5 Dariya News

चितकारा इंटरनेशनल स्कूल में हुआ स्पिक मैके वर्कशॉप का आयोजन

प्रसिद्ध कथक नर्तक श्री संजीत गंगानी ने दी प्रस्तुति

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पंचकूला 24-Nov-2022

सांस्कृतिक विरासत की बढ़ावा देने के उद्देश्य से, चितकारा इंटरनेशनल स्कूल (सी.आई.एस), पंचकूला स्कूल परिसर में सोसायटी फार द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिक म्यूजिक एंड कल्चर (स्पिक मैके) वर्कशॉप की मेजबानी की। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर की गई।

कार्यशाला का संचालन प्रसिद्ध कथक नर्तक श्री संजीत गंगानी ने किया जो कि एक असाधारण कथक नर्तक राजेंद्र कुमार गंगानी जी के पुत्र हैं। स्पिक मैके, हरियाणा की वाइस चेयरमैन डॉ. शशि बनर्जी, भी इस मौके पर उपस्थित थीं। श्री संजीत गंगानी ने शानदार ढंग से और बड़े विस्तार से छात्रों को कथक  के बुनियादी मूवमेंट्स के बारे में  बताया ।

चितकारा स्कूल के बच्चों ने उत्साहपूर्वक इस कार्यशाला में भाग लिया और लाभान्वित हुए। छात्रों ने वास्तव में श्री गंगानी की शिक्षण तकनीकों की सराहना की, ग्रेड -8 की नायशा गर्ग ने टिप्पणी की, "मैंने वास्तव में कार्यशाला का आनंद लिया और संजीत सर ने  स्पिक मैके  के उज्ज्वल और सुंदर लोगो से संबंधित मेरे प्रश्न का अभूतपूर्व उत्तर दिया।"

कार्यशाला के अंत में छात्रों ने अपने शिक्षकों से आशीर्वाद लिया। सत्र के दौरान बच्चों को संबोधित करते हुए डॉ. शशि बनर्जी ने इस तरह कि कार्यशालाओं के महत्व पर अपने विचारों को साँझा किया । उन्होंने कहा, "इन कार्यशालाओं के ज़रिये हम आज के युवाओं को अपनी संस्कृति से जुड़ने और उस पर गर्व करने के लिए प्रोत्साहित करते है।"

कार्यशाला के समापन पर चितकारा इंटरनेशनल स्कूल, चंडीगढ़ और पंचकूला की  निदेशक डॉ. नियति चितकारा ने कहा, “ मैं भारत की सांस्कृतिक विरासत को ऐसी सम्मोहक कार्यशालाओं के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए श्री संजीत गंगानी और डॉ. शशि बनर्जी के प्रयासों और दृढ़ संकल्प की तहे दिल से सराहना करती हूं। 

चितकारा इंटरनेशनल स्कूल (सी.आई.एस) में हम बच्चों की सम्पूर्ण शिक्षा को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि हमारा मानना है कि किसी भी राष्ट्र की सफलता निस्संदेह इस बात पर निर्भर करती है कि उसके बच्चे किस प्रकार की शिक्षा प्राप्त करते हैं। इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से, हम छात्रों के सीखने के अनुभव को सुखद और यादगार बनाने का प्रयास करते हैं।”

युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सोसायटी फार द प्रमोशन ऑफ इंडियन क्लासिक म्यूजिक एंड कल्चर (स्पिक मैके)  एक स्वैच्छिक युवा आंदोलन है। इस आंदोलन के दुनिया भर के 300 से अधिक शहरों में चैप्टर्स  हैं जो भारतीय शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, लोक संगीत, योग, ध्यान, शिल्प और भारतीय संस्कृति के अन्य पहलुओं को बढ़ावा देकर भारतीय आईआईटी दिल्ली में  सांस्कृतिक विरासत के अमूर्त पहलुओं को बढ़ावा देते हैं डॉ किरण सेठ ने 1977 में  इसकी स्थापना की।