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सौरभ भगत ने आईआईटी, जम्मू में हिमालयन चैप्टर आफ नदर्न इंडिया का उद्घाटन किया

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जम्मू 16-Apr-2023

माइक्रोचिप्स और विनिर्माण के बहुत बड़े पैमाने पर एकीकरण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि में, आयुक्त सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सौरभ भगत ने आईआईटी, जम्मू में हिमालयन चैप्टर आफ नदर्न इंडिया का उद्घाटन किया।सौरभ भगत ने बताया कि वीएलएसआई हिमालयन चैप्टर का यह नया अध्याय आईआईटी, जम्मू को वीएलएसआई पर शोध का आधार बनने का अवसर प्रदान करेगा, जिसका मोबाइल, कैमरा, ऑटोमोबाइल, ड्रोन आदि जैसे सभी कंप्यूटिंग और नियंत्रण उपकरणों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। 

चैप्टर सभी विश्वविद्यालयों, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों, आईआईटी, एनआईटी और राज्यों के आईआईएससी जैसे जम्मू-कश्मीर, लेह, हिमाचल प्रदेश और अन्य को अनुसंधान और संयुक्त कार्यक्रमों से जोड़ेगा। आयुक्त सचिव ने अवगत करवाया कि स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को समर्थन देने वाले राज्यों की रैंकिंग में जम्मू-कश्मीर सभी केंद्र शासित प्रदेशों और पूर्वोत्तर राज्यों में शीर्ष प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा है।

उन्होंने खुलासा किया कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पांच श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है जिनमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले, शीर्ष प्रदर्शन करने वाले, नेता, महत्वाकांक्षी नेता और उभरते स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र शामिल हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर, जिसे केंद्र शासित प्रदेशों और एक करोड़ से कम आबादी वाले पूर्वोत्तर राज्यों के साथ जोड़ा गया है, शीर्ष प्रदर्शनकर्ता जबकि मेघालय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू और कश्मीर सरकार ने 2018 में अगले दस वर्षों के दौरान जम्मू-कश्मीर में कम से कम 500 नए स्टार्ट-अप की स्थापना का समर्थन और पोषण करने के लक्ष्य के साथ एक संपूर्ण स्टार्ट-अप नीति जारी की। पिछले कुछ वर्षों में, जम्मू-कश्मीर में 84 स्टार्ट-अप स्थापित किए गए हैं।

रैंकिंग नवोदित उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने हेतु की गई पहलों पर आधारित है। अभ्यास का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को विकसित करने और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखने में सहायता करना है। 

आकांक्षी नेताओं की श्रेणी में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, चंडीगढ़, पुडुचेरी और नागालैंड शामिल हैं। रैंकिंग के अनुसार, उभरती हुई स्टार्ट-अप पारिस्थितिक तंत्र श्रेणी में आंध्र प्रदेश, बिहार, मिजोरम और लद्दाख शामिल हैं। संस्थागत समर्थन, नवाचार को बढ़ावा देने, बाजार तक पहुंच, ऊष्मायन और धन सहायता से लेकर 26 कार्य बिंदुओं वाले सात सुधार क्षेत्रों में उनका मूल्यांकन किया गया है।सौरभ भगत ने खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है, जिससे केंद्र शासित प्रदेश के आर्थिक ग्राफ को ऊपर उठाने के अलावा बहुतायत में रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘इस शानदार कार्य को पूरा करने के प्रयास में, जम्मू-कश्मीर सरकार खाद्य प्रसंस्करण, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, हस्तशिल्प और हथकरघा जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है और इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्टार्ट-अप को सख्ती से बढ़ावा दे रही है।‘‘स्टार्ट-अप्स को आर्थिक विकास की दिशा में गेम चेंजर करार देते हुए, आयुक्त सचिव ने कहा कि सरकार शानदार विचारों और समाधानों के लिए ऊष्मायन और सीड फंडिंग सहायता प्रदान करने हेतु दृढ़ है। 

‘‘हमारा उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में नवाचार और स्टार्ट-अप के पोषण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है और औद्योगिक और शैक्षणिक प्रतिष्ठानों के बीच तालमेल बढ़ाना है जो युवा इनोवेटर्स को प्रोत्साहित और सशक्त करेगा तथा स्टार्ट-अप में निजी निवेश को बढ़ावा देगा।‘‘

इस दिशा में, जम्मू-कश्मीर विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार परिषद, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, जम्मू-कश्मीर सरकार और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जम्मू के तत्वावधान में एक वैज्ञानिक संगठन के बीच समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। दोनों संगठन जम्मू-कश्मीर के विभिन्न संस्थानों में इन्क्यूबेशन और इनोवेशन इकोसिस्टम के विकास, जम्मू-कश्मीर के तकनीकी संस्थानों में अनुसंधान और अकादमिक अंतर को पाटने, आईआईटी, जम्मू में ईएसडीएम और वीएलएसआई पर क्षमता विकास केंद्र स्थापित करने के अलावा अत्याधुनिक तकनीक की पहचान करने का काम करेंगे।

इस अवसर पर निदेशक, आईआईटी प्रोफेसर डॉ. मनोज गौर, निदेशक, आईआईटी मंडी प्रोफेसर लक्ष्मीधर बेहरा, रणनीति प्रमुख, इंटेल चित्रा हरिहरन, अध्यक्ष, वीएलएसआई सोसाइटी ऑफ इंडिया डॉ. सत्य गुप्ता, आईआईटी, जम्मू के वरिष्ठ संकाय सदस्य, अन्य विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि, विभिन्न स्कूलों के छात्र उपस्थित थे।वार्ता सत्र के दौरान, एसएंडटी विभाग के संयुक्त निदेशक संजय खाडू़ ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देने के संबंध में विभाग के जनादेश पर प्रकाश डाला।