5 Dariya News

"जिस व्यक्ति के मन में देशभक्ति की भावना आ जाती है उसके मन से बेईमानी, भ्रष्टाचार और चोरी समाप्त हो जाती है" : अनिल विज

"देश भक्ति से ओतप्रोत व्यक्ति देश के विकास में लगातार अपनी भूमिका निभाता है" -अनिल विज

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चंडीगढ़ 28-Sep-2022

हरियाणा के  गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि "जिस व्यक्ति के मन में देशभक्ति की भावना आ जाती है उसके मन से बेईमानी, भ्रष्टाचार और चोरी समाप्त हो जाती है और देश के विकास में वह व्यक्ति लगातार अपनी भूमिका निभाता रहता है"। उन्होंने देश के नौजवानों से आह्वान करते हुए कहा कि वे देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाए। विज ने यह बात आज यहां मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम "शहीद - ए- आजम भगत सिंह जी के नामकरण" के समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही। 

*हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों को शुभकामनाएं*

उन्होंने इस अवसर पर हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के लोगों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का नाम शहीदे ए आजम भगत सिंह जी के नाम पर रखने के लिए अपनी ओर से शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने कहा कि भगत सिंह जी का नाम आते ही धमनियों में रक्त दौड़ने लगता है क्योंकि उन्होंने देश को जागृत करने के लिए हंसते-हंसते अपने बलिदान दे दिए थे। उन्होंने कहा कि जब भी आंखों के आगे उनका चेहरा आने लगता है तो देश भक्ति की भावना हर उस व्यक्ति के अंदर ओतप्रोत हो जाती है जो देश के लिए कुछ कर गुजरने का साहस रखता है। 

*आज हम एक फिर भगत सिंह जी श्रद्धाजंलि देने के लिए उनके नाम पर इस हवाई अडडे का नाम रख रहे हैं- विज*

श्री विज ने कहा कि हमारे देश को गुलामी की बेडियों से आजादी दिलाने के लिए कई महानुभवों ने अपने प्राणों की आहुति दी जिसमें से एक अमर शहीद भगत सिंह भी हैं, क्योंकि अमर शहीद भगत सिंह जी आज भी हमारे बीच में और हमारे दिलों-दिमाग में बसें हैं। आज हम एक फिर उनको श्रद्धाजंलि देने के लिए उनके नाम पर इस हवाई अडडे का नाम रख रहे हैं ताकि हमारी आने वाली पीढियां अमर शहीद के जज्बे और बहादुरी को याद रख सकें और देश में विकास और तरक्की में अपना योगदान उनको याद करते हुए दे सकें।

*हमें गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी और विभिन्न सामाजिक व धार्मिक बुराईयों से हमारे देश को आजादी दिलानी है"- विज*

गृह मंत्री ने कहा कि हमारे नौजवान आज विभिन्न कुरितियों और बुराईयों में फंस रहे हैं और हमारी इस तरूणाई को आज नशे ने अपनी चपेट में जकड रखा हैं। उन्होंने कहा कि "मैं चाहता हूं कि हमारे नौजवान भी देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले अमर शहीद भगत सिंह जी की तरह देश के लिए कुछ कर गुजरने कर जज्वा रखें। 

यह सही है कि आज हम आजाद हैं परंतु आज हमें कई मायनों में आजादी नहीं मिली है, हमें गरीबी से आजादी दिलानी है, हमें अशिक्षा से आजादी दिलानी हैं, हमें बेरोजगारी से आजादी दिलानी हैं, हमें विभिन्न सामाजिक व धार्मिक बुराईयों से हमारे देश को आजादी दिलानी है"।

श्री विज ने कहा कि अमर शहीद भगत सिंह जी कभी झुके नहीं और उन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए बहादुरी के साथ अंग्रेजों से लोहा लिया था क्योंकि उनकी दो-दो पीढियां आजादी के लिए अपना खून बहा चुकी थी। इसलिए आज मैं यहां से देश के नौजवानों को आहवान करता हूं कि हमें अमर शहीद भगत सिंह जी के संघर्ष, त्याग और बलिदान को याद रखना होगा ताकि हम अपने देश को भी विकास के पथ पर आगे बढा सके।

*भगत सिंह जी ने मौत की सजा सुनाने के बाद भी माफ़ीनामा लिखने से साफ मना किया*

गृह मंत्री ने कहा कि भगत सिंह जी द्वारा जेल के दिनों में उनके लिखे खतों व लेखों से उनके विचारों का अन्दाजा लगता है जिसमें उन्होंने भारतीय समाज में जाति और धर्म के कारण आयी दूरियों पर दुःख व्यक्त किया था। उन्होंने समाज के कमजोर वर्ग पर किसी भारतीय के प्रहार को भी उसी सख्ती से सोचा जितना कि किसी अंग्रेज के द्वारा किये गये अत्याचार को।

