5 Dariya News

निर्देशिका वेलेंटीना मौरेल की फ़िल्म 'आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स' पारिवारिक रिश्तों की जटिलताओं और एक किशोर की वयस्कता में यात्रा की पड़ताल करती है

ये फिल्म न तो रिश्तों की जटिलताओं को आदर्श बताती है और न ही उनकी निंदा करती है: निकोलस वॉन्ग

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पणजी, गोवा 27-Nov-2022

53वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 'इफ्फी टेबल टॉक्स' सत्र को आज गोवा में संबोधित करते हुए 'आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स' के सिनेमेटोग्राफर निकोलस वॉन्ग ने कहा कि "ये एक ऐसी फिल्म है जो वयस्कता में जाने की यात्रा की थाह लेती है, जो कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया नहीं है। 

ये एक ऐसी प्रक्रिया है जो इतनी गहरी है कि कभी-कभी लोगों को एक खास तरह से तोड़ भी सकती है। ये फिल्म युवाओं की किसी आम फिल्म की तुलना में कहीं ज्यादा जटिल है।"निकोलस ने कहा कि आधुनिक दौर के कोस्टा-रिका की संस्कृति और वयस्कता की कठिनाइयों का चित्रण होने के नाते ये फिल्म लोगों को दुनिया की दूसरी तरफ की कहानियां पहचानने में मदद कर सकती है और साथ ही उन पारिवारिक मूल्यों या भावनाओं से भी जोड़ सकती है जो कि सार्वभौमिक हैं।

फिल्म के मुख्य किरदार ईवा की कहानी को बताते हुए, निकोलस ने दावा किया कि निर्देशक वेलेंटीना मौरेल नैतिक निर्णय से मुक्त, जीवन की जटिलता का एक ईमानदार चित्र प्रस्तुत करने की कोशिश करती है। निकोलस वोंग ने कहा, "नैतिक निर्णय लिए बिना, निर्देशक इस फिल्म के माध्यम से दर्शकों को ऐसे जटिल रिश्तों में उनकी खुद की स्थिति की जांच करने के लिए लाने की कोशिश करती हैं।"

यह पूछे जाने पर कि यह फिल्म युवा पीढ़ी को क्या संदेश देगी, निकोलस ने कहा कि यह फिल्म प्यार के विभिन्न रंगों और पालन-पोषण के जटिल पहलुओं की पड़ताल करती है। एक अन्य प्रमुख विषय जिसे फिल्म में दिखाया गया है, उन लोगों के साथ पॉवर डायनामिक्स में अंतर से निपटना जिन्हें आप प्यार करते हैं। 

19 वर्षीय नवोदित अभिनेत्री डेनिएला मारिन नवारो की कास्टिंग पर, जिन्होंने मुख्य किरदार 'ईवा' की भूमिका निभाई, निकोलस ने कहा कि उन्हें पटकथा और चरित्र की बहुत गहरी समझ है। उन्होंने कहा, 'यह उसमें स्वाभाविक रूप से आया है। वह बहुत शांत और बुद्धिमान हैं।

सारांश: 

ईवा 16 साल की मजबूत इरादों वाली एक लड़की है, जो अपनी मां, छोटी बहन और उनकी बिल्ली के साथ रहती है। लेकिन वह अलग हो चुके अपने पिता के साथ रहना चाहती है। जब उसके पिता ‘दूसरी किशोरावस्था’ से गुज़र रहे होते हैं, तो वह उनके साथ चिपकी रहती है और किशोर जीवन की कोमलता एवं संवेदनशीलता तथा वयस्क दुनिया की निर्ममता के बीच संतुलन बिठाती है। 

‘आई हैव इलेक्ट्रिक ड्रीम्स’ प्यार और नफरत के बीच की बारीक रेखा को दर्ज करती है। वह भी एक ऐसी दुनिया में, जहां आक्रामकता और रोष महिला यौन जागृति की जटिलताओं के साथ जुड़ते हैं।