5 Dariya News

पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने और गाँवों के सतत विकास के लिए राष्ट्रीय वर्कशॉप करवाने वाला पंजाब पहला राज्य बना

दो दिवसीय वर्कशॉप का उद्घाटन केंद्रीय पंचायती राज मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने किया

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एस.ए.एस नगर 22-Aug-2022

पंचायतों में विषय आधारित दृष्टिकोण के द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एल.एस.डी.जी) के स्थानीकरण बारे दो दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप का उद्घाटन आज यहाँ चंडीगढ़ के नज़दीक जीरकपुर में क्रिस्टल रिसोर्ट में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल और पंजाब के ग्रामीण विकास, कृषि और प्रवासी मामलों बारे मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने किया। 

इस अवसर पर राज्य के केबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क, हरभजन सिंह ई.टी.ओ, डॉ. बलजीत कौर, ब्रम शंकर जिम्पा, अनमोल गगन मान और चेतन सिंह जौड़ेमाजरा के अलावा श्री सुनील कुमार, सचिव, पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार, श्रीमती विनी महाजन सचिव, पेयजल और स्वच्छता विभाग, जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, श्री विजय कुमार जंजूआ, मुख्य सचिव पंजाब सरकार, श्री के शिवा प्रसाद, वित्त कमिश्नर, ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग, पंजाब सरकार और श्रीमती रेखा यादव, संयुक्त सचिव, पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार भी मौजूद थे।

इस अवसर पर संबोधन करते हुए पंजाब के ग्रामीण विकास, कृषि और प्रवासी मामलों बारे मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि पंजाब ने देश के लिए आगे बढ़कर अनेकों लड़ाईयां लड़ी हैं, फिर चाहे वह सरहदों की रक्षा हो जा देश का अन्न भंडार भरकर लोगों का पेट भरने की हो। परन्तु आज पंजाब वित्तीय संकट के दौर से गुज़र रहा है। सो, केंद्र सरकार को अपना फ़र्ज़ समझते हुए राज्य को इस संकट से बाहर निकालने के लिए खुले दिल से मदद करनी चाहिए। 

उन्होंने कहा कि पंजाब की 63 प्रतिशत आबादी गाँवों में बसती है और गावों का सर्वपक्षीय विकास तो ही संभव है यदि केन्द्र सरकार गाँवों में स्वास्थ्य सुविधाएं, पीने वाला पानी, खेल सुविधाएं, तालाबों के रख-रखाव आदि के लिए अधिक से अधिक फंड उपलब्ध करवाए। उन्होंने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार का यह फ़र्ज़ इसलिए भी बनता है क्योंकि पंजाब जी.एस.टी. के तौर पर एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में केंद्र को देता है। 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में पंचायती ज़मीनों से अवैध कब्ज़े हटाने की नई पहल की है। उन्होंने बताया कि पिछले पाँच महीनों के दौरान लगभग 9000 पंचायती ज़मीनों से अवैध कब्ज़े हटाकर सरकार की आय में वृद्धि की है। उन्होंने साथ ही बताया कि पंजाब में पहली बार राज्य की 13000 हज़ार ग्राम पंचायतों में से 12000 पंचायतों के ग्राम सभा सत्र करवाए गए हैं।

इस अवसर पर अध्यक्षीय भाषण देते हुए केंद्रीय पंचायती राज मंत्री श्री कपलि मोरेश्वर पाटिल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान की सराहना करते हुए कहा कि गाँवों के विकास के लिए राष्ट्रीय कॉन्फ़्रेंस करवाने वाला पंजाब पहला राज्य बना है और राज्य सरकार द्वारा दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस के लिए बहुत बढ़िया प्रबंध किये गए हैं। 

उन्होंने भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार की तरफ से केंद्रीय स्कीमों के अनुसार जो भी प्रस्ताव भेजे जाएंगे उसके लिए ज़रुरी फंड जारी किये जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ स्कीमों में तकनीकी ख़ामियों के कारण फंड जो रुके हैं उनको दूर करके फंड जारी करवाने के लिए हल निकाला जायेगा। 

उन्होंने साथ ही कहा पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने साधनों से आमदन बढ़ाने के लिए मेहनत करनी पड़ेगी जिससे उनको विकास के लिए सरकारों पर निर्भर न रहना पड़े। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अपनी पुरातन संस्कृति की योग जैसी क्रियाओं को अपने जीवन का हिस्सा बनाना होगा जिससे गावों के लोग सेहतमंद रहें और उनको कम से कम डॉक्टरों के पास जाना पड़े। 

इस अवसर पर एक अहम ऐलान करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अलग-अलग राज्यों की पंचायतों के बढ़िया काम को दिखाने के लिए एक दूसरे राज्य में पंचायातों को भेजने के लिए प्रोग्राम चलाया जायेगा।इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री कपलि मोरेश्वर पाटिल, पंजाब के ग्रामीण विकास मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और मौजूद मेहमानों ने पंचायती राज जानकारी मैपिंग और इवैलूएशन सिस्टम, प्राइम ऐप, एस.डी.जी वैबसाईट और पंजाब राज लाईवलीहुड मिशन की वैबसाईट भी लाँच की।

इस अवसर पर संबोधन करते हुए राज्य के कैबिनेट मंत्रीयों लाल चंद कटारूचक्क, हरभजन सिंह ई.टी.ओ, डॉ. बलजीत कौर, ब्रम शंकर जिम्पा, अनमोल गगन मान और चेतन सिंह जौड़ेमाजरा ने कहा कि गावों के सर्वपक्षीय विकास के लिए ज़रूरी है कि सरकारी फंड को पारदर्शी ढंग के साथ बिना किसी भेदभाव के विकास कार्यों पर खर्च किया जाये तो ही गावों के विकास की असली तस्वीर सामने आ सकती है।

इससे पहले पंजाब के मुख्य सचिव श्री विजय कुमार जंजूआ और केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री सुनील ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस वर्कशॉप के दौरान थीम 6-आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गाँव पर ज़ोर दिया जायेगा। इस राष्ट्रीय वर्कशॉप के मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में एलएसडीजी के विषयों को उत्साहित करने और अनुकूल बनाने के लिए सर्वोत्तम अभ्यासों के संदर्भ में सामर्थ्य निर्माण और प्रशिक्षण, मिसाली रणनीतियों, दृष्टिकोण, समान कार्यवाहियों और नवीनताकारी मॉडलों का प्रदर्शन करना है।

राष्ट्रीय वर्कशॉप पंचायतों को ज़मीनी स्तर पर लैंस थिमेटिक दृष्टिकोण के द्वारा एलएसडीजी की प्रक्रिया को संस्थागत बनाने के लिए अलग-अलग मॉडलों पर मिलकर सीखने के लिए एक मंच प्रदान करेगी। इसके अलावा यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन और स्थानीय शासन में प्रोग्रामों के आदान-प्रदान के द्वारा सूचना/विचारों के आदान-प्रदान का मौका प्रदान करेगी। इस राष्ट्रीय वर्कशॉप में देशभर के 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पंचायती राज संस्थाओं के 1300 के करीब चुने हुए नुमायंदे भाग ले रहे हैं।

यह वर्कशॉप पंचायतों को ज़मीनी स्तर पर आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाले गाँवों के विषय को संस्थागत रूप देने के लिए अपने अनुभवों और नवीनताकारी मॉडलों, रणनीतियों, दृष्टिकोणों को प्रदर्शित और साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी, जो सड़क, पेयजल, स्वच्छता, स्ट्रीट लाईट, स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और डिस्पेंसरियों, कॉमन सर्विस सैंटरों, स्थानीय बाज़ार, आंगनबाड़ी केन्द्रों, पशुधन सहायता केंद्र, कम्युनिटी सेंटर के क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता से जुड़े बुनियादी ढांचे का विकास करके बुनियादी सेवाएं प्रदान करने में शानदार प्रदर्शन किया है।

इस दो दिवसीय राष्ट्रीय वर्कशॉप के दौरान पंचायती राज संस्थाओं के नुमायंदे राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अलग-अलग विषयों में ज़मीनी स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) को संस्थागत बनाने के लिए अपने अनुभवों और नवीनताकारी मॉडलों, रणनीतियों और दृष्टिकोण को प्रदर्शित और साझा करेंगे। पंचायती राज मंत्रालय संशोधित राष्ट्री पंचायत पुरुस्कारों पर भी विस्तृत प्रस्तुति देगा।