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"प्रकृति भगवान का स्वरूप है, हमें उसमें मौजूद शक्ति, क्षमता और समृद्धि को समझना चाहिए" : सर्बानंद सोनोवाल

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नई दिल्ली 18-Nov-2022

5वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के अवसर पर केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने नई दिल्ली में आज आयुष मंत्रालय के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन (आईएनओ), सूर्य फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर श्री सोनोवल ने कहा,  "प्रकृति भगवान का स्वरूप है, हमें उसमें मौजूद शक्ति, क्षमता और समृद्धि को समझना चाहिए लेकिन कभी-कभी हम इन चीजों को महत्व नहीं देते हैं और मुसीबतों से घिर जाते हैं। 

अगर हम प्रकृति की देखभाल करेंगे तो यह भी हमारा ख्याल रखेगी।" इस अवसर पर उपस्थित जन समुदाय के समक्ष लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला का वीडियो संदेश भी प्रसारित किया गया।मुख्य कार्यक्रम पुणे में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में आयोजित किया गया था। इस वर्ष के प्राकृतिक चिकित्सा दिवस को ''प्राकृतिक चिकित्सा: एक एकीकृत चिकित्सा'' विषय के साथ मनाया गया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से पूरे देश में प्राकृतिक चिकित्सा के साथ रोगी का उपचार के दृष्टिकोण का संदेश प्रसारित किया गया।राष्ट्रीय प्रकृतिक चिकित्सा संस्थान, पुणे में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव सुश्री कविता गर्ग मुख्य अतिथि थीं। इस अवसर पर डॉ. राघवेंद्र राव, निदेशक, सीसीआरवाईएन और राष्ट्रीय प्रकृतिक चिकित्सा संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. के. सत्य लक्ष्मी, पुणे क्षेत्र के महा डाक पाल श्री रामचंद्र गजभया भी उपस्थित थे।

आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री कविता गर्ग ने आज के समय में प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने दैनिक जीवन में प्राकृतिक चिकित्सा के सिद्धांतों का पालन करने की सलाह दी। सुश्री कविता गर्ग ने कहा कि प्राकृतिक चिकित्सा स्टार्ट-अप और यूनिकॉर्न के लिए मार्ग प्रशस्त करने के प्रयास सभी हितधारकों द्वारा सहक्रियात्मक तरीके से किए जाने चाहिए।

इस अवसर पर 5वें प्राकृतिक चिकित्सा दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष आवरण लिफाफा जारी किया गया। साइकिल रैली के प्रतिभागियों को गांधी स्मृति चिन्ह दिया गया, जो नई दिल्ली, वर्धा और हैदराबाद से आए थे और पुणे में एकत्रित हुए थे। स्टार्टअप योग चैलेंज विजेताओं को प्रमाण पत्र दिए गए। इस कार्यक्रम में संकाय के साथ 25 से अधिक महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन मल्लखंभ की प्रस्तुति के साथ हुआ।

भारत में वर्ष 2018 से हर वर्ष 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जाता है। इसी दिन महात्मा गांधी नेचर क्योर फाउंडेशन ट्रस्ट के आजीवन सदस्य बने और विलेख पर हस्ताक्षर किए थे। गांधी जी को भारत में प्राकृतिक चिकित्सा का संस्थापक व्यक्ति माना जाता है, क्योंकि उनके प्रयासों से ही यह उपचार प्रणाली भारत में लोकप्रिय हुई।ure Cure Foundation Trust and signed the deed.  Gandhi ji is considered the founding figure of Naturopathy in India, as it was largely through his efforts that this practice became popular in India.