5 Dariya News

कोटकपुरा गोलीकांड के आरोपियों और साजिशकर्ताओं के चेहरे का हुआ पर्दाफाश, करोड़ों लोगों की भावनाओं को मिलेगी शांति

हम न्याय दिलाने के वादे पर हैं कायम हैं, मंत्री हो या संतरी कानून सबके लिए एक, नहीं छिपती कभी सच्चाई

5 Dariya News

चंडीगढ़ 24-Feb-2023

आम आदमी पार्टी(आप) ने कोटकपुरा गोलीकांड में पेश चालान को लेकर विपक्षी दलों शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि नेक नीयत और ईमानदारी से किया गया हर काम सफलता की ओर ले जाता है।अच्छी नीयत से ही सफलता मिलती है। भगवंत मान सरकार ने बादलों के खिलाफ चालान पेश कर स्पष्ट कर दिया है कि गुरु साहिब का अपमान करने वाले और पंजाब के खिलाफ साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

'आप'  के अनुसार अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों की नीयत की कमी के कारण बेअदबी और गोलीकांड के मामलों में न्याय मिलने में इतनी देरी हुई है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “कोटकपुरा गोलीकांड के आरोपियों और साजिशकर्ताओं के चेहरे का हुआ पर्दाफाश ..करोड़ों लोगों की भावनाओं को शांति मिलेगी..हम न्याय दिलाने के वादे पर कायम हैं…मंत्री या संतरी कानून सबके लिए एक है..सच्चाई कभी छिपती नहीं..।

उल्लेखनीय है कि एडीजीपी लालकृष्ण यादव की अध्यक्षता वाली एसआईटी ने कोटकपुरा फायरिंग मामले में यह चालान पेश किया, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल और पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के नाम भी शामिल हैं। एसआईटी चालान के मुताबिक इन मामलों में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने घटनाओं को अंजाम देने में मदद की थी। चालान में दायर 7000 पन्नों की चार्जशीट में प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर सिंह बादल और पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को आईपीसी की धारा 323,324,504 के तहत नामजद किया गया है।

इस संबंध में शुक्रवार को चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के मंत्री डॉक्टर इंदरवीर सिंह निज्जर के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों की नीयत में कमी के कारण बेअदबी और गोलीकांड के मामलों में न्याय में इतनी देरी हुई है। लेकिन आज इस चार्जशीट के जरिए कोटकपुरा गोलीकांड के आरोपियों और साजिशकर्ताओं के चेहरे बेनकाब हो गए हैं।

अमन अरोड़ा ने कहा कि लंबे समय से हर एक पंजाबी और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के भक्त 2015 में हुई बेअदबी और उसके बाद कोटकपुरा गोलीकांड में शहीद हुए दो युवकों के लिए न्याय की गुहार लगा रहे हैं और पिछले साढ़े सात साल से इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस दौरान कई एसआईटी और न्यायिक आयोगों का गठन किया गया लेकिन न्याय नहीं मिला।

विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा सरकार के राज में ये दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुईं और कांग्रेस न्याय का वादा करके सत्ता में आई, लेकिन दोनों पार्टियों ने संगत की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया। उनका मकसद सिर्फ वोट बटोरना और सरकार बनाना था। हालांकि भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने महज ग्यारह महीने में इस मामले को तार्किक परिणति तक पहुंचा दिया है।

उन्होंने कहा कि जो पार्टी धर्म की पार्टी हुआ करती थी, उस पार्टी ने ही धर्म के खिलाफ इतना बड़ा अपराध किया है। भगवंत मान की सरकार पंजाब और पंजाबियों को न्याय दिलाएगी। आज तक सभी पार्टियों ने बेअदबी के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति की। न्याय की इस लड़ाई में बादलों के खिलाफ आज दाखिल किया गया चालान एक ऐतिहासिक कदम है।

अमन अरोड़ा ने कहा कि चार्जशीट में षड्यंत्रकारियों से लेकर शूटरों और सबूतों से छेड़छाड़ तक सभी को नामजद किया गया है।एसआईटी के अनुसार पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने अपनी सरकार की लापरवाही को छिपाने के लिए अवैध तरीके से बल प्रयोग करने की साजिश रची थी। ये दोनों मास्टरमाइंड हैं। 

इसके अलावा इस चार्जशीट में आई.जी. परम राज उमरानंगल (साजिशकर्ता), डी.आई.जी. अमर सिंह चहल (साजिशकर्ता), एसएसपी सुखमंदर सिंह मान (तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना), एसएसपी चरनजीत सिंह (साजिश को अंजाम देने वाला), एसएचओ गुरदीप सिंह (तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करना) के नाम भी आरोप लगाए गए।

उन्होंने आगे कहा कि हमने पंजाब के लोगों से इस मामले की जांच को अंजाम तक पहुंचाने का वादा किया था और आज हमने उस वादे को पूरा किया है। अगली कार्रवाई न्यायालय द्वारा किया जाएगा। हमें देश की न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है कि नानक नाम लेवा संगत को न्याय मिलेगा। 

हमने वादा किया था कि अगर हम सरकार में आए तो गुरु साहिब करने वालों को कड़ी सजा देंगे। अरविंद केजरीवाल ने वादा किया था कि कोटकपुरा गोलीकांड में शामिल बड़े मगरमच्छ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, आज हमने उस वादे को पूरा किया है।

उन्होंने कहा कि यह एक ईमानदार सरकार की वजह से संभव हुआ है। भले ही उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एसआईटी सृजित की गई थी, लेकिन भगवंत मान सरकार ने उन्हें बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप किए पूर्ण स्वतंत्रता के साथ कार्य करने की अनुमति दी।