5 Dariya News

डिज़ाइन के भविष्य पर चर्चा के साथ हुआ चंडीगढ़ डिज़ाइन फेस्टिवल का समापन

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चंडीगढ़ 22-Apr-2023

 दो दिवसीय चंडीगढ़ डिज़ाइन फेस्टिवल का समापन आज चंडीगढ़ सेक्टर 25 स्थित चितकारा इंटरनेशनल स्कूल में हुआ, जिसमें डिज़ाइन इंडस्ट्री के कुछ प्रतिभाशाली लोग भारत और दुनिया में डिज़ाइन के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए। चितकारा डिज़ाइन स्कूल के साथ शैक्षणिक साझेदारी में आयोजित उत्सव का दूसरा दिन, डिज़ाइन की शक्ति और कैसे यह हमारी दुनिया को इनोवेटिव तरीकों से आकार दे रहा है, का एक जीवंत प्रमाण है।

डॉ. मधु चितकारा, प्रो-चांसलर, चितकारा यूनिवर्सिटी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह फेस्टिवल न केवल चंडीगढ़ बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए वैश्विक रास्ते खोलेगा। उन्होंने कहा कि ‘‘डिज़ाइन के सिद्धांत अब केवल वस्तुओं के एस्थेटिक्स या उनके कार्यात्मक उद्देश्यों तक ही सीमित नहीं हैं; यह हमारे समाज के भविष्य को आकार देने में एक प्रेरक शक्ति बन गया है। 

डिज़ाइन के सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर, हम एक सहयोगी वातावरण बना सकते हैं जो प्रयोग, इनोवेशन और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है।’’वर्ल्ड डिज़ाइन ऑर्गनाइजेशन के प्रेसिडेंट डेविड कुसुमा द्वारा ‘डिजाइनिंग ए न्यू एरा: इंडियाज इम्पैक्ट ऑन द ग्लोबल डिज़ाइन लैंडस्केप’ पर दिया गया मुख्य भाषण डिज़ाइन में नेतृत्व करने के लिए भारत की आवश्यकता पर जोर देता है और डिज़ाइन को सामाजिक बदलाव के एक उपकरण के रूप में कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।

अज़मीना पोद्दार, एमडी, एक्सेंचर ने ‘पुटिंग लाइफ सेंट्रीसिटी एंड सस्टेनेबिलिटी एट द हार्ट ऑफ योर चॉइस’ पर एक पैनल डिस्कशन का संचालन किया। पोद्दार ने लोगों की जरूरतों के आसपास केंद्रित स्थायी समाधान तैयार करने के लिए डिज़ाइनरों की आवश्यकता पर जोर दिया।

‘डिजाइनिंग ए बोल्ड फ्यूचर: ऑपर्च्युनिटीज एंड इनोवेशन्स इन इंडियाज डिज़ाइन लैंडस्केप’ पर पैनल चर्चा रमनीक मजीठिया द्वारा संचालित की गई थी और इसमें डेविड कुसुमा, अज़मीना पोद्दार और गूगल में क्लाउड यूएक्स सॉल्यूशंस स्पेशलिस्ट सचेंद्र यादव शामिल थे।

पैनल ने इनोवेशन के महत्व और भारत के तेजी से विकसित हो रहे डिज़ाइन परिदृश्य में नए अवसर पैदा करने के लिए डिज़ाइन का उपयोग कैसे किया जा सकता है, विषयों पर विस्तार से चर्चा की।फैशन डिज़ाइनर मसाबा गुप्ता सबसे बड़ी स्टार मौजूदगी थीं, उन्होंने संयुक्ता श्रेष्ठ द्वारा ‘फैशन फॉरवर्ड: चार्टिंग द कोर्स फॉर इंडियाज फैशन डिज़ाइन इंडस्ट्री ऑन ए ग्लोबल स्टेज’ पर एक व्यावहारिक सेशन का संचालन किया। 

