5 Dariya News

चितकारा यूनिवर्सिटी में जाने माने डायरेक्टर राजेश मापुस्कर ने शैक्षणिक परिचर्चा में लिया हिस्सा

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चंडीगढ़ 17-Mar-2023

अपने छात्रों को सीखने के नए अनुभव को प्रदान करने के उद्देश्य से चितकारा यूनिवर्सिटी ने अपने पंजाब कैंपस में  शैक्षणिक वैचारिक परिचर्चा “फरारी की सवारी की चाबी-अनलॉकिंग पोटेंशियल थ्रू राजेश मापुस्कर सिनेमेटिक लैंस” का आयोजन किया। चितकारा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, चितकारा स्कूल ऑफ साइकोलॉजी एंड काउंसलिंग, ऑफिस ऑफ स्टूडेंट अफेयर्स, चितकारा स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन और चितकारा स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स  के छात्रों के लिए इस परिचर्चा का आयोजन किया गया था।

इस कार्यक्रम का आयोजन जाने माने डायरेक्टर, लेखक, निर्माता और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता  श्री राजेश मापुस्कर के साथ मिलकर किया गया था। राजेश मापुस्कर ने 2012 में  फिल्म फरारी  की सवारी में प्रभावशाली निर्देशन के साथ शुरुआत की इसके बाद उन्होंने और कई अन्य प्रमुख फिल्मों में अपना योगदान दिया जिनमें मुन्नाभाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्नाभाई, 3 इडियट्स और वेंटिलेटर आदि फ़िल्में शामिल हैं। 

उन्होंने  डायरेक्शन के लिए नेशनल अवार्ड के साथ साथ  कई अन्य अवार्ड भी जीते हैं । इस परिचर्चा करने का उद्देश्य क्लासरूम टीचिंग में सिनेमा को एक प्रभावशाली टीचिंग  टूल के रूप में दिखाने के साथ साथ मानवीय साइकोलॉजी को समझने के लिए समक्ष  जरिया भी दिखाना था। 

इस कार्यक्रम में मापुस्कर ने अपने मुख्य भाषण में कई विचारोत्तेजक अंदरूनी बातों को सामने रखा। इसके बाद उन्होंने छात्रों के साथ विचार विमर्श  किया। उन्होंने अपनी फिल्म यात्रा को एक युवक से लेकर उसके नेशनल अवार्डी बनने तक के अनुभवों को साझा किया।

उन्होंने फिल्म निर्माता बनने के लिए आवश्यक कौशल,  चुनौतियों पर काबू पाने की कला, और उनकी आने वाली फिल्म परियोजनाओं के अलावा शिक्षा और मनोविज्ञान में सिनेमा की भूमिका के बारे अपने विचार भी  रखे। उन्होंने  सिनेमा को एक शक्तिशाली शैक्षिक टूल के रूप में उपयोग करने के विषय पर भी गहरा विचार विमर्श किया। 

छात्रों ने एज -ऑफ-द-सीट, रैपिड-फायर राउंड का भी आनंद लिया, जिसमें मापुस्कर ने कड़ी मेहनत के महत्व पर विशेष जोर देते हुए बताया कि निर्देशन की शुरुआत  उनके जीवन का सबसे विशेष पल था। उन्होंने छात्रों को चुनौतियों का सामना करने के लिए और कभी हार नहीं मानने और आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और कहा कि हमेशा सकारात्मक रवैया रखना चाहिए। 

उन्होंने छात्रों को हमेशा अपने आप पर, और अपनी प्रवृत्ति पर  भरोसा रखने का संदेश दिया और कहा कि वे कैसे अपने आप को आश्चर्यचकित  कर सकते हैं। इस आयोजन पर अपनी राय व्यक्त करते हुए  राजेश मापुस्कर  ने कहा, "एक फिल्म निर्माता के रूप में, सिनेमा को एक सीखने का  माध्यम के रूप में देखने से ज्यादा खुशी की बात कुछ नहीं हो सकती है। 

फरारी की सवारी की चाबी वास्तव में सिनेमा की शक्ति को बढ़ावा देने के लिए एक असाधारण मंच रहा है ,और यह कैसे छात्रों को सीखने या उनके व्यवहार और कार्यों को समझने में मदद करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने छात्रों को उनके भविष्य के सभी प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्होंने   एक अद्भुत शिक्षण मंच प्रदान करने के लिए प्रबंधन को भी बधाई दी। 

इसके अलावा, विशेष अवसर पर अपनी संतुष्टि का प्रदर्शन करते हुए, चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर, डॉ. मधु चितकारा ने कहा, ''श्री मापुस्कर को बोर्ड पर लाने का विचार इस तथ्य से आया कि हम छात्रों को सिनेमा का ऐसा अनुभव दिलाना चाहते थे  जो पहले कभी नहीं था और इसे वे एक  नए नजरिए से देखें। 

मापुस्कर की मेजबानी करना यूनिवर्सिटी के लिए  निश्चित रूप से गर्व का विषय रहा है और फरारी  की सवारी की चाबी हमेशा  हमारे दिल के करीब रही है।  हम इस बात को लेकर  रोमांचित हैं कि इस आयोजन ने छात्रों को यह समझने में मदद की कि वे इस अविश्वसनीय कला के माध्यम का उपयोग उनके पेशेवर अनुभवों को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं।