5 Dariya News

‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ का शुक्रवार को 44वां दिन

इनेलो में हुई बंपर ज्वाईनिंग, कांग्रेस, भाजपा और जजपा पार्टियों को अलविदा कह सैकड़ों लोग इनेलो में हुए शामिल

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बहादुरगढ़ 21-Apr-2023

‘‘परिवर्तन पदयात्रा आपके द्वार’’ शुक्रवार को 54वें दिन में प्रवेश कर गई। इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय सिंह चौटाला ने रोष जताते हुए कहा कि भाजपा गठबंधन सरकार के तानाशाह और किसान विरोधी शासनकाल में जितनी दुर्गति अन्नदाता की हो रही है वैसी कभी नहीं हुई। 

दुर्गति का आलम यह है कि रोहतक के महम क्षेत्र के मदीना गांव में मंडी में किसानों को दाना रखने के लिए जगह नहीं मिली तो किसानों को अपनी फसल को श्मशानघाट में रखना पड़ रहा है। इसके अलावा किसानों को मजबूरी में सडक़ों और स्कूलों तक में अपनी फसल रखनी पड़ रही है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार एक साजिश के तहत मंडी सिस्टम को खत्म करने पर तुली हुई है। आज मंडियों में पीने का पानी नहीं है, बारदाना नहीं है। मंडियों में बुनियादी सुविधाएं आढ़ती व किसानों को नहीं मिल रही है।हरियाणा परिवर्तन पदयात्रा के दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए इनेलो नेता ने कहा कि किसान पहले से ही बेमौसमी बरसात और ओलावृष्टि से बर्बाद हो चुका है। 

अब किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। सरकार सुशासन और विकास के झूठे दावे करती है और हकीकत ये है कि आज मंडियों में किसानों की फसल बिक नहीं रही है। कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा में इस तरह की तस्वीरें इस बेरहम सरकार का चेहरा बेनकाब करती है। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा में 70 प्रतिशत से अधिक आबादी खेती के साथ जुड़ी हुई है और लगभग 22 लाख 64 हजार किसान परिवार हैं। वहीं लाखों मजदूर परिवार भी खेती के साथ जुड़े हंै। छोटे, मंझोले दुकानदारों के अलावा बड़े कारोबारी और कारखानेदारों का भी खेती के साथ ही नाता है। 

ऐसे कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा में इस बेरहम सरकार ने किसान को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। अभी कुछ दिन पहले आई बरसात और ओले गिरने से प्रदेश में 6 हजार से अधिक गांवों के 2 लाख 63 हजार किसानों की 17 लाख 14 हजार एकड़ फसल बर्बाद हो गई। 

किसानों को मुआवजा देने की बजाय यह सरकार किसानों को कागजों में उलझा रही है। भाजपा सरकार किसानों का एक-एक दाना खरीदने का ढकोसला कर रही है। हकीकत ये है कि आज सडक़ों से लेकर श्मशानघाट तक किसान का दाना-दाना बिखरा हुआ है।

किसान एक संघर्षशील और स्वाभिमानी तबका है और किसान इस सरकार को आने वाले समय में करारा सबक सिखाएगा।अभय सिंह चौटाला ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के संघर्ष का हवाला देते हुए कहा कि यह सरकार शायद भूल गई है कि किसानों ने 13 महीने तक बारिश, गर्मी, सर्दी की परवाह किए बगैर और अपना परिवार, बच्चे व खेत छोडक़र इस हठधर्मी और तानाशाह सरकार को फैसला बदलने के लिए मजबूर कर दिया था। 

इनेलो नेता ने बरसात व ओलावृष्टि से बर्बाद हुई किसानों की फसलों के लिए प्रति एकड़ 50 हजार मुआवजा देने और किसानों की फसल खरीद तुरंत प्रभाव से करने की मांग की।