5 Dariya News

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी, जम्मू में एयरोसोल विंटर स्कूल-2023 का उद्घाटन किया

स्वच्छ हवा प्रशासन की प्राथमिकता है और वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण हेतु राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को जन आंदोलन बनना चाहिए-एलजी

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सांबा 20-Feb-2023

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आज केंद्रीय जम्मू विश्वविद्यालय में एयरोसोल विंटर स्कूल-2023 का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम का समर्थन करने हेतु नेशनल नॉलेज नेटवर्क के तत्वावधान में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू द्वारा विंटर स्कूल का आयोजन किया जा रहा है।

उपराज्यपाल ने इस अवसर पर बोलते हुए विंटर स्कूल को स्वच्छ हवा और जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में वैज्ञानिक ज्ञान विकसित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल करार दिया। उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के उद्देश्य को पूरा करने के लिए, यह शीतकालीन स्कूल वायुमंडलीय एयरोसोल मापन के लिए सभी हितधारकों के सिद्धांत-आधारित प्रशिक्षण और व्यावहारिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा।

 स्वच्छ हवा प्रशासन की प्राथमिकता है और वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और कमी के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम को जन आंदोलन बनना चाहिए। यह भी आवश्यक है कि वैज्ञानिक अनुसंधान और इसका लाभ जनता और स्थानीय संस्थानों तक पहुंचे।

उपराज्यपाल ने देश भर में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की दिशा में माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उपराज्यपाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने हेतु दुनिया भारत की ओर देख रही है। 

विशेषज्ञों को जमीनी स्तर पर काम करना चाहिए और क्षमता निर्माण और सार्वजनिक आउटरीच पर विभिन्न विशेषज्ञों, शैक्षणिक और प्रशासनिक संस्थानों के बीच समन्वय होना चाहिए। नागरिकों का उत्पादक जीवन और क्षेत्र की प्रगति पर्यावरण के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है। 

सभी हितधारकों, प्रदूषण नियंत्रण समिति और यूएलबी को स्वच्छ वायु कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन और जम्मू कश्मीर के जलवायु भविष्य को आकार देने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए और हरित योद्धा और पर्यावरण सैनिक बनना चाहिए। 

हमें शहर की कार्य योजनाओं और स्थानीय समाधानों के लिए सूक्ष्म कार्य योजनाओं को विकसित करके जमीनी स्तर पर निगरानी प्रणाली को मजबूत करना है। उपराज्यपाल ने विकास और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों को भी साझा किया।

उपराज्यपाल ने कहा कि वन विभाग द्वारा पंचायत स्तर पर आम नागरिकों के बीच जागरूकता अभियान और ‘हर गांव हरियाली‘, ‘पेड लगाओ बेटी के नाम‘ जैसी पहलों ने जनभागीदारी को प्रोत्साहित किया है और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए समाज में जिम्मेदारी की भावना पैदा की है। 

जम्मू और श्रीनगर के लिए एनसीएपी दिशानिर्देशों के तहत शहर-विशिष्ट रणनीति तैयार की गई है। हमारा ध्यान नीति निर्माण, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से अंतराल को भरने और जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति और यूएलबी को इसका अधिकतम लाभ देने पर होना चाहिए।

उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क से जम्मू और कश्मीर में संबंधित संस्थानों की तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने में सहयोग करने का आग्रह किया और यूटी प्रशासन से सभी आवश्यक सहायता का आश्वासन दिया। उपराज्यपाल ने प्रदूषण नियंत्रण समिति और यूएलबी को इस शीतकालीन विद्यालय का एक अभिन्न अंग बनने के लिए कहा।

उपराज्यपाल ने कहा कि वायुमंडलीय एयरोसोल माप और स्रोत प्रभाजन अध्ययन के लिए इंस्ट्रूमेंटेशन और विश्लेषणात्मक तकनीकों पर व्यावहारिक प्रशिक्षण रासायनिक प्रजाति और एयरोसोल के स्रोत विभाजन के तरीकों पर वैचारिक ज्ञान प्रदान करेगा। 

उन्होंने जम्मू कश्मीर प्रदूषण नियंत्रण समिति, यूएलबी और केंद्रीय विश्वविद्यालय को शहर की कार्य योजना पर काम करने और जमीनी स्तर पर निगरानी तंत्र को मजबूत करने की रणनीति तैयार करने की सलाह दी। उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय को स्वच्छ हवा पर ध्यान देने के साथ क्षमता निर्माण और आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।

मुख्य सचिव डाॅ. अरुण कुमार मेहता और प्रधान सचिव, वन विभाग धीरज गुप्ता ने विंटर स्कूल में व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान होने वाली चर्चा और अध्ययन के उपयोगी प्रभाव पर प्रकाश डाला। संयोजक, नेशनल नॉलेज नेटवर्क फॉर नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम प्रोफेसर सच्चिदा नंद त्रिपाठी ने कार्यक्रम के लक्ष्यों और उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।

इस अवसर पर उपकुलपति केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू प्रोफेसर संजीव जैन,  विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ, डीन और संकाय सदस्य उपस्थित थे।