5 Dariya News

हर स्कूल और शिक्षक का कर्तव्य है कि नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में काम करें जो विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में करेगी मदद : बनवारी लाल पुरोहित

चंडीगढ़ विश्वविद्यालय में एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 के पहले दिन 230 स्कूलों और 135 प्रधानाध्यापकों को किया गया सम्मानित

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घडूँआ 29-Oct-2022

"निजी क्षेत्र से संबंधित स्कूल और संस्थान भारत सरकार द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति, 2022 के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। क्योंकि निजी क्षेत्र के स्कूल भारत में स्कूलों की कुल संख्या का 26% हिस्सा हैं" ये शब्द चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के परिसर में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स एंड एसोसिएशन ऑफ पंजाब द्वारा गठित दूसरे एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कारों के उद्घाटन समारोह फैप नेशनल अवार्ड्स-2022 के दौरान राज्यपाल पंजाब और यूटी प्रशासक, बनवारीलाल पुरोहितने कहे।

इस अवसर पर पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा, चांसलर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, सरदार सतनाम सिंह संधू, और अध्यक्ष एफएपी, डॉ. जगजीत सिंह धुरीभी उपस्थित थे।सर्वश्रेष्ठ स्कूल राष्ट्रीय पुरस्कार श्रेणी में कुल 230 पुरस्कार दिए गए, जबकि एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 के पहले दिन 135 प्रधानाध्यापकों को सर्वश्रेष्ठ प्रधानाचार्य पुरस्कार श्रेणी में सम्मानित किया गया।

अपना संबोधन देते हुए, राज्यपाल पंजाब ने कहा, "जीईआर (सकल नामांकन अनुपात) में सुधार के लिए निजी स्कूलों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है और इसे कम करके नहीं आंका जा सकता है। कुल छात्रों में से 39% से अधिक छात्र निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं और इसलिए छात्रों के 100% नामांकन को प्राप्त करने की महत्वाकांक्षा को साकार करने के लिए निजी स्कूलों को एक प्रमुख भूमिका निभानी होगी, ताकि देश के हर बच्चे तक शिक्षा का उपहार पहुंचे।"

बनवारीलाल पुरोहित ने आगे कहा कि, "शिक्षा की एक अच्छी प्रणाली ज्ञान के लिए उनकी अतृप्त भूख को संतुष्ट करने में सक्षम होनी चाहिए। प्राचीन काल से ही शिक्षा भारत के विकास की धुरी रही है। भारत ज्ञान का समर्थक रहा है और यह हमारे पूर्वजों ने सैकड़ों साल पहले नालंदा, तक्षशिला जैसे विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों का निर्माण किया और सबसे बड़े पुस्तकालयों की स्थापना की।

राज्यपाल ने जोर देते हुए कहा कि यह स्कूलों और शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि, "युवाओं के मन में मूल्यों, अनुशासन, समर्पण और राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता की भावना पैदा करें। एक मजबूत और गुणवत्ता उन्मुख शिक्षा प्रणाली एक बहुआयामी शक्ति है, जो भारत को दुनिया के अग्रणी देशों की श्रेणी में बदल देगी।"

उन्होंने आगे कहा कि, "कक्षा कार्यक्रमों को क्षेत्र की गतिविधियों, सामाजिक जागरूकता और सामुदायिक सेवा पहलों में सक्रिय भागीदारी के साथ पूरक होना चाहिए।छोटी उम्र से ही छात्रों में सेवा की भावना पैदा करने की सख्त जरूरत है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की भावना के पीछे किसी को भी न छोड़ें, क्योंकि यह एक विकसित भारत के लिए 'सबका प्रयास' का समय है।"

पंजाब  के राज्यपाल ने निजी स्कूलों के प्रबंधन और शिक्षकों से विशेष बुनियादी ढांचे को खड़ा करने और ऐसे छात्रों के लिए, जो विकलांग हैं; नए शिक्षण सहायक उपकरण जोड़कर शिक्षा प्रदान करने पर काम करने की अपील की।पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवा ने अपना संबोधन देते हुए कहा कि, “निजी क्षेत्र शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है और इसलिए निजी क्षेत्र में स्कूली शिक्षा में उत्कृष्टता का सम्मान करना आवश्यक है। 

