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शंकर के सानिध्य में सब कुछ अलौकिक और असाधारण -नरेंद्र मोदी

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उज्जैन 11-Oct-2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में महाकाल लोक का लोकार्पण करने के बाद कार्तिक मेला ग्राउंड में अपने जन संबोधन में कहा कि, शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है, सब कुछ अलौकिक है, असाधारण है अविस्मरणीय है और अविश्वसनीय हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने उज्जैन के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा, बाबा महाकाल एकमात्र ऐसी ज्योतिलिर्ंग है जो दक्षिण मुखी है। यह शिव के ऐसे रूप हैं जिनकी भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध है, यहां की भस्म आरती के हर व्यक्ति दर्शन करना चाहता है। 

हमारे ज्योतिलिर्ंग का विकास भारत का आध्यात्मिक विकास है। भारत का अध्यात्मिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व के मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है। हर बारह साल में होने वाले सिंहस्थ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हजारों साल से कुंभ की पुरानी परंपरा है, उसमें अमृत मंथन से जो संकल्प निकलता है, उससे 12 साल तक क्रियान्वित करने की परंपरा रही है। 

फिर 12 साल बाद कुंभ होता था, फिर एक बार अमृत मंथन होता था फिर संकल्प लिया जाता था। पिछली बार जब यहां कुंभ हुआ था तब मुझे आने का सौभाग्य मिला था। महाकाल का बुलावा आया और यह बेटा आए बिना कैसे रह सकता है। 

उस समय जो संकल्प बन गया था आज वह मूर्तरुप ले रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भारत के लिए धर्म का अर्थ है हमारे कर्तव्यों का सामूहिक संकल्प हमारे संकल्पों का ध्येय है विश्व का कल्याण। प्रधानमंत्री ने कहा महाकाल के आशीर्वाद से भारत की भव्यता पूरे विश्व के विकास के लिए नई संभावनाओं को जन्म देती है, जहां इनोवेशन है वहां रिनोवेशन भी है। 

हमने गुलामी के कालखंड में जो कुछ खोया आज भारत उसे रिनोवेट कर रहा है। अपने गौरव की, अपने वैभव की पुनस्र्थापना कर रहा है। एस्ट्रोनॉमी से जुड़े शोध के शीर्ष केंद्र रहे हैं, आज नया भारत जब अपने प्राचीन मूल्यों के साथ आगे बढ़ रहा है तो आस्था के साथ साथ विज्ञान और शोध की परंपरा को भी पुनर्जीवित किया जा रहा है। 

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब तक हमारी आस्था के केंद्र जागृत ह,ै भारत की चेतना जागृत है। भारत की आत्मा जागृत है। जहां महाकाल हैं वहां काल खंडों की सीमाएं नहीं है ।महाकाल की शरण में विष में भी स्पंदन है, महाकाल के सानिध्य में अवसान से भी पुनर्जीवन है, यही हमारी सभ्यता का वह आध्यात्मिक आत्मविश्वास है जिसके सामथ्र्य से भारत हजारों वर्षों से अमर बना हुआ है।

प्रधानमंत्री ने उज्जैन की ऐतिहासिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा ज्योतिषीय गणना में उज्जैन न केवल भारत का केंद्र रहा है बल्कि यह भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है उज्जैन की क्षण-क्षण में इतिहास समाया हुआ है, कण-कण में आध्यात्मिक समाया हुआ है और कोने कोने में ईश्वरीय ऊर्जा संचालित हो रही है। 

उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, सभ्यता और साहित्य का नेतृत्व किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने धार्मिक स्थलों के बदलते स्वरूप का जिक्र करते हुए कहा सोमनाथ, केदारनाथ, बदरीनाथ धाम में नव निर्माण अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण तथा चार धाम निर्माण प्रोजेक्ट में ऑल वेदर रोड बन रही है। 

जब हम उत्तर से दक्षिण तक पूर्व से पश्चिम तक अपने प्राचीन मंदिरों को देखते हैं तो उनका सांस्कृतिक वैभव उनकी विशालता, वैज्ञानिकता हमें आश्चर्य से भर देती है। महाकाल लोक अतीत के गौरव के साथ भविष्य के स्वागत के लिए तैयार हो गया है। 

महाकाल लोक की भव्यता आने वाली पीढ़ी को अलौकिक दर्षन कराएगी। इससे पहले प्रधानमंत्री ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया और उसका भ्रमण भी किया। इस मौके पर उनके साथ मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चौहान व राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी मौजूद रहे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं है, सब कुछ अलौकिक है असाधारण, अविस्मरणीय है और अविश्वसनीय है। आजादी के अमृत काल में गुलामी की मानसिकता से मुक्ति और अपनी विरासत पर गर्व का आह्वान किया है।