जबकि मसाबा गुप्ता हाउस ऑफ मसाबा के फाउंडर और ओनर हैं, जो एक लक्जरी फैशन ब्रांड है, जो आधुनिक सिल्हूट और डिज़ाइन के साथ पारंपरिक भारतीय वस्त्रों के फ्यूजन के लिए जाना जाता है। श्रेष्ठा एक नेपाली मूल की ब्रिटिश फैशन डिज़ाइनर हैं, जो अपने सस्टेनेबल और एथिकल ब्राइडल वियर के लिए जानी जाती हैं। 

इस टॉक में, गुप्ता ने अपनी इनसाइट्स साझा की कि कैसे भारत का फैशन इंडस्ट्री ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर पैर जमा सकता है और कैसे डिज़ाइनर सीमाओं को पार करने और रूढि़वादिता को तोडऩे के लिए अपनी रचनात्मकता का उपयोग कर सकते हैं।इंडी डिज़ाइन के संस्थापक और सीईओ सुधीर शर्मा ने ‘डिज़ाइन, टैक और कल्चर: फ्यूचर ऑफ इंडियन डिज़ाइन’ पर एक टॉक दी। 

शर्मा ने डिज़ाइनरों को टेक्नोलॉजी अपनाने की आवश्यकता और डिज़ाइन में प्रेरणा के स्रोत के रूप में भारतीय संस्कृति का उपयोग कैसे किया जा सकता है, पर विस्तार से चर्चा की।दिन की दूसरी पैनल डिस्कशन, ‘द डिज़ाइन रेवोल्यूशन: हाउ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन आर शेपिंग द फ्यूचर ऑफ  डिज़ाइन’, मनपाल सेतिया द्वारा संचालित की गई थी और इसमें गगन साहनी, हैड ऑफ डिज़ाइन, एब्सोल्यूट, कीरत खुराना, भारतीय एनिमेटर और फिल्म निर्माता, सुधीर शर्मा और गोपाल मीणा, वाइस प्रेसिडेंट, स्ट्रेटिजिक इनीशिएटिव्स, चितकारा डिज़ाइन स्कूल शामिल थे। 

पैनल ने चर्चा की कि कैसे तकनीक हमारे डिज़ाइन करने के तरीके को बदल रही है और कैसे पुरानी समस्याओं के नए समाधान बनाने के लिए इनोवेशन  का उपयोग किया जा सकता है।डेविड कुसुमा द्वारा टीआईई और ललित कला अकादमी से रॉबिन अग्रवाल के अभिनंदन और महोत्सव के निदेशक अंकुर मल्होत्रा द्वारा वोट ऑफ थैंक्स के साथ फेस्टिवल का समापन हुआ।

 चितकारा डिज़ाइन स्कूल के साथ एकेडमिक पार्टनरशिप में आयोजित दो दिवसीय चंडीगढ़ डिज़ाइन फ़ेस्टिवल 2023 एक शानदार सफलता रही, जिसमें डिज़ाइन की शक्ति और हम सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने के लिए इसका उपयोग कैसे किया जा सकता है, का प्रदर्शन किया गया।

फेस्टिवल में उपस्थित एक युवा प्रतिभागी ने कहा कि ‘मैं मुख्य रूप से मसाबा गुप्ता को सुनने आया था, वह काफी अच्छी गर्ल बॉस हैं, लेकिन यह पता चला कि आज ग्लैमर के अलावा और भी बहुत कुछ अनुभव करने के लिए है, मुझे इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी! चितकारा डिज़ाइन स्कूल के एक स्टूडेंट की मां ने कहा कि ‘‘किसे पता था कि फैशन रैंप पर चलने वाले खूबसूरत कपड़ों में सिर्फ खूबसूरत मॉडलों से कहीं कुछ ज्यादा हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि ‘‘फेस्टिवल ने मुझे यह बेहतर समझने में मदद की कि मेरे बच्चे ने इस क्षेत्र में आगे बढ़ाने का फैसला क्यों किया, और भविष्य में उसके  आगे बढऩे के लिए अनंत संभावनाएं हैं।’’