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भारत-ताइवान साझेदारी के तहत सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब का चितकारा यूनिवर्सिटी कैंपस में उद्घाटन

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चंडीगढ़ 02-Sep-2022

सस्टेनेबल सिटीज एंड कम्युनिटी के  संयुक्त राष्ट्र सस्टेनेबल डवलपमेंट्स गोल्स   (एस.डी.जी.) के लक्ष्य 11 को हासिल करने  की दिशा में काम करते हुए , चितकारा यूनिवर्सिटी   ने  राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद और ताइवान की नेशनल चुंग चेंग  विश्वविद्यालय  की मदद से  एक सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी रिसर्च लैब की स्थापना की है। इस लैब  की स्थापना   साइट डिप्लॉयमेंट और  एआई  टेक्निक्स के रूप  में  इंटरनेशनल  कांपीटेंस  को स्थापित करने की   4 साल की परियोजना के एक भाग के रूप में की गई  है।

देश के  कम से कम एक शहर में कम से कम एक  एप्लीकेशन  को तैनात करने के लिए प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर ने चंडीगढ़ को   चुना है । रिसर्च लैब   के  महत्वपूर्ण लक्ष्यों में से एक  सस्टेनेबल स्मार्ट सिटी एप्लीकेशन को चंडीगढ़ में  लागू करने के उद्देश्य से चंडीगढ़ सिटी एडमिनिस्ट्रेशन  के साथ  तालमेल स्थापित करना है।   इसमें   पर्यावरण प्रदूषण का पता लगाने और स्मार्ट यातायात प्रबंधन को लागू करना भी शामिल हैं। 

धरती और उस  पर रहने वालों की  शांति और समृद्धि के लिए संयुक्त राष्ट्र के साझा ब्लूप्रिंट के केंद्र में 17  सस्टेनेबल डवलपमेंट्स गोल्स  (एसडीजी), जो सभी विकसित और विकासशील देशों में वैश्विक भागीदारी की त्वरित मांग  करते हैं।  सभी संगठनों के लिए 17 सस्टेनेबल डवलपमेंट्स गोल्स  (एसडीजी),  का लक्ष्य  को हासिल करने की दिशा में काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। 

चितकारा यूनिवर्सिटी   इन लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में लगन से योगदान दे रहा है और इसे इसके लिए   कई बार सम्मानित किया जा चुका है।  हाल ही में, उन्हें विश्व स्तर पर विश्वविद्यालयों के बीच 13 वां से सम्मानित किया गया था। टाइम्स हायर  एजुकेशन इंपेक्ट  रैंकिंग  2022  में एफोर्डेबल एंड क्लीन एनर्जी (एसडीजी  7) में यूनिवर्सिटी  को 13 वां वैश्विक स्तर पर पुरस्कार  हासिल  हुआ था। 

इसके अलावा, चितकारा यूनिवर्सिटी ने इस  रैंकिंग में  ओवरआल पोजिशन 201-300 हासिल  की और एसडीजी 12  और एसडीजी 13   में शीर्ष 100 में स्थान दिया गया है-  एसडीजी 12 रिस्पॉन्सिव कंजप्शन एंड प्रोडक्शन  और एसडीजी 13 क्लाइमेट एक्शन हैं।  इसके अलावा, चितकारा यूनिवर्सिटी ने  एसडीजी 6 जो कि क्लीन वाटर एंड सेनिटेशन हैं उसमें   101-200 रैंक हासिल की थी। 

यह ध्यान देने योग्य बात है कि ताइवान मंत्रालय द्वारा 48 आवेदनों मे से केवल 13 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई थी । इस रिसर्च लैब  के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, चितकारा यूनिवर्सिटी की प्रो चांसलर,  डॉ मधु चितकारा ने अनुसंधान के उन क्षेत्रों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई जिनसे मानवता को लाभ होना चाहिए।  

उन्होंने   नेशनल चुंग चेंग यूनिवर्सिटी, ताइवान के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर प्रो. पाओ एन और  एनएसटीसी से डॉ सी टी  वैंग ,  ताइवान और वाउ शुआन गेर, भारत में  ताइपेई इकोनॉमिक एंड कल्चर सेंटर  के  गवर्नमेंट रिप्रेजेंटेटिव का  इस परियोजना के कार्यान्वयन में  चितकारा टीम में विश्वास स्थापित करने के लिए धन्यवाद दिया ।  

इस कार्यक्रम में चितकारा यूनिवर्सिटी  के  उप कुलपति डॉ अर्चना मंत्री , वाइस प्रेसिडेंट आफिस ऑफ द इंटरनेशनल अफेयर्स   संजीव साहनी,  सीसीयू के प्रोफेसर रेन-सोंग को, सेक्रेटरी ऑफ साइंस एंड टेक्नालाजी  , टीईसीसी/एनएसटीसी से सुश्री चियांग और असिस्टेंट  डीन, अंतर्राष्ट्रीय मामलों का कार्यालय   डॉ. चारू खोसला भी उपस्थित थे।