5 Dariya News

भाजपा ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर सभी 35 वार्डो में निकाली मौन यात्रा

भारत पाकिस्तान के बंटवारे का दर्द साझा करने का दिन : अरुण सूद

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चंडीगढ़ 14-Aug-2022

भाजपा द्वारा भारत पाकिस्तान के बंटवारे के दिन 14 अगस्त को विभाजन विभाषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया गया जिसके तहत चंडीगढ़ के सभी 35 मंडलों में मौन यात्रा आयोजित की गई व बटवारे का दंश झेल चुके विस्थापितो के दर्द को याद कर उसे लोगो तक पहुंचाने की कोशिश की गई। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हर वर्ष 14 अगस्त को पूरे देश में विभाजन विभीषिका स्मृति  दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला किया गया है इसी के तहत आज चंडीगढ़ के सभी मंडलों में मौन जुलूस यात्रा निकाली गई व बटवारे का दंश झेल चुके परिवारों को याद किया गया।

इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने 5 मंडलों की यात्रा में हिस्सा लिया जिनमें मलोया , सेक्टर 47 तथा मनिमाजरा शामिल है।इन मौन यात्राओं में मंडल नंबर 28 में अरुण सूद के साथ कार्यक्रम संयोजक एवं प्रदेश प्रवक्ता कैलाश चंद जैन,  जिला अध्यक्ष रविंद्र पठानिया , जिला कार्यक्रम संयोजक मीनाक्षी ठाकुर,   मंडल अध्यक्ष राहुल द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।

इसी प्रकार मंडल नंबर 21 में प्रदेशाध्यक्ष अरुण सूद , जिला अध्यक्ष नरेश पांचाल,  जिला संयोजक राजेश अरोड़ा तथा मंडल अध्यक्ष अवि भसीन के साथ सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं व आमजन ने हिस्सा लिया। जबकि मनिमाजरा के मंडल नंबर 4,5, 6 की यात्राओं में भी अरुण सूद ने हिस्सा लिया जिनमे  जिला अध्यक्ष मनीष भसीन मन्नू, कार्यक्रम संयोजक संजीव वर्मा , जिला उपाध्यक्ष राजेश चहल , मुकेश शर्मा, मंडल अध्यक्ष अमित बिड़ला, व अशोक जोशी  के अलावा  बड़ी संख्या में कायकर्ता व आम लोग शामिल हुए।

 इनके अलावा सभी वार्डों में मंडल अध्यक्षों के नेतृत्व में मौन  जुलूस निकाले गए ।  सभी मंडलों में पार्टी के प्रदेश  पदाधिकारियों ने शिरकत की व उनके अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।    इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण सूद ने कहा कि आज का दिन हिंदुस्तान पाकिस्तान के बंटवारे के समय के दर्द का याद करने का दिन है 14 अगस्त 1947 को  भारत व पाकिस्तान का बटवारा कर दिया गया था  जिसमें दोनों तरफ दंगे भड़के और लाखों की संख्या में लोगों जान गवाई।  यह वह समय था जब लोगों को अपने घर बार छोड़कर  विस्थापित होना पड़ा।

आज उस बटवारे के दिन को याद करके यही कामना करते है कि आज के कार्यक्रमो से आज की पीढ़ी को जानकारी मिलेगी और दोबारा ऐसा दिन दोबारा देखने को न मिले यही कामना करते है।