एलपीयू में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह दौरान सामाजिक बेहतरी के लिए विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला
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जालंधर 28-Feb-2023
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने हाल ही में बड़े उत्साह के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस-2023 मनाया | यह समारोह शांति देवी मित्तल ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया था, जहां स्कूल ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग एंड फिजिकल साइंसेज के विद्यार्थियों, फैकल्टी मेंबरों और एनएसएस स्वयंसेवकों ने भाग लिया।
इस दिन का थीम 'वैश्विक भलाई के लिए वैश्विक विज्ञान' था । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड में सहायक उपाध्यक्ष और प्रमुख (नए उत्पाद विकास) डॉ. रामकृष्ण गुप्ता ने की। अपने संबोधन में, डॉ. गुप्ता ने दैनिक जीवन में विज्ञान के महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे यह वैश्विक कल्याण प्राप्त करने में हमारी मदद कर सकता है।
उन्होंने समाज की बेहतरी के लिए योगदान देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किए जा रहे विभिन्न अनुसंधान और विकास पहलों पर भी प्रकाश डाला। डॉ. गुप्ता ने एफएमसीजी उत्पादों के विकास में पीएचडी के बाद के अपने अनुभव और उन उत्पादों पर अपने वर्तमान फोकस को भी साझा किया जो 100% शाकाहारी, रसायन मुक्त और जैव-फर्मेन्टेड विटामिन से बने हैं।
वर्ष 1928 में भारतीय भौतिक विज्ञानी सर चंद्रशेखर वेंकट रमन द्वारा 'रमन प्रभाव' के आविष्कार की स्मृति में, राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। भारत में विज्ञान के क्षेत्र में अपनी महान सफलता के लिए, सर रमन को वर्ष 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था।
समारोह में अतिथि का स्वागत करते हुए, एलपीयू की वाइस चांसलर डॉ प्रीति बजाज ने भी विद्यार्थियों को भारत के विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम घटनाओं के बारे में जागरूक किया। डॉ. बजाज ने विद्यार्थियों को विज्ञान के बुनियादी ज्ञान को व्यावहारिक उपयोगिता में बदलने की सलाह दी।
प्रो वाइस-चांसलर, प्रो डॉ लोवी राज गुप्ता ने देश के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ सीवी रमन की प्रशंसा की और साझा किया कि कैसे उन्होंने एक व्यक्ति के रूप में एक 'फोटॉन' की सूक्ष्म घटनाओं को एक विश्व प्रशंसित घटना में बदल दिया। विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश जुगलान ने साझा किया कि विद्यर्थियों ने विज्ञान प्रश्नोत्तरी, स्किट, वाद-विवाद, पेंटिंग, पोस्टर-मेकिंग प्रतियोगिता, 'नुक्कड़ नाटक' और आम जीवन में दिन-प्रतिदिन ऐसी घटनाओं के लिए विज्ञान की वास्तविकताओं के प्रति सामान्य जागरूकता की संबद्ध गतिविधियों में भी भाग लिया।इस कार्यक्रम में भारत के अन्य स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 350 छात्रों ने भी भाग लिया था।