हमारी सिख संस्कृति में शिक्षकों को समाज में भगवान के समान दर्जा दिया गया हैऔर इसलिए यह आवश्यक है कि शिक्षक छात्रों को सही दिशा देते हुए गुरु के रूप में अपनी भूमिका निभाएं। आज के छात्रों को समृद्ध संस्कृति, इतिहास और मातृभाषा से जोड़ना हमारा कर्तव्य है। इसलिए आज जब हम हिंसा, ड्रग्स और बेरोजगारी के खतरे को देखते हैं तो शिक्षक की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती शिक्षकों को यह कर्तव्य है कि वह अपने छात्र के हाथ को थामें, ताकि उनके जीवन स्तर को उच्चता की ओर बढ़ाया जा सके और एक उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

एफएपी के अध्यक्ष डॉ. जगजीत सिंह धुरी ने कहा, "एफएपी राष्ट्रीय पुरस्कार 2022, का दूसरा संस्करण देश में शिक्षकों के अद्वितीय योगदान को सम्मानित करने और उन शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता के माध्यम से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है बल्कि अपने छात्रों के जीवन को भी समृद्ध किया है।"।

सतनाम सिंह संधू, चांसलर चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने निजी स्कूलों से संबंधित शिक्षकों के अपस्किलिंग, उच्च शिक्षा, अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिए चंडीगढ़ विश्वविद्यालय की सेवाओं की पेशकश की। उन्होंने कहा, "चंडीगढ़ विश्वविद्यालय स्कूल शिक्षकों के उन्नयन के लिए मुफ्त विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करेगा, ताकि उनके कौशल को बढ़ाया जा सके और वैश्विक मानकों से मेल खाया जा सके।"

आज जिन स्कूलों को पुरस्कृत किया गया उनमें डिजिटल टीचिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ सर्वश्रेष्ठ स्कूल में, दिल्ली पब्लिक स्कूल,अमृतसर,सेंट सोलिज़र एलीट कॉन्वेंट स्कूल, अमृतसरऔर गुरु नानक पब्लिक स्कूल, लुधियाना जबकि सर्वश्रेष्ठ स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर की श्रेणी के लिए सिल्वर ओक्स स्कूल बठिंडाऔर ऑक्सफोर्ड स्कूल ऑफ एजुकेशन शामिल रहे।दिल्ली पब्लिक स्कूल खन्ना और शाइनिंग स्टार स्कूल अमृतसर ने इनोवेटिव टीचिंग प्रैक्टिस कैटेगरी में बेस्ट स्कूल का खिताब हासिल किया जबकि प्रताप वर्ल स्कूल पठानकोटऔर सिल्वर ओक्स स्कूल बठिंडा ने उत्कृष्ट स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ सर्वश्रेष्ठ स्कूल विजेता रहे।

ब्रेनस्टर्स स्कूल गुरदासपुर, अकाल गैलेक्सी कॉन्वेंट स्कूल जालंधर, सीटी पब्लिक स्कूल जालंधर और श्री गुरु हरकृष्ण सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुल्तानपुर लोधी ने साफ़ और स्वच्छता श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ स्कूल के रूप जीता, जबकि भाई रूपचंद सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल बठिंडा, सेठ हुकुमचंद एसबी पब्लिक सीनियर स्कूल जालंधर, अमृत इंडो-कैनेडियन एकेडमी लुधियाना और आनंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल लुधियाना ने बेस्ट स्कूल इको-फ्रेंडली स्कूल में जीत हासिल की।

बेस्ट एकेडमिक प्रैक्टिसेज स्कूल श्रेणी में होली हार्ट स्कूल अमृतसर और दशमेश मॉडर्न स्कूल फरीदकोट ने बाजी मारी।डायनेमिक प्रिंसिपल अवार्डसे डॉ. सुनीता सिंह, श्री नारायण सेंट्रल स्कूल, अहमदाबाद गुजरात और सुश्री हरजीत कौर दविंद्र इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल अमृतसर को सम्मानित किया गया।