5 Dariya News

पंजाब सरकार राज्य में समग्र स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध : डॉ. बलबीर सिंह

पंजाब विधानसभा द्वारा दवाओं की महँगी दरें निर्धारित करने के मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाने के लिए सर्वसम्मति के साथ ग़ैर-सरकारी प्रस्ताव पारित

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चंडीगढ़ 09-Mar-2023

पंजाब विधानसभा द्वारा आज सर्वसम्मति से एक ग़ैर-सरकारी प्रस्ताव पास किया गया है, जिसके अंतर्गत महँगी दरों पर दवाओं की कीमत निर्धारित करके आम आदमी को लूटने का मामला केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा। यह ग़ैर-सरकारी प्रस्ताव आज यहाँ 16वीं विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के दौरान विधायक डॉ. चरणजीत सिंह द्वारा पेश किया गया।  

पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा पेश किए गए जवाब के उपरांत सदन में उपस्थित समूह सदस्यों द्वारा इस मामले की केंद्र सरकार को सिफ़ारिश करने के लिए ग़ैर-सरकारी प्रस्ताव पास किया गया।अपने जवाब के दौरान डॉ. बलबीर सिंह ने विधायक डॉ. चरणजीत सिंह द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव की सराहना करते हुए कहा कि यह मसला पहले ही उनके संज्ञान में है। 

उन्होंने कहा कि उन्होंने हाल ही में यह मामला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया के संज्ञान में लाया था, जो कुछ दिन पहले पटियाला के दौरे पर आए हुए थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कैंसर की दवाओं को पहले ही विनियमित किया जा चुका है, परन्तु गैर-अनुसूचित दवाओं और ई-फार्मेसी को अभी भी विनियमित किया जाना बाकी है।  

उन्होंने कहा कि जब तक इन दवाओं को विनियमित नहीं किया जाता, तब तक आम लोगों को सस्ती दवाएँ मुहैया करवाने का सबसे आसान तरीका राज्य में अधिक से अधिक ‘जन औषधि केंद्र’ खोलना है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य में 25 जन औषधि केंद्र हैं और अन्य 16 केन्द्रों को मंज़ूरी मिल चुकी है, जो जल्द ही खोले जाएंगे। 

उन्होंने समूह विधायकों को भी अपील की कि वह अपने-अपने विधान सभा क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोगों को यह केंद्र खोलने के लिए प्रेरित करें, जिससे न केवल आम लोगों को सस्ती दवाएँ उपलब्ध होंगी, बल्कि रोजग़ार पैदा करने में भी मदद मिलेगी।डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करना हरेक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और यह राज्य एवं केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि वह वैश्विक स्तर की मानक स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करे एवं सरकार द्वारा वित्तीय सहायता भी दी जाए।’’ 

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य में समग्र स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।उन्होंने विधानसभा में यह संकल्प लिया कि वह हरेक बजट सत्र के दौरान अपने किए गए कार्यों संबंधी अपनी ‘सालाना रिपोर्ट’ पेश करेंगे-चाहे यह डॉक्टरों और स्टाफ की भर्ती हो या नए मेडिकल प्रोजैक्ट से सम्बन्धित हो। उन्होंने विधान सभा को बताया कि राज्य में 504 आम आदमी क्लीनिक (ए.ए.सी.) कार्यशील हैं, जिनमें से 353 क्लीनिक, जोकि 70 फीसदी से अधिक हैं, गाँवों में स्थापित किए गए हैं।  

नशों की बुराई को राज्य का सबसे अहम मसला बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने सदन के समूह सदस्यों को इस प्रति चिंता प्रकट करने और इस खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार को पूर्ण सहयोग देने का आह्वान किया, जो न केवल कई घातक बीमारियों जैसे कि कैंसर, एच.आई.वी.-एड्स, हैपेटाईटस, नपुंसकता आदि का कारण हैं बल्कि राज्य में हो रहे अपराधों की एक ठोस वजह हैं।  

जि़क्रयोग्य है कि स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के लिए काम कर रही है, जिसके अंतर्गत सरकारी अस्पतालों में योगशालाएँ स्थापित की जाएंगी और मरीज़ों को दवाएँ देने की बजाय वहाँ जाकर योग और कसरत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे उनका प्राकृतिक ढंग से इलाज किया जा सके।