांटा गया था, जिसने समूचे खनन कामों के ऑपरेशन को एकाधिकार बना दिया था और छोटे व्यापारियों को ख़त्म कर दिया था क्योंकि ऐसे कलस्टरों के लिए सिर्फ़ बड़े खनन दिग्गजों के लिए ही बोली लगाना संभव था। 

इस बार राज्य को 100 कलस्टरें में बांटा जायेगा, जिससे इसको और प्रतियोगी बनाया जायेगा और आम लोगों को सस्ती रेत और बजरी उपलब्ध हो सकेगी।राज्य सरकार ने कानूनी पहुँच अपनाते हुये किसी भी माइनिंग साइट के लिए कोई भी टैंडर जारी करने से पहले सभी कानूनी प्रक्रियाओं जैसे स्टेट इनवायरनमैंटल इम्पैक्ट असेसमेंट अथारटी ( एस. ई. आई. ए. ए.) से मंज़ूरी लेना और खनन योजनाओं की तैयारी को मुकम्मल करने का विशेष फ़ैसला लिया है।

उन्होंने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर अगले तीन महीनों में समूची टैंडर प्रक्रिया पड़ावों में की जायेगी। इस दौरान जिन खदानों से लगभग 5 करोड़ टन रेत/ बजरी निकाली जा सकती है, की नीलामी की जायेगी। उन्होंने आगे कहा कि अब तक 1 करोड़ टन से अधिक के दो टैंडर जारी किये जा चुके हैं और 15-20 लाख टन का तीसरा टैंडर अगले दो दिनों में जारी कर दिया जायेगा।

इन टैंडरों के मूल्यांकन के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया सम्बन्धी पूछे सवाल के जवाब में मीत हेयर ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर के प्रतिनिधियों के साथ एक बहु-सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जिससे सभी टैंडरों का मूल्यांकन पारदर्शी ढंग से किया जा सके। जहाँ कहीं भी वित्तीय बोलियों में समानता होती है, तो इस मसले को ड्रा निकाल कर सुलझाया जाना चाहिए, बोलीकारों को कार्यवाही को रिकार्ड करने के लिए अपने ख़ुद के कैमरे लगाने की इजाज़त देने से इस प्रक्रिया को पूरी तरह सार्वजनिक किया जायेगा। 

उन्होंने आगे कहा कि पूरी पारदर्शिता को यकीनी बनाने के लिए यह ड्रा निकालने के मौके पर मीडिया को भी न्योता दिया जायेगा।राज्य भर में शुरू की गई 55 सार्वजनिक माइनिंग साईटों की सफलता के बारे बताते हुये खनन मंत्री ने कहा कि लोगों को सस्ती रेत मुहैया करवाने के साथ-साथ यह साईटें स्थानीय मज़दूरों और गाँवों के नौजवानों के लिए वरदान साबित हुई हैं, जो अब अपना समय बर्बाद करने और अपने आप को नशों के खतरे में डालने की बजाय सख़्त मेहनत करके बढ़िया आय कमा रहे हैं।

सिर्फ़ 32 सार्वजनिक माइनिंग साईटों के ज़रिये श्रमिक 5 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं, जबकि इन साईटों के शुरू होने के उपरांत ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लाने वाले स्थानीय नौजवान सिर्फ़ दो महीनों में 10 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई कर रहे हैं। इस तरह गरीब गाँव वासियों ने सिर्फ़ 32 साईटों से दो महीनों में 15 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है। 

यदि इसी तरह पंजाब सरकार राज्य भर में 150 सार्वजनिक माइनिंग साईटों को कार्यशील करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेती है, तो हज़ारों पंजाबी हाथों से रेत निकाल कर और इसकी ढुलाई करके अपनी ईमानदारी, सख़्त मेहनत से 450 करोड़ रुपए सालाना कमाई करना यकीनी बना सकेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के समय यह प्रक्रिया बिल्कुल उलट थी जब यह सारा पैसा राज्य में धड़ल्ले से काम कर रहे माइनिंग और ट्रांसपोर्ट माफिया की तरफ से अपनी जेबों में डाल लिया जाता था।खनन मंत्री ने पंजाब के लोगों को सस्ते भाव पर रेत और बजरी मुहैया करवाने की अपनी वचनबद्धता को भी दोहराया