भगत सिंह को हिन्दी, उर्दू, पंजाबी तथा अंग्रेजी के अलावा बांग्ला भी आती थी जो उन्होंने बटुकेश्वर दत्त से सीखी थी। उनका विश्वास था कि उनकी शहादत से भारतीय जनता और उद्विग्न हो जायेगी और ऐसा उनके जिन्दा रहने से शायद ही हो पाये। इसी कारण उन्होंने मौत की सजा सुनाने के बाद भी माफ़ीनामा लिखने से साफ मना कर दिया था। 

श्री विज ने जिक्र करते हुए कहा कि फाँसी के पहले अपने भाई कुलतार को भेजे एक पत्र में भगत सिंह ने लिखा था-

*उन्हें यह फ़िक्र है हरदम, नयी तर्ज़-ए-ज़फ़ा क्या है?*

*हमें यह शौक है देखें, सितम की इन्तहा क्या है?*

*दहर से क्यों ख़फ़ा रहें, चर्ख का क्या ग़िला करें।*

*सारा जहाँ अदू सही, आओ! मुक़ाबला करें॥*

इन जोशीली पंक्तियों से उनके शौर्य का अनुमान लगाया जा सकता है। यह भी जगजाहिर है कि --क्या आप कल्पना कर सकते हैं, एक हुकूमत, जिसका दुनिया के इतने बड़े हिस्से पर शासन था, इसके बारे में कहा जाता था कि उनके शासन में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। इतनी ताकतवर हुकूमत, एक 23 साल के युवक से भयभीत हो गई थी।

*‘‘और वो कोई ओर नहीं, भगत सिंह जी थे’’।*

उन्होंने कहा कि फाँसी पर जाते समय भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु मस्ती से गा रहे थे -

*मेरा रँग दे बसन्ती चोला, मेरा रँग दे।*

*मेरा रँग दे बसन्ती चोला। माय रँग दे बसन्ती चोला॥*

*राज्य सरकार महापुरूषों के नाम से राज्य व जिला स्तर पर कार्यक्रमों का करती है आयोजन- विज* 

उन्होंने कहा कि हमारी राज्य सरकार भी ऐसे महापुरूषों के नाम से राज्य व जिला स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं ताकि लोगों के बीच ऐसे महापुरूषों की सीख व शिक्षाएं तथा संघर्ष व त्याग की भावना का जनजागरण किया जा सकें और देश में भाईचारा व अंखडता का वातावरण कायम रह सके।

*प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘‘उडान’’ स्कीम को शुरू किया - विज*

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने हवाई यात्रा और उसके साथ जुडे कार्यों के लिए विभिन्न पग उठाए हैं और इसी कडी में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘‘उडान’’ स्कीम को शुरू किया हैं ताकि देश का आम नागरिक भी हवाई जहाज की यात्रा कर सके। हवाई सम्पर्क की दृष्टि से हरियाणा ने भी विभिन्न कदम उठाए हैं जिसके तहत अब अंबाला से श्रीनगर व लखनउ के लिए हवाई यात्रा जल्द ही शुरू की जाएगी। 

इसके अलावा, अंबाला में 40 करोड रूपए की लागत से एक टर्मिनल भी बनाया जाएगा। ऐसे ही, हिसार में एयरपोर्ट के पैंसेंजर टर्मिनल को शुरू किया गया है तथा हिसार सिविल एयरोड्रोम के उन्नयन का निर्णय भी लिया गया हैं। राज्य के नारनौल, भिवानी व पिंजौर में एयरोड्रोम है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार चाहती है कि देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों के लिए हैली सेवा भी शुरू की जाए इसके लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत हैं।

अंत में उन्होंने कहा कि 

*"आओ झुक कर सलाम करें उनको,*

*जिनके हिस्से में ये मुकाम आया है* 

*कितने किस्मत वाले हैं वह लोग*

*जिन्होंने अपना लहू वतन के लिए बहाया है"*

इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बडारू दत्तात्रेय, पंजाब के राज्यपाल एवं चण्डीगढ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, केन्द्रीय वित मंत्री सीतारमण, पंजाब के मुख्यमंत्री सरकार भगवंत मान, केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री जनरल वी के सिंह, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, सांसद किरण खेर  सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।