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पिछले दो-तीन मैचों में वॉर्नर मारने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन गेंद उनके बल्ले पर सही से आ नहीं रही है: अक्षर पटेल

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नयी दिल्ली 12-Apr-2023

दिल्ली कैपिटल्स के उपकप्तान अक्षर पटेल ने कहा है कि कप्तान डेविड वार्नर पिछले दो-तीन मैचों में मारने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन गेंद उनके बल्ले पर सही से आ नहीं रही है। अक्षर ने कहा कि चार हार के बावजूद हमें सकारात्मक रहने की जरूरत है।दिल्ली के कप्तान डेविड वॉर्नर ने इस आईपीएल की चार पारियों में तीन अर्धशतक और एक 37 रन की पारी खेली है। 

हालांकि इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट सिर्फ़ 114.83 का रहा है। मुंबई के खिलाफ मैच में भी उन्होंने 47 गेंद खेलते हुए सिर्फ़ 51 रन बनाए, जिसमें एक भी छक्का शामिल नहीं था।अक्षर से जब वॉर्नर के स्ट्राइक रेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "पिछले दो-तीन मैचों की बात करें तो वॉर्नर मारने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन गेंद उनके बल्ले पर सही से आ नहीं रही है। 

एक बल्लेबाज के रूप में वह क्या सोच रहे हैं, मुझे नहीं पता, लेकिन टीम मैनेजमेंट ने उनसे साफ बात की है। जब पृथ्वी खेलता है, तो उन्हें एंकर रोल करना होता है। लेकिन दूसरी तरफ अगर सामने से विकेट गिरते रहे तो वह भी ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। इस पर भी हमें ध्यान देना चाहिए। 

हालांकि (रिकी) पोटिंग, (शेन) वॉटसन और दादा (सौरव गांगुली) सभी ने उनसे बात की है, सभी ने उनके वीडियो देखकर बताए हैं कि क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। वॉर्नर उस पर काम भी कर रहे हैं।"दिल्ली को इस मैच में आखिरी गेंद पर हार का सामना करना पड़ा। यह दिल्ली की लगातार चौथी हार है। 

लगातार चार मैचों में चार हार मिलने के बाद दिल्ली कैपिटल्स के उपकप्तान अक्षर पटेल जब प्रेस कॉन्फ्ऱेंस में आए तो उन्होंने पत्रकारों से मजाक में कहा कि यहां भी कठिन सवाल नहीं पूछना, इसके बाद वह जोर से हंसने लगे। पूरी प्रेस कॉन्फ्ऱेस के दौरान उनका रवैया ऐसा ही था कि जो बीत चुका है, उसे भूल जाएं और आगे के मैचों में सकारात्मकता के साथ उतरें।

उन्होंने कहा, "चार हार के बाद आपके पास दो रास्ते होते हैं। पहला रास्ता होता है कि आप अपने दिमाग में ये लेकर उतरे कि हम बुरा खेल रहे हैं, रन रेट भी अच्छा नहीं चल रहा है, लेकिन इससे चीजें और भी खराब होंगी। अगर आप मैच जीतते हैं तो उससे जरूर आपके आत्मविश्वास पर फर्क पड़ता है, लेकिन अगर आप सोचोगे कि आगे क्या होगा, क्या नहीं तो आपका आत्मविश्वास नीचे जाएगा और जो प्रदर्शन आपका आने वाला है, वो आप अपने खेल में नहीं ला पाओगे। 

इसलिए मुझे लगता है कि आपका सकारात्मक रहना बहुत जरूरी है। यह बस एक बात है कि हमारे सभी खिलाड़ी एक साथ क्लिक नहीं हो पा रहे हैं और हमारा टीम कॉम्बिनेशन भी हर मैच में बदल रहा है।"मंगलवार को दिल्ली को अपने घरेलू मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ आखिरी गेंद पर छह विकेट की हार मिली। 

इस मैच में टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी दिल्ली की टीम ने अपने पांच विकेट सौ रन के भीतर ही गंवा दिए थे और 150 रन भी बोर्ड पर टांगना मुश्किल लग रहा था, लेकिन सात नंबर पर बल्लेबाजी करने आए अक्षर ने अपने कप्तान डेविड वॉर्नर का बखूबी साथ दिया और सिर्फ़ 25 गेंदों में चार चौकों और पांच छक्कों की मदद से 54 रन बनाकर अपनी टीम को 172 के पार पहुंचाया। 

इस दौरान अक्षर ने मैदान के चारों तरफ शॉट खेले और ऐसा लग रहा था कि दिल्ली के दूसरे बल्लेबाज किसी दूसरे पिच पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, वहीं अक्षर के लिए कोई दूसरा विकेट बना हुआ है।पिछले कुछ महीनों से अक्षर का बल्ला जमकर बोल रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में तीन अर्धशतक लगाने से पहले उन्होंने श्रीलंका और बांग्लादेश के खिलाफ भी सीमित ओवर सीरीज में नीचे से आते हुए अच्छा प्रदर्शन किया था और वनडे व टी20आई दोनों में अर्धशतक जड़े थे। 

आईपीएल में भी गुजरात टाइटंस के खिलाफ 36 रन की पारी खेलने के बाद उन्होंने मुंबई के खिलाफ अपने आईपीएल करियर का पहला अर्धशतक जड़ा। हालांकि अक्षर अपनी इस पारी से संतुष्ट नहीं दिखे। उन्हें लगता है कि उन्हें पारी को अंत तक ले जाना चाहिए था।

गौरतलब है कि अक्षर के आउट होने के बाद दिल्ली की पूरी टीम अगले नौ गेंदों में चार विकेट खोकर सिर्फ़ सात रन जोड़ पाई और पूरी टीम दो गेंद पहले ही ऑलआउट हो गई।अक्षर ने कहा, "एक या दो रन की हार बहुत चुभती है। काफी सारी चीजें तब दिमाग में आती हैं कि मैं एक ओवर और रूक गया होता तो शायद 8-10 रन और बन जाते और हम मैच में बने रहते। 

यह एक अलग मैच होता, अगर हमारे पास बोर्ड पर 180 रन होते। मैंने यह हार्दिक (पांड्या) से सीखा है। उन्होंने मुझसे कहा था कि एक ऑलराउंडर के रूप में आपको 30-40 रन पर संतुष्ट नहीं होना चाहिए बल्कि पारी को फिनिश करने के बारे में सोचना चाहिए। इस पर मैं काम कर रहा हूं।"

अपनी बल्लेबाजी में आई तब्दीली के बारे में उन्होंने बात करते हुए कहा, "मैंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रन किया। उसके पहले श्रीलंका के खिलाफ टी20 और वनडे सीरीज में भी रन बनाए थे। जब आप लगातार भारत के लिए तीनों प्रारूप खेलते हैं और रन बनाते हैं, तो आपको आत्मविश्वास मिलता ही है और फिर वही आत्मविश्वास कैरी फॉरवर्ड होता है।

 भारतीय टीम में रोहित (शर्मा) भाई, विराट (कोहली) भाई से लगातार काफी कुछ सीखने को मिलता है।"अक्षर मुंबई के खिलाफ मैच में नंबर सात पर बल्लेबाजी करने आए। अच्छा बल्लेबाजी फॉर्म होने के बावजूद वह दिल्ली के अब तक चार में से सिर्फ़ एक मैच में ही नंबर छह पर बल्लेबाजी करने आए हैं।

 इस बारे में अक्षर ने अपने मजाकिया अंदाज में हंसते हुए कहा, अगर मैं चार या पांच या छह पर आता तब भी 10-12 ओवर बल्लेबाजी करता, जबकि अभी भी इतना ही ओवर बल्लेबाजी कर रहा हूं। टी20 क्रिकेट में मेरे लिए इतने ओवर आ चुके हैं। हां, टीम मीटिंग में इसके लिए बात हुई है कि मैं ऊपर आऊं, लेकिन दूसरी सोच यह भी है कि अगर मैं भी जल्दी आउट हो गया तो तेजी से रन कौन बनाएगा, पारी को फिनिश कौन करेगा? 

कप्तान-कोच ये भी सोचते हैं कि अगर ये भी जल्दी आउट हो जाए तो जो फिनिश अच्छा कर रहा है, वो भी हमें नहीं मिलेगा।"