5 Dariya News

पंजाब में 99.94 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को पाइप द्वारा पीने योग्य पानी किया जा रहा है मुहैया

मुख्य सचिव ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को शेष घरों को प्राथमिकता के आधार पर कवर करने का दिया निर्देश

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चंडीगढ़ 16-Nov-2022

पंजाब के मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने राज्य के सभी ग्रामीण घरों में पाइप द्वारा पीने योग्य पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के लिए बुधवार को जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को गुणवत्ता प्रभावित गांवों में शेष सभी 2230 घरों को प्राथमिकता के आधार पर इस वित्तीय वर्ष के भीतर कवर करने का निर्देश दिया।

राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (एसडब्ल्यूएसएम) की शीर्ष समिति की तीसरी बैठक की अध्यक्षता उनके कार्यालय, पंजाब सिविल सचिवालय-1 में करते हुए मुख्य सचिव ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता की चल रही परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) से ग्रामीण परिवारों की 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, क्योंकि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के प्रत्येक ग्रामीण घर में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने ग्रामीण विकास और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के अधिकारियों को स्वच्छ भारत ग्रामीण के तहत लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक सप्ताह के भीतर एक रोड मैप प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।मुख्य सचिव को अवगत कराया गया कि राज्य ने पहले ही 99.94 प्रतिशत (34.26 लाख में से 34.24 लाख) घरों को पाइप द्वारा पिने योग्य पानी की आपूर्ति मुहैया कर दी गई है। 

गुणवत्ता प्रभावित गांवों में शेष सभी 2230 परिवारों को 2022-23 में पीने योग्य पानी की आपूर्ति प्रदान की जाएगी। विभाग ने पहले ही राज्य के 11,931 गांवों, 146 ब्लॉकों और 20 जिलों में एफएचटीसी के माध्यम से पाइप के द्वारा जलापूर्ति के मामले में घरों की 100 प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित की है, इसके अलावा 11,867 गांवों को कवर किया गया, 133 ब्लॉकों और 16 जिलों में विशेष ग्राम सभा के माध्यम से ‘हर घर जल’ प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया है।

वार्षिक कार्य योजना 2022-23 पर चर्चा करते हुए, मुख्य सचिव ने अधिकारियों से राज्य में ‘हर घर जल’ की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए शेष घरों (आकांक्षी जिलों फिरोजपुर और मोगा सहित) को पाइप द्वारा जलापूर्ति से सुनिश्चित करने के लिए कहा, शेष 824 जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों को इस योजना के तहत पाइप द्वारा पीने योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाय और शेष जीपी भवनों और पाइप द्वारा जलापूर्ति वाले स्वास्थ्य केंद्रों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

उन्होंने जल परीक्षण प्रयोगशालाओं और एफटीके के माध्यम से पानी के नमूनों की नियमित जांच सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। यह कहा गया था कि राज्य में घरों की कवरेज में से 12.18 लाख ग्रामीण परिवारों के पास निजी स्रोत हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इन सभी निजी स्त्रोतों का रासायनिक व अन्य प्रदूषकों की जांच की जाए।गुणवत्ता संबंधी किसी भी समस्या के मामले में, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को पाइप जलापूर्ति योजनाओं से इन घरों में पीने योग्य पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि राज्य के हर घर में गुणवत्तापूर्ण पानी उपलब्ध हो सके।

वित्तायुक्त ग्रामीण विकास एवं पंचायत श्री के सिवा प्रसाद, प्रमुख सचिव योजना श्री विकास प्रताप, प्रमुख सचिव जल आपूर्ति एवं स्वच्छता श्री डी.के. तिवाड़ी, सचिव वित्त श्रीमति गरिमा सिंह, डीडब्ल्यूएसएस के विभागाध्यक्ष श्री विपुल उज्ज्वल, निदेशक सूचना एवं लोक संपर्क विभाग श्रीमति सोनाली गिरि, विशेष सचिव शिक्षा श्री वरिंदर कुमार शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।