5 Dariya News

सीजीसी लांडरा ने सड़क सुरक्षा जागरुकता और नशा रोकथाम पर कार्यशाला का आयोजन किया

5 Dariya News

लांडरा 03-Dec-2022

सीजीसी लांडरा ने छात्रों के लिए एक दिवसीय वर्कशॉप  का आयोजन किया। इस वर्कशॉप के मुख्यता दो उद्देश्य थे, एक छात्रों को सड़क पर सुरक्षा के ट्रैफिक  रुल्स के बारे में जागरुक करणा, जिस से दुर्घटनाओं से बचाा जा सके और दूसरा नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम और नशामुक्ति के माध्यम से पुनर्वास के बारे में जानकारी देना ।

सड़क सुरक्षा जागरुकता सत्र का संचालन चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस टीम ने किया। इस में एसआई भूपिंदर सिंह, एएसआई रजिंदर सिंह, हेड कांस्टेबल  जगरुप सिंह और सीनियर कांस्टेबल राजिव शर्मा शामिल हुए। इन्होंने बहुत ही आकर्षक तरीके से दर्शकों को सड़क सुरक्षा उपायों तथा सुरक्षित ड्राइविंग के बारे में बताया। बहुत सी प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रतिभागियों ने जाना कि हेलमेट पहनना कितना आवश्यक है और साथ ही जिसमें आईएसआई मार्क हो उसी हेलमेट को पहनना। 

इसके साथ ही रात में अन्य मोटर वाहनों को उनकी दृश्यता में मदद करने के लिए हेलमेट पर रिफ्लेक्टिव  टेप भी लगाना शामिल था। सभी को इस बारे में भी जागरुक किया गया कि चैपहिया वाहन में आगे और पीछे दोनों यात्रियों के लिए सीटबेल्ट लगाना सुरक्षा के लिए कितना आवश्यक है। इस सब जानकारी के साथ छात्रों और फैकल्टी को लेन ड्राइविंग के बारे में भी बताया गया, सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों की मदद करना, सड़कों और राजमार्गों पर विभिन्न चिन्हों के अर्थ को समझना, शराब पीकर गाड़ी चलाने से बचना, अनावश्यक हार्न ना बजाना, जल्दबाज़ी और लापरवाही से बचना। 

टीम ने छात्रों को अन्य ज़रुरी यातायाद नियमों और विनियमों को सारांशित करते हुए एक क्विज़ का आयोजन किया। जिसके बाद विजेताओं को चंडीगढ़ की टैªफिक पुलिस टीम की तरफ से ट्रोफी देकर सम्मानित किया गया । ज्ञान और ऊर्जा से भरे इस सत्र का समापन सभी दर्शकों का द्वारा अपनी और सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करने की शपथ लेने के साथ हुआ। 

श्री सिमरनजीत सिंह, एमडी, ड्रग काउंसलिंग और रिहैबिलिटेशन, मोहाली ने ड्रग एब्यूज़ प्रिवेंशन पर सत्र का संचालन किया। जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को जागरुक रहने तथा ड्रग्स से दूर रहने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने नशे से मुक्ति पाने के उपचार के बारे में भी विस्तार से बताया जिससे नशे के आदी लाग अपनी इस बुरी आदत को छोड़कर एक बेहतर जीवन जी सकते है। 

दो युवा नौजवानों के उदाहरण के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया कि नशामुक्ति चिकित्सा और पुनर्वास की मदद से अपनी नशे की लत को खुद से अलग करते हुए, यह दोनों लोग अब बेहतर जीवन का आनंद उठा रहे है। इसके साथ ही इन्होंने सभी को ड्रग्स से दूर रहने की हिदायत दी। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि नशामुक्ति के उपचार से गुज़र रहे व्यक्तियों को अछूत या बहिष्कृत नहीं माना जाना चाहिए। 

उन्हें उनके परिवारों द्वारा इमोशनल सपोर्ट और सहायता प्रदान की जानी चाहिए, जिससे वो नशे से मुक्ति पाने की अपनी इच्छा को और प्रबल कर सके।जागरुकता सत्र के सफल संचालन में मदद करने वाले माननीय वक्ता के धन्यवाद ज्ञापन और अभिनंदन के साथ कार्यशाला का समापन हुआ।