CWG 2022: भारत की बेटियों ने रचा इतिहास- ना पैसा, ना कोच.. फिर भी बर्मिंघम में लहरा दिया तिरंगा
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CWG 2022: भारत की बेटियों ने रचा इतिहास- ना पैसा, ना कोच.. फिर भी बर्मिंघम में लहरा दिया तिरंगा

Commonwealth Games: Lawn bowls में भारत की बेटियों का शानदार प्रदशर्न, इनके पास ना कोई फंड था और ना ही कोई कोच.. दिन रात मेहनत की और जीत लिया गोल्ड मेडल

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बर्मिंघम 03-Aug-2022

commonwealth games 2022: कोई भी खिलाड़ी हो वो महान तभी बनता है जब कोई कोच उसको सही दिशा देता है। लेकिन अगर आपका कोई कोच ही ना रहा हो? तो क्या आप उम्मीद करेंगे कि आप उस खेल में झंडे गाड़ लेंगे? जी हां भारत की बेटियों कुछ ऐसा ही कर दिखाया।कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (commonwealth games 2022) में भारत का शानदार प्रदर्शन जारी है, शुरुआती पांच दिन में देश के नाम अभी तक 13 मेडल्स हो चुके हैं। इसमें एक सबसे खास पल मंगलवार को आया, जब लॉन बॉल्स इवेंट में भारत को गोल्ड मेडल मिला। भारतीय महिला टीम ने ये इतिहास रचा, क्योंकि इस इवेंट में पहली बार हुआ जब भारत को कोई मेडल मिला हो और वह भी सीधा गोल्ड मेडल।

भारत ने फाइनल मुकाबले में साउथ अफ्रीका को 17-10 से मात दी। भारत की बेटियां लवली चौबे, रूपा रानी टिर्की, पिंकी और नयनमोनी साकिया जिन्होंने देश का नाम रोशन किया, उनके लिए यह सफर इतना आसान नहीं था क्योंकि ना तो इनके पास कोई फंड था और ना ही कोई कोच। यानी सबकुछ अपनी मेहनत से किया गया। दिन रात एक किया। चारों ही महिलाएं अलग-अलग बैकग्राउंड से आती हैं, सभी का बैकग्राउंड काफी सिंपल है लेकिन इन सबके बावजूद उन्होंने यहां इतिहास रचा। 

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जीत के बाद सभी खिलाड़ियों ने बताया कि जो मेहनत हमने की और जो सोचा था, वह हमने हासिल कर लिया है। कई महीनों से हम इसके लिए लगे हुए थे। 2010 से शुरू हुआ ये सफर कैसे कॉमनवेल्थ गेम्स तक पहुंचा, इसपर टीम इंडिया ने कहा कि हम लोग अलग-अलग लेवल पर खेलते रहे, हमने कई मेडल भी जीते हैं। लेकिन हमारा लक्ष्य था कि किसी भी हाल में कॉमनवेल्थ गेम्स (commonwealth games 2022) में भी मेडल लाना है।

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कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 के बाद से ही महिला टीम के पास कोई कोच नहीं है। यानी पिछले चार साल से वह खुद के दम पर ही तैयारियों में जुटी थीं और अब चार साल बाद यानी कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में यह मेहनत सफल आई और भारत के नाम गोल्ड मेडल हुआ। लॉन बॉल्स को कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बने हुए 92 साल हो गए हैं, भारत ने पहली बार इसमें कोई मेडल जीता है। देश में बहुत कम लोग ऐसे थे जिन्हें इस खेल के बारे में जानकारी होगी। लेकिन गोल्ड जीतने के बाद देश का हर नागरिक इस खेल के बारे में जानना चाहता है।