5 Dariya News

डॉ. राघव लंगर ने जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में बीएडीपी कार्यान्वयन की समीक्षा की

उपायुक्तों को चालू वित्त वर्ष के भीतर परियोजनाओं को पूरा करने का निर्देश

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श्रीनगर 23-Jul-2022

सचिव योजना विकास और निगरानी विभाग, डॉ. राघव लंगर ने आज जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में सीमा क्षेत्र् विकास कार्य्रकम के कार्यान्वयन की समीक्षा हेतु एक बैठक की अध्यक्षता की।बैठक में महानिदेशक बीएडीपी, पीडी एंड एमडी, जीओसी 9 कोर, 15 कोर, 16 कोर, प्रोजेक्ट बीकन श्रीनगर, सीमा सुरक्षा बल जम्मू/कश्मीर और अन्य संबंधित अधिकारियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

उपायुक्त कठुआ, सांबा, राजौरी, पुंछ, कुपवाड़ा, बांदीपोरा, बारामूला और जम्मू, सीमा सुरक्षा बलों के प्रतिनिधि, मुख्य योजना अधिकारी जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी, पुंछ, बांदीपोरा, बारामूला, कुपवाड़ा और जिला स्तर के अधिकारी, संबंधित विभाग/कार्यान्वयन एजेंसियों ने वीडियो कांरफेंसिंग के माध्यम से बैठक में भाग लिया।

सचिव ने बीएडीपी के तहत चल रहे कार्यों के विभिन्न मुद्दों, बाधाओं और समय-सीमा पर चर्चा करते हुए जम्मू और कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में बीएडीपी के कार्यान्वयन पर विस्तृत चर्चा की।सचिव पीडी एंड एमडी ने संबंधित जिला प्रमुखों से जिलेवार विवरण मांगा और उन्हें बीएडीपी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए और धन का उचित उपयोग सुनिश्चित करते हुए 31 मार्च, 2023 से पहले परियोजनाओं को पूरा करने का निर्देश दिया।

योजना के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बीएडीपी एक तरफ सामाजिक-आर्थिक बुनियादी ढांचे में अंतराल को पाटने और सीमा में सुरक्षा वातावरण में सुधार हेतु केंरद शासित प्रदेश योजना निधि के पूरक द्वारा सीमा क्षेत्रें के विकास के लिए कें्रद सरकार का एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है। 

इसके अलावा, उन्होंने इस तथ्य की ओर ध्यान आकर्षित किया कि गृह मंत्रलय, भारत सरकार द्वारा एक नई संशोधित बीएडीपी योजना शुरू होने की संभावना है और इसलिए, मौजूदा कार्य्रकम के नए मूल्यांकन की आवश्यकता शून्य आधार बजट समीक्षा के आधार पर है। यह बताया गया कि बीएडीपी के तहत 553.83 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 832 कार्य निष्पादित किए जा रहे हैं, जिसके अनुसार 313.55 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 

इसके अलावा, योजना विभाग ने 21.46 करोड़ रुपये की राशि जारी की है और जुलाई 2022 के महीने में ही पुनर्वैधीकरण के तहत 204.60 करोड़ रुपये की शेष राशि भी अगले चरणों में जारी की जाएगी।कार्यान्वयन एजेंसियों जैसे आरडीडी, आरएंडबी, जल शक्ति आदि के अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे कोई पुनर्विनियोजन प्रस्ताव प्रस्तुत न करें और मौजूदा स्वीत लागत के भीतर कार्यों को बंद करें। 

सभी शेष निविदा प्र्रिकया को अगस्त, 2022 से पहले पूरा करने का निर्देश दिया गया। जिला विकास आयुक्तों को समय-समय पर योजना की समीक्षा करने के लिए कहा गया।