5 Dariya News

आम आदमी जीएसटी और महंगाई की मार झेल रहा है, राघव चड्ढा के सवाल पर केंद्र सरकार के जवाब में हुआ खुलासा- 6 साल में केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी से 16 लाख करोड़ रूपए से ज्यादा वसूले

सांसद राघव चड्ढा का केंद्र से सवाल-एक्साइज शुल्क से 16 लाख करोड़ रुपये वसूलने के बाद भी महंगाई की मार क्यों झेल रहा है आम आदमी?

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चंडीगढ़ 22-Jul-2022

आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने देश में अमर वेल की तरह बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। चड्ढा ने सवाल किया कि मोदी सरकार बताये एक्साइज शुल्क से 16 लाख करोड़ रुपये से अधिक कमाई के बावजूद आम आदमी महंगाई की मार क्यों झेल रहा है? बता दें कि सांसद चड्ढा द्वारा उठाए गए एक सवाल के जवाब में संसद में केंद्र सरकार ने खुलासा किया कि सरकार ने 2016 से पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए एक्साइज शुल्क से 16 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है।

आंकड़ों के अनुसार 2021-22 के वित्तीय वर्ष में पेट्रोलियम क्षेत्र से सरकार द्वारा एक्साइज शुल्क 3.63 लाख करोड़ रुपये वसूले गए थे। 2020-21 में 3.72 लाख करोड़ रुपये, 2019-20 में 2.23 लाख करोड़ रुपये,2018-19 में 2.14 लाख करोड़ रुपये, 2017-18 में 2.29 लाख करोड़ रुपये और 2016-17 वित्तीय वर्ष में 2.42 लाख करोड़ रुपये एकत्रित किए गए थे।

चड्ढा ने बताया कि "संसद में दाखिल मेरे सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने जवाब दिया है कि पिछले छह सालों में सरकार ने 16 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा एक्साइज ड्यूटी वसूली  है। इतनी वसूली के बाद भी देश की आम जनता क्यों अभी भी 100 रुपये का पेट्रोल और महंगा दूध-दही-आटा खरीदने को मजबूर है?''चड्ढा ने कहा कि आम आदमी पर महंगाई और बेरोजगारी की दोहरी मार जारी है। 

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने खुलासा किया है कि पिछले 6 सालों में केंद्र सरकार ने एक्साइज शुल्क के रूप में 16 लाख करोड़ से अधिक की वसूली की और पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में 5 बार वृद्धि हुई है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को बढ़ाकर सरकार ने 16 लाख करोड़ रुपये इकठ्ठे किए। बावजूद इसके आम आदमी अभी भी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी का भुगतान करने के लिए मजबूर है। 

चड्ढा ने भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार को एक्साइज से मोटी कमाई होने के बाद भी आम आदमी को लाभ क्यों नहीं मिल रहा है? चड्ढा ने मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को यह बताने की चुनौती दी कि देश के आम लोग उनकी विफल आर्थिक नीतियों के कारण क्यों पीड़ित हैं?