5 Dariya News

जम्मू में बागवानी योजना एवं विपणन विभाग द्वारा निर्यात सम्मेलन आयोजित

‘‘जम्मू-कश्मीर में निर्यात की भारी संभावनाएं, बड़े पैमाने पर नीतियां और पहल की जा रही हैं‘‘-अटल डुल्लू

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जम्मू 20-Mar-2023

बागवानी योजना एवं विपणन विभाग, जम्मू-कश्मीर ने आज जम्मू में एक निर्यात सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें कृषि, बागवानी उत्पादों के निर्यात में काम करने वाले देश भर के निर्यातकों ने भाग लिया और अपने समृद्ध अनुभव और मूल्यवान सुझाव साझा किये, जिससे जम्मू-कश्मीर में निर्यात की संभावनाओं का विस्तार हो सके। 

एपीईडीए, डीजीएफटी, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्टर्स ऑर्गनाइजेशन, एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, भारतीय डाक विभाग सहित निर्यात प्रोत्साहन में शामिल विभिन्न प्रमुख एजेंसियों ने सफल निर्यात व्यापार और सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की अनिवार्य आवश्यकताओं को साझा किया।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि उत्पादन विभाग, अटल डुल्लू, मुख्य अतिथि थे और उन्होंने जम्मू-कश्मीर के किसानों और अन्य हितधारकों की बेहतरी के लिए निर्यात प्रोत्साहन नीति विकसित करने की सरकार की वर्तमान नीति और योजनाओं को साझा किया।

उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के किसानों, एफपीओ, सहकारी समितियों, व्यापारियों और निर्यातक समुदाय को अधिक सक्रिय और प्रभावी ढंग से समर्थन देने के लिए सभी संभावनाएं तलाश रही है।उन्होंने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर द्वारा शुरू किए गए समग्र कृषि विकास कार्यक्रम के तहत 5000 करोड़ से अधिक मूल्य की परियोजनाओं की अवधारणा सावधानीपूर्वक तैयार की गई है। 

उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के प्रावधानों के संबंध में सभी हितधारकों को प्रशिक्षित करने और संवेदनशील बनाने के लिए एक व्यापक क्षमता विकास कार्यक्रम चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार जीआई उत्पादों की अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए तेजी से आगे बढ़ रही है और जम्मू-कश्मीर के लिए निर्यात प्रोत्साहन रोडमैप के लिए डॉ. मंगला राय की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति का गठन कर चुकी है और इस संबंध में सभी हितधारकों के साथ सक्रिय परामर्श चल रहा है।

निदेशक बागवानी योजना एवं विपणन विकास शर्मा ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि विभाग ने विपणन बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग ने हाल के दिनों में कोलकाता और जम्मू में क्रेता-विक्रेता बैठकें भी आयोजित की हैं, जिससे यू.टी. के उत्पादकों को लाभ हुआ है। 

समग्र विकास कृषि कार्यक्रम के तहत, विभाग जम्मू-कश्मीर में कृषि विपणन को मजबूत करने के लिए 500 करोड़ से अधिक की परियोजना को लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि ब्रांडिंग केंद्र, ग्रामीण सेवा और व्यवसाय केंद्र, सीए स्टोर और बाजारों का विस्तार, कंपोस्टिंग प्लांट, मार्केट इंटेलिजेंस सेल का निर्माण कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर कथित परियोजना में ध्यान केंद्रित किया जाना है। 

इस अवसर पर, निर्यातकों का विचार था कि यूटी के उत्पादकों/किसानों के फार्म गेट पर विभिन्न स्थानों से खरीदारों/निर्यातकों/व्यापारियों को लाने के लिए सरकार द्वारा की गई पहल निश्चित रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हमारी उपज का प्रदर्शन करेगी जिसके परिणामस्वरूप हमारे उत्पादों की मांग बढ़ेगी और अंततः हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर में कृषि-बागवानी वस्तुओं के निर्यात परिदृश्य को दर्शाते हुए डॉ. सुधांशु द्वारा एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई। यह बताया गया कि यूटी का ध्यान सेब और चेरी, अखरोट, बादाम, केसर, शहद, सब्जियां, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, ऊन और खाल, बासमती, दालें, रेशम, लैवेंडर, सुगंधित उत्पादों और अन्य सहित ताजे फलों जैसी फसलों के निर्यात को बढ़ावा देने पर है। 

कृषि क्षेत्र की जानी-मानी हस्ती डॉ. पी.के. जोशी ने अपने संबोधन में यूटी सरकार को यूटी की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय और किसान-केंद्रित उपायों को लाने के लिए बधाई दी। उन्होंने हाल के दिनों में उठाए गए कदमों और पहलों की सराहना की और साझा किया कि जम्मू-कश्मीर को अब अन्य राज्यों द्वारा अनुकरण के लिए देखा जा रहा है।

निर्यात सम्मेलन में कृषि उत्पादन और किसान कल्याण विभाग के विभागाध्यक्षों, एपीईडीए, डीजीएफटी, फियो, ईसीजीसी, भारतीय पदों, आईआईटी, आईआईएम, जम्मू विश्वविद्यालय, नाबार्ड, स्कास्ट, एनएचबी, किसान बोर्ड के सदस्यों, डीएमआई, किसान, एफपीओ, सहकारिता, उद्यमी, निर्यातक, बाजार